चुनावी साल में बिहार की 2 पार्टियां जदयू और LJP R को चंदे के रूप में खूब पैसा मिला है। JDU को जहां पिछले साल की तुलना में 932% (18.69 करोड़ रुपए) तो चिराग पासवान की पार्टी को 9403% (11.09 करोड़ रुपए) ज्यादा चंदा मिला है। राष्ट्रीय पार्टी की बात करें तो भाजपा को 6,654 करोड़ रुपए दान में मिले हैं। वहीं, कांग्रेस को मिलने वाला चंदा घटा है। उसे 522.13 करोड़ रुपए मिले हैं। पार्टियों को ज्यादातर चंदा इलेक्टोरल ट्रस्ट से मिला है। दैनिक भास्कर की इस रिपोर्ट में जानिए चुनावी चंदे का चढ़ावा किसे चढ़ा। सबसे आगे कौन है। चंदा देने वालों में कौन-कौन बड़ी हस्तियां हैं। सबसे पहले जानते हैं जदयू का चंदा जनता दल यूनाइटेड पर चुनावी साल में चंदे के रूप में पैसे की बारिश हुई है। पार्टी को 18 करोड़ 69 लाख 76 हजार रुपए का दान मिला है। चुनाव आयोग के मुताबिक, पार्टी को चंदा 25 हजार रुपए से लेकर करोड़ रुपए तक दिया गया है। इस चंदे में सबसे बड़ा हिस्सा इलेक्टोरल ट्रस्ट का है। जदयू को कहां-कहां से चंदा मिला? निर्वाचन आयोग के मुताबिक, जदयू को सबसे ज्यादा चंदा इलेक्टोरल ट्रस्ट से हासिल हुआ है। प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 10 करोड़, प्रूडेन्ट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 5 करोड़ और समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट एसोसिएशन से 2 करोड़ रुपए दिए हैं। 2024-25 के चंदे के डिटेल्स के अनुसार पार्टी को इलेक्टोरल ट्रस्ट, कंपनियों और व्यक्तियों समेत कुल 66 संस्थाओं से 18.69 करोड़ रुपए मिले हैं। जदयू को बिहार में काम कर रही कंपनियों ने दिया दान जदयू को बिहार में काम करने वाली कंपनियों ने दान दिए हैं। बिहार सरकार को ह्यूमन रिसोर्स उपलब्ध कराने वाली कंपनी डोनेशन देने में सबसे ऊपर है। उर्मिला इंटरनेशनल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने निजी संस्था के रूप में सबसे अधिक 10 लाख रुपए दिए हैं। बिहार में बिस्किट बनाने वाली कंपनी सोना बिस्किट्स लिमिटेड ने चुनावी चंदे के रूप में 10 लाख रुपए दिए। नटराज आयरन एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने 5 लाख रुपए दान किए। आदित्य वीजन ने 1 लाख 1 रुपए का चंदा दिया। बेंगलुरु और कोलकाता की कंपनियों ने दिया चंदा जदयू को कोलकाता की अनमोल इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 15 लाख रुपए दान किए। बिहार में साइकिल बनाने वाली कंपनी एवन ने 25 हजार रुपए का चेक दिया है। बेंगलुरु की प्रेस्टीज आईवी टेरेस के आकाश अग्रवाल ने 10 लाख रुपए का दान दिया। पिछले साल से कितना बढ़ा दान जदयू को पिछले साल से 932% ज्यादा दान मिला है। चुनाव आयोग के मुताबिक जदयू को 2023-24 में 1.81 करोड़ रुपए डोनेशन के रूप में मिले थे। 2024-25 में यह बढ़कर 18 करोड़ 69 करोड़ रुपए हो गया। पार्टी के नेता नाम नहीं छापने की शर्त पर कहते हैं, ‘हमारी पार्टी को दूसरी पार्टी के मुताबिक काफी कम दान मिला है। यह जरूर है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल अधिक डोनेशन मिला है। चुनावी साल होने की वजह से पार्टी के नेताओं पर डोनेशन जमा कराने का प्रेशर होता है। पार्टी का खर्च भी अधिक होता है।’ सीएम, एमपी, विधायक तक ने दान दिए चुनावी साल में जदयू के नेताओं, विधायकों और सांसदों ने भी डोनेशन दिया। सीएम नीतीश कुमार ने 1 महीने का वेतन 1 लाख 25 हजार रुपए पार्टी को दान किया। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने 3.74 लाख रुपए दिए हैं। सांसद राजीव रंजन सिंह, दिनेश चंद्र यादव, गिरिधारी यादव, रामनाथ ठाकुर, कौशलेंद्र कुमार ने पार्टी फंड में पैसे दिए हैं। दिलेश्वर कामत, रामप्रीत मंडल और आलोक कुमार सुमन ने 72 हजार रुपए दान किए। अजय कुंअर मंडल और खीरू महतो ने भी 72 हजार रुपए दिए। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, सीवान सांसद विजय लक्ष्मी देवी, शिवहर सांसद लवली आनंद और सीतामढ़ी सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने पार्टी फंड में 54,000 रुपए दान किए हैं। चिराग पासवान की पार्टी को 9403% ज्यादा चंदा चिराग पासवान की पार्टी LJP R को मिलने वाले चंदे में 9403% की वृद्धि हुई है। इलेक्शन कमीशन की ओर से जारी कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट के मुताबिक, इस पार्टी को 2024-25 में 11.09 करोड़ रुपए चंदा मिला है। वहीं, 2023-24 में इसे मात्र 11.67 लाख रुपए चंदा मिला था। LJP R को कहां से मिला कितना चंदा? LJP R को सबसे ज्यादा 10 करोड़ रुपए का चंदा प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट से मिला है। प्रूडेन्ट इलेक्टोरल ट्रस्ट से पार्टी को 1 करोड़ रुपए चंदा मिला है। इंडिविजुअल चंदे की बात करें तो प्रवीण सबरवाल और सूर्या विज ने 25-25 हजार रुपए चंदा दिए हैं। LJP R के सांसद और चिराग पासवान के बहनोई अरुण भारती इकलौते पार्टी नेता हैं, जिन्होंने 25 हजार रुपए चंदा दिया है। इनके अलावा दिलीप कुमार ने 1 लाख रुपए और राउरकेला के रंजन लाल ने 50 हजार रुपए पार्टी फंड में दिए हैं। वहीं, अगर कंपनी की बात करें तो हेत्वी इंटरप्राइजेज ने 50 हजार रुपए, एसआरआर प्रोजेक्ट्स ने 5 लाख रुपए और आशा कॉर्प ने 25 हजार रुपए का चंदा दिया है। इनके अलावा प्रमोद मनोहर कुदाले ने एक लाख रुपए का चंदा दिया है। भाजपा को कितना मिला चुनावी चंदा? भाजपा को रिकार्ड तोड़ चंदा हासिल हुआ। इस मामले में कांग्रेस आसपास भी नहीं। केंद्र में सत्ता होने का असर साफ दिखा है। चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक 2024-25 में चंदे के रूप में बीजेपी को 6 हजार 654 करोड़ रुपए प्राप्त हुए। आयोग के मुताबिक पार्टी को पिछले साल की तुलना में करीब 68% ज्यादा फंड हासिल हुआ है। 2023-24 में भाजपा को 3 हजार 967 करोड़ रुपए का डोनेशन मिला था। कहां-कहां से चंदा हासिल हुआ? भाजपा को कुल चंदा का लगभग 40% हिस्सा चुनावी ट्रस्टों से मिला। प्रूडेन्ट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 2 हजार 180 करोड़ रुपए, प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट से 757 करोड़ रुपए और न्यू डेमोक्रेटिक इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 150 करोड़ रुपए दान किया। अन्य चुनावी ट्रस्टों से 3 हजार 112 करोड़ रुपए डोनेशन मिला है। कॉर्पोरेट और शिक्षण संस्थानों ने दिया चंदा भाजपा को कॉर्पोरेट घराने से चंदा मिला है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 100 करोड़ रुपए, रुंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने 95 करोड़ रुपए, वेदांता ने 67 करोड़ रुपए और मैक्रोटेक डेवलपर्स ने 65 करोड़ रुपए दान किए। बजाज समूह की तीन अलग-अलग कंपनियों ने 65 करोड़ रुपए दिए हैं। ड्राइव इंवेस्टमेंट्स ने 50 करोड़ रुपए दिए हैं। मालाबार गोल्ड ने 10 करोड़ रुपए, कल्याण ज्वैलर्स ने 15.1 करोड़ रुपए, हीरो ग्रुप ने 23.65 करोड़ रुपए, दिलीप बिल्डकॉन ग्रुप ने 29 करोड़ रुपए, आईटीसी लिमिटेड ने 35 करोड़ रुपए और वेव इंडस्ट्रीज ने 5.25 करोड़ रुपए दान किया। सांसद और नेताओं ने पार्टी को दिए पैसे भाजपा नेताओं ने पार्टी फंड में पैसे दान किए हैं। कई राज्यों के सीएम, मंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री जैसे नेताओं ने बिहार चुनाव के पहले पार्टी को आर्थिक मदद दी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक माह का वेतन दिया। असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने 3 लाख रुपए और असम के मंत्री पीयूष हजारिका ने 2 लाख 75 लाख रुपए डोनेशन दिया। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने 5 लाख रुपए, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने 1 लाख रुपए और भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय ने 1 लाख रुपए का दान किया। भाकपा माले को कितना दान मिला? भाकपा माले को 2024-25 में 49 लाख 95 हजार 765 रुपए चंदा मिले। चुनाव आयोग के मुताबिक पार्टी को उसके विधायकों और पूर्व विधायकों से पैसा मिला है। 2023-24 में इसे 43 लाख 579 रुपए चंदा मिला था। इस तरह एक साल में चंदे की रकम 6 लाख 95 हजार 186 रुपए बढ़ी है। भाकपा माले को यूपी से मिला चंदा पार्टी को वाराणसी, प्रयागराज, गाजीपुर, पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) से चंदा हासिल हुआ है। इनके विधायक ने किस्तों में चंदा दिया है। विधायक संदीप सौरव ने 90 हजार और महानंद सिंह ने 6 किस्तों में 2 लाख 40 हजार रुपए दान किए। विधायक रामवली सिंह ने किस्तों में 3 लाख 30 हजार रुपए दान किए। पार्टी फंड में कुल 37 सदस्यों ने दान किए हैं। कांग्रेस का चंदा घटा बिहार में कांग्रेस महागठबंधन की सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ी। कांग्रेस को 2024-25 में 522 करोड़ 13 लाख रुपए चंदा मिले। यह 2023-24 से 43 फीसदी कम है। पिछले वित्त वर्ष में पार्टी को 1129 करोड़ रुपए चंदा मिले थे। राजद ने नहीं बताया चंदा कितना मिला राजद ने अभी तक नहीं बताया है कि इस साल उसे कितना चंदा मिला है। पार्टी के पास यह घोषित करने के लिए समय है। चुनाव आयोग की माने तो पार्टी की ओर से रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। चुनाव तिथि की आखिरी तारीख के 90 दिनों के भीतर हर मान्यता प्राप्त और राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल को चुनावी चंदा का ब्योरा जमा करना होता है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को चंदा नहीं मिला असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 2024-25 में चंदा नहीं मिला है। पार्टी ने चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेजकर यह जानकारी दी है। साल 2023-34 में इसे 16 लोगों ने लगभग 9 लाख रुपए दान दिए थे। चुनावी साल में बिहार की 2 पार्टियां जदयू और LJP R को चंदे के रूप में खूब पैसा मिला है। JDU को जहां पिछले साल की तुलना में 932% (18.69 करोड़ रुपए) तो चिराग पासवान की पार्टी को 9403% (11.09 करोड़ रुपए) ज्यादा चंदा मिला है। राष्ट्रीय पार्टी की बात करें तो भाजपा को 6,654 करोड़ रुपए दान में मिले हैं। वहीं, कांग्रेस को मिलने वाला चंदा घटा है। उसे 522.13 करोड़ रुपए मिले हैं। पार्टियों को ज्यादातर चंदा इलेक्टोरल ट्रस्ट से मिला है। दैनिक भास्कर की इस रिपोर्ट में जानिए चुनावी चंदे का चढ़ावा किसे चढ़ा। सबसे आगे कौन है। चंदा देने वालों में कौन-कौन बड़ी हस्तियां हैं। सबसे पहले जानते हैं जदयू का चंदा जनता दल यूनाइटेड पर चुनावी साल में चंदे के रूप में पैसे की बारिश हुई है। पार्टी को 18 करोड़ 69 लाख 76 हजार रुपए का दान मिला है। चुनाव आयोग के मुताबिक, पार्टी को चंदा 25 हजार रुपए से लेकर करोड़ रुपए तक दिया गया है। इस चंदे में सबसे बड़ा हिस्सा इलेक्टोरल ट्रस्ट का है। जदयू को कहां-कहां से चंदा मिला? निर्वाचन आयोग के मुताबिक, जदयू को सबसे ज्यादा चंदा इलेक्टोरल ट्रस्ट से हासिल हुआ है। प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 10 करोड़, प्रूडेन्ट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 5 करोड़ और समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट एसोसिएशन से 2 करोड़ रुपए दिए हैं। 2024-25 के चंदे के डिटेल्स के अनुसार पार्टी को इलेक्टोरल ट्रस्ट, कंपनियों और व्यक्तियों समेत कुल 66 संस्थाओं से 18.69 करोड़ रुपए मिले हैं। जदयू को बिहार में काम कर रही कंपनियों ने दिया दान जदयू को बिहार में काम करने वाली कंपनियों ने दान दिए हैं। बिहार सरकार को ह्यूमन रिसोर्स उपलब्ध कराने वाली कंपनी डोनेशन देने में सबसे ऊपर है। उर्मिला इंटरनेशनल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने निजी संस्था के रूप में सबसे अधिक 10 लाख रुपए दिए हैं। बिहार में बिस्किट बनाने वाली कंपनी सोना बिस्किट्स लिमिटेड ने चुनावी चंदे के रूप में 10 लाख रुपए दिए। नटराज आयरन एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने 5 लाख रुपए दान किए। आदित्य वीजन ने 1 लाख 1 रुपए का चंदा दिया। बेंगलुरु और कोलकाता की कंपनियों ने दिया चंदा जदयू को कोलकाता की अनमोल इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 15 लाख रुपए दान किए। बिहार में साइकिल बनाने वाली कंपनी एवन ने 25 हजार रुपए का चेक दिया है। बेंगलुरु की प्रेस्टीज आईवी टेरेस के आकाश अग्रवाल ने 10 लाख रुपए का दान दिया। पिछले साल से कितना बढ़ा दान जदयू को पिछले साल से 932% ज्यादा दान मिला है। चुनाव आयोग के मुताबिक जदयू को 2023-24 में 1.81 करोड़ रुपए डोनेशन के रूप में मिले थे। 2024-25 में यह बढ़कर 18 करोड़ 69 करोड़ रुपए हो गया। पार्टी के नेता नाम नहीं छापने की शर्त पर कहते हैं, ‘हमारी पार्टी को दूसरी पार्टी के मुताबिक काफी कम दान मिला है। यह जरूर है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल अधिक डोनेशन मिला है। चुनावी साल होने की वजह से पार्टी के नेताओं पर डोनेशन जमा कराने का प्रेशर होता है। पार्टी का खर्च भी अधिक होता है।’ सीएम, एमपी, विधायक तक ने दान दिए चुनावी साल में जदयू के नेताओं, विधायकों और सांसदों ने भी डोनेशन दिया। सीएम नीतीश कुमार ने 1 महीने का वेतन 1 लाख 25 हजार रुपए पार्टी को दान किया। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने 3.74 लाख रुपए दिए हैं। सांसद राजीव रंजन सिंह, दिनेश चंद्र यादव, गिरिधारी यादव, रामनाथ ठाकुर, कौशलेंद्र कुमार ने पार्टी फंड में पैसे दिए हैं। दिलेश्वर कामत, रामप्रीत मंडल और आलोक कुमार सुमन ने 72 हजार रुपए दान किए। अजय कुंअर मंडल और खीरू महतो ने भी 72 हजार रुपए दिए। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, सीवान सांसद विजय लक्ष्मी देवी, शिवहर सांसद लवली आनंद और सीतामढ़ी सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने पार्टी फंड में 54,000 रुपए दान किए हैं। चिराग पासवान की पार्टी को 9403% ज्यादा चंदा चिराग पासवान की पार्टी LJP R को मिलने वाले चंदे में 9403% की वृद्धि हुई है। इलेक्शन कमीशन की ओर से जारी कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट के मुताबिक, इस पार्टी को 2024-25 में 11.09 करोड़ रुपए चंदा मिला है। वहीं, 2023-24 में इसे मात्र 11.67 लाख रुपए चंदा मिला था। LJP R को कहां से मिला कितना चंदा? LJP R को सबसे ज्यादा 10 करोड़ रुपए का चंदा प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट से मिला है। प्रूडेन्ट इलेक्टोरल ट्रस्ट से पार्टी को 1 करोड़ रुपए चंदा मिला है। इंडिविजुअल चंदे की बात करें तो प्रवीण सबरवाल और सूर्या विज ने 25-25 हजार रुपए चंदा दिए हैं। LJP R के सांसद और चिराग पासवान के बहनोई अरुण भारती इकलौते पार्टी नेता हैं, जिन्होंने 25 हजार रुपए चंदा दिया है। इनके अलावा दिलीप कुमार ने 1 लाख रुपए और राउरकेला के रंजन लाल ने 50 हजार रुपए पार्टी फंड में दिए हैं। वहीं, अगर कंपनी की बात करें तो हेत्वी इंटरप्राइजेज ने 50 हजार रुपए, एसआरआर प्रोजेक्ट्स ने 5 लाख रुपए और आशा कॉर्प ने 25 हजार रुपए का चंदा दिया है। इनके अलावा प्रमोद मनोहर कुदाले ने एक लाख रुपए का चंदा दिया है। भाजपा को कितना मिला चुनावी चंदा? भाजपा को रिकार्ड तोड़ चंदा हासिल हुआ। इस मामले में कांग्रेस आसपास भी नहीं। केंद्र में सत्ता होने का असर साफ दिखा है। चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक 2024-25 में चंदे के रूप में बीजेपी को 6 हजार 654 करोड़ रुपए प्राप्त हुए। आयोग के मुताबिक पार्टी को पिछले साल की तुलना में करीब 68% ज्यादा फंड हासिल हुआ है। 2023-24 में भाजपा को 3 हजार 967 करोड़ रुपए का डोनेशन मिला था। कहां-कहां से चंदा हासिल हुआ? भाजपा को कुल चंदा का लगभग 40% हिस्सा चुनावी ट्रस्टों से मिला। प्रूडेन्ट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 2 हजार 180 करोड़ रुपए, प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट से 757 करोड़ रुपए और न्यू डेमोक्रेटिक इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 150 करोड़ रुपए दान किया। अन्य चुनावी ट्रस्टों से 3 हजार 112 करोड़ रुपए डोनेशन मिला है। कॉर्पोरेट और शिक्षण संस्थानों ने दिया चंदा भाजपा को कॉर्पोरेट घराने से चंदा मिला है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 100 करोड़ रुपए, रुंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने 95 करोड़ रुपए, वेदांता ने 67 करोड़ रुपए और मैक्रोटेक डेवलपर्स ने 65 करोड़ रुपए दान किए। बजाज समूह की तीन अलग-अलग कंपनियों ने 65 करोड़ रुपए दिए हैं। ड्राइव इंवेस्टमेंट्स ने 50 करोड़ रुपए दिए हैं। मालाबार गोल्ड ने 10 करोड़ रुपए, कल्याण ज्वैलर्स ने 15.1 करोड़ रुपए, हीरो ग्रुप ने 23.65 करोड़ रुपए, दिलीप बिल्डकॉन ग्रुप ने 29 करोड़ रुपए, आईटीसी लिमिटेड ने 35 करोड़ रुपए और वेव इंडस्ट्रीज ने 5.25 करोड़ रुपए दान किया। सांसद और नेताओं ने पार्टी को दिए पैसे भाजपा नेताओं ने पार्टी फंड में पैसे दान किए हैं। कई राज्यों के सीएम, मंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री जैसे नेताओं ने बिहार चुनाव के पहले पार्टी को आर्थिक मदद दी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक माह का वेतन दिया। असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने 3 लाख रुपए और असम के मंत्री पीयूष हजारिका ने 2 लाख 75 लाख रुपए डोनेशन दिया। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने 5 लाख रुपए, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने 1 लाख रुपए और भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय ने 1 लाख रुपए का दान किया। भाकपा माले को कितना दान मिला? भाकपा माले को 2024-25 में 49 लाख 95 हजार 765 रुपए चंदा मिले। चुनाव आयोग के मुताबिक पार्टी को उसके विधायकों और पूर्व विधायकों से पैसा मिला है। 2023-24 में इसे 43 लाख 579 रुपए चंदा मिला था। इस तरह एक साल में चंदे की रकम 6 लाख 95 हजार 186 रुपए बढ़ी है। भाकपा माले को यूपी से मिला चंदा पार्टी को वाराणसी, प्रयागराज, गाजीपुर, पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) से चंदा हासिल हुआ है। इनके विधायक ने किस्तों में चंदा दिया है। विधायक संदीप सौरव ने 90 हजार और महानंद सिंह ने 6 किस्तों में 2 लाख 40 हजार रुपए दान किए। विधायक रामवली सिंह ने किस्तों में 3 लाख 30 हजार रुपए दान किए। पार्टी फंड में कुल 37 सदस्यों ने दान किए हैं। कांग्रेस का चंदा घटा बिहार में कांग्रेस महागठबंधन की सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ी। कांग्रेस को 2024-25 में 522 करोड़ 13 लाख रुपए चंदा मिले। यह 2023-24 से 43 फीसदी कम है। पिछले वित्त वर्ष में पार्टी को 1129 करोड़ रुपए चंदा मिले थे। राजद ने नहीं बताया चंदा कितना मिला राजद ने अभी तक नहीं बताया है कि इस साल उसे कितना चंदा मिला है। पार्टी के पास यह घोषित करने के लिए समय है। चुनाव आयोग की माने तो पार्टी की ओर से रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। चुनाव तिथि की आखिरी तारीख के 90 दिनों के भीतर हर मान्यता प्राप्त और राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल को चुनावी चंदा का ब्योरा जमा करना होता है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को चंदा नहीं मिला असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 2024-25 में चंदा नहीं मिला है। पार्टी ने चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेजकर यह जानकारी दी है। साल 2023-34 में इसे 16 लोगों ने लगभग 9 लाख रुपए दान दिए थे।


