अयोध्या बायपास में 7871 पेड़ बचाने सड़क पर उतरेंगे लोग:NGT ने 8 जनवरी तक रोक लगाई; पर्यावरणविद् बोले-10 की बजाय सिक्सलेन बनाए NHAI

अयोध्या बायपास में 7871 पेड़ बचाने सड़क पर उतरेंगे लोग:NGT ने 8 जनवरी तक रोक लगाई; पर्यावरणविद् बोले-10 की बजाय सिक्सलेन बनाए NHAI

भोपाल के अयोध्या बायपास को 10 लेन में तब्दील करने के लिए 7871 पेड़ों को काटने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) रोक लगा दी गई है। अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी। इससे पहले पेड़ों को कटने से बचाने के लए गुरुवार को लोग सड़क पर उतरेंगे। पर्यावरणविद् का कहना है कि जिन पेड़ों को एनएचएआई नगर निगम के जरिए काट रहा है, उनकी उम्र 40 से 80 साल तक है। भले ही 81 हजार पौधे रोपने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन इन पौधों को पेड़ बनने में सालों लग जाएंगे। ऐसे में एनएचएआई 10 की बजाय सिक्सलेन बनाने पर जोर दें। जिससे हरियाली नहीं उजड़ेंगी और सड़क भी चौड़ी हो जाएगी। पर्यावरणप्रेमी पेड़ों से लिपटकर आंदोलन करेंगे
पेड़ों को बचाने के लिए गुरुवार दोपहर 2 बजे कई पर्यावरणप्रेमी काकड़ा फार्म हाउस अयोध्या बायपास पर पहुंचेंगे और पेड़ों से लिपटकर उन्हें बचाने की गुहार लगाएंगे। इंफ्रास्क्ट्रचर एक्सपर्ट सुयश कुलश्रेष्ठ ने कहा कि 10 लेन रोड किसी को नहीं चाहिए। वर्तमान में चार लेन रोड है, उसे अधिक से अधिक छह लेन करना उचित है। वहां पर जितना ट्रैफिक है, उसके हिसाब से इतनी लेन की रोड की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा नेशनल हाईवे अथॉरिटी को शहर के अंदर रोड बनाने का अधिकार नहीं है, उनको शहर के बाहर की रोड पर बनाना चाहिए । पर्यावरणविद् उमाशंकर तिवारी ने बताया कि पेड़ों को बचाने के लिए अब सड़क पर उतरेंगे। अयोध्या बायपास का इलाका काफी हरा-भरा है। ऐसे में पेड़ों को काट दिया जाता है तो हरियाली उजड़ जाएगी। इसलिए गुरुवार को बड़ी संख्या में लोग एकसाथ जुटेंगे और पेड़ों को बचाने की गुहार लगाएंगे। 16 किमी लंबा 10 लेन
आसाराम चौराहा से रत्नागिरि तिराहे तक 16 किमी लंबे अयोध्या बायपास को दस लेन बनाया जाना है। तीन दिन पहले गठित कमेटी के आदेश के बाद नगर निगम के माध्यम से एनएचएआई ने पेड़ कटवाने का काम शुरू किया।
पर्यावरणविद् नितिन सक्सेना ने यह याचिका लगाई थी। उन्होंने बताया कि जब तक एनजीटी अपने स्पष्ट आदेश जारी नहीं कर देती, तब तक पेड़ों की कटाई नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन गठित कमेटी ने आदेश जारी कर दिए। इसलिए 8 जनवरी तक पेड़ काटने पर रोक लगाई गई है। एनजीटी में इस मामले की सुनवाई जस्टिस पुष्पा सत्यनारायणा और एक्सपर्ट मेंबर सुधीर कुमार चतुर्वेदी की पीठ ने की। ​ट्रिब्यूनल ने सख्त रुख अपनाते हुए निर्देश दिया है कि CEC कमेटी की बैठक के मिनट्स अभी तक पेश नहीं किए गए हैं। इसलिए अगली सुनवाई तक प्रोजेक्ट स्थल पर पेड़ों की कटाई या कटाई नहीं की जाए। ​हालांकि, एनजीटी ने स्पष्ट किया है कि एनएचएआई पेड़ों को काटे बिना सड़क प्रोजेक्ट का अन्य कार्य जारी रख सकता है।
