खेल-युवा कल्याण एवं सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने आरोप लगाया है कि कमलनाथ सरकार ने जो ‘फर्जी किसानों’ की लोन माफी योजना लागू की थी, उससे सहकारी समितियों और बैंकों की हालत बिगड़ गई थी। बीते दो सालों में इन बैंकों की हालत सुधारने की कोशिश हुई है। मंत्री सारंग ने भोपाल में बुधवार को अपने विभागों की उपलब्धियां सामने रखीं। खाद की कमी नहीं, जल्द किसानों के दरवाजे पर पहुंचाएंगे खाद की कमी पर होने वाले किसानों के लगातार प्रदर्शन पर सारंग ने कहा कि 20 साल में खाद की उपलब्धता 9 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 41 एलएमटी की है। कहीं कमी नहीं है। जल्द ई विकास पोर्टल से खाद किसान के घर या सीधे खेत तक भी पहुंचाएंगे। सहकारी समितियों के 13 लाख डिफॉल्टर किसानों के लिए एकमुश्त योजना बन रही है। मंत्री सारंग ने बताया कि साल 2047 तक मप्र को स्पोर्ट्स हब बनाने का प्लान है। प्रदेश में 20 हॉकी टर्फ, 10 एथलेटिक ट्रैक और 120 स्टेडियम बनेंगे। बेहतर ट्रेनिंग देने खिलाड़ियों को विदेश भेज रहे हैं, विदेशी कोच भी बुला रहे हैं। बड़े खेल आयोजन करके स्पोर्ट्स टूरिज्म को बढ़ावा देंगे। इससे होटल, ट्रासंपोर्ट और स्थानीय रोजगार बढ़ेंगे। खेल कोटे से हर साल 10 एसआई और 50 कांस्टेबल बनाएंगे। दो साल में सुधार देंगे स्थिति… 38 में से 15 सहकारी बैंकों की हालत खराब होने के प्रश्न पर मंत्री सारंग ने कहा कि सरकार ने मार्च 2025 में इन बैंकों के लिए 300 करोड़ दिए, जिनसे 6 बैंकों को 50-50 करोड़ रुपए दिए हैं। उन्होंने ये भी कहा- बैंक जो खराब हालत में आए, वैसे तो ये विषय पॉलिटिकल नहीं है पर उन्हें कहने में संकोच नहीं है कि 15 महीने की कांग्रेस सरकार में जो ‘फर्जी किसानों’ के ऋण माफी की योजना लागू की थी, इससे सहकारी समितियों (पैक्स) व सहकारी बैंकों की आर्थिक हालत बिगड़ी थी। सरकार दो सालों में इनका संचालन सुचारु कर देगी।