दूसरी ओर, एनएचएआई का तर्क है कि सीईसी की बैठक के सारे मिनट्स एनजीटी में पेश कर दिए गए। बावजूद 8 जनवरी तक पेड़ों की कटाई पर रोक लगाई गई है। इस संबंध में अपना पक्ष भी रखेंगे। कांग्रेस का दो दिन तक प्रदर्शन
बता दें कि सोमवार को अयोध्या बायपास पर कई पेड़ों को काटने की कार्रवाई की गई थी। इसका कांग्रेस ने विरोध किया। एनएचएआई ठेकेदार के जरिए पेड़ कटवा रहा है। मौके पर पहुंचे कांग्रेस नेता अभिनव बरोलिया ने कार्रवाई का विरोध जताया। साथ ही इसे तुरंत रोकने की मांग की। अगले दिन मंगलवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रवीण सक्सेना, रविंद्र साहू झूमरवाला समेत कई कांग्रेसियों ने मास्क पहनकर विरोध प्रदर्शन किया था। पर्यावरणविद उमाशंकर तिवारी ने बताया कि बायपास के दोनों ओर जो भी पेड़ काटे जा रहे हैं, उनकी उम्र 80 से 100 साल या इससे अधिक है। इनके बदले यदि नए पौधे लगाए भी जाएंगे तो उनके पेड़ बनने में सालों बीत जाएंगे। विकास के नाम पर हरियाली का विनाश मंजूर नहीं है। एनएचएआई पेड़ों की कटाई तुरंत रोके। ताकि, हरियाली बचाई जा सके। NHAI ने पेड़ों के बदले यह प्लान बनाया था दस लेन सड़क बनाने के बदले कुल 7871 पेड़ कटेंगे। उनके एवज में एनएचएआई कुल 81 हजार पौधे लगाएगा। दोनों ओर दो-दो सर्विस लेन भी बनेगी
यह सड़क दस लेन होगी। मुख्य सड़क सिक्सलेन होगा, जबकि इसके दोनों तरफ 2-2 लेन सर्विस रोड बनेगी। यह भी एनएचएआई ही बनाएगा। इससे कॉलोनी के लोगों को आने-जाने में आसानी होगी। हर रोज गुजरते हैं 40 हजार वाहन
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर देवांश नुवल ने बताया कि अयोध्या बायपास की 40 हजार वाहन की क्षमता है, जबकि वर्तमान में यह आंकड़ा 45 हजार प्रतिदिन है। आसपास विकसित हो रही आवासीय कॉलोनियों से यातायात सीधे मुख्य मार्ग पर आने के कारण इस खंड पर यातायात दबाव बढ़ता जा रहा है। दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। इस मार्ग पर वर्तमान में तीन ब्लैक स्पॉट्स चिह्नित किए गए हैं। ताकि, हादसे कम हो। सड़क के दोनों ओर सर्विस रोड का निर्माण किया जा रहा है। जिससे कॉलोनियों से आने-जाने वाले स्थानीय वाहनों को पृथक मार्ग उपलब्ध होगा और मुख्य कैरिज-वे पर यातायात दबाव कम होगा। पूरे बायपास को छह लेन में विकसित किया जा रहा है। इसका डिजाइन इस प्रकार तैयार किया गया है कि यह वर्ष 2050 तक के अनुमानित यातायात दबाव को सुचारु रूप से संभाल सके। बेहतर एवं चौड़ी सड़क उपलब्ध होने से यात्रा समय में कमी, ईंधन की बचत और प्रदूषण में कमी आएगी। इसी साल अगस्त में कॉन्ट्रैक्ट
एनएचएआई के मुताबिक, दिसंबर 2024 में टेंडर फाइनल हुआ। 11 अगस्त 2025 को कॉन्ट्रैक्ट हो गया था। इसके बाद पेड़ कटाई मामला चलता रहा। प्रोजेक्ट से यह फायदा
शहरी ट्रैफिक के अलावा विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम और इंदौर से आने-जाने वाला भारी ट्रैफिक इसी पर चलता है। बायपास पर अक्सर जाम और हादसे होते हैं। छह लेन सड़क बनने से हर रोज लाखों राहगीरों को बड़ा फायदा मिलेगा। इस लेन पर 3 बड़े फ्लाईओवर, करोंद, पीपुल्स मॉल और मीनाल के पास बनेंगे। कुल लागत 836.91 करोड़ रुपए है और 2 साल में काम पूरा होना है। बायपास करीब 16 किलोमीटर लंबा है।

​ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *