राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश (संस्कृति विभाग) के सहयोग से लखनऊ–प्रयागराज क्षेत्रीय कला प्रदर्शनी का समापन डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के ललित कला विभाग की कला वीथिका में हो गया। यह प्रदर्शनी ललित कला विभाग और कला निकेतन सोसायटी, लखनऊ के सहयोग से आयोजित की गई थी, जिसमें क्षेत्र के प्रतिभाशाली कलाकारों की रचनात्मक ऊर्जा देखने को मिली। समापन समारोह के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय सिंह रहे। विशिष्ट अतिथियों में राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष सीताराम कश्यप और साकेत महाविद्यालय, अयोध्या के पूर्व विभागाध्यक्ष वरिष्ठ कलाकार डॉ. कुमुद सिंह शामिल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश के सदस्य एवं क्षेत्रीय कला प्रदर्शनी के संयोजक अभिनव दीप ने की। ऐसी प्रदर्शनियों को कलाकारों को पहचान दिलाने का माध्यम समापन सत्र में अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और चित्रकला, मूर्तिकला तथा मिश्रित माध्यमों में सृजित कृतियों की सराहना की। उन्होंने कलाकारों से संवाद भी किया। मुख्य अतिथि प्रो. संजय सिंह ने इस अवसर पर कहा कि कला समाज की संवेदनाओं की सशक्त अभिव्यक्ति है। उन्होंने ऐसी प्रदर्शनियों को कलाकारों को पहचान दिलाने और विश्वविद्यालयों को समाज से जोड़ने का एक सार्थक माध्यम बताया। नई प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा विशिष्ट अतिथि सीताराम कश्यप ने कहा कि राज्य ललित कला अकादमी प्रदेश के कलाकारों को निरंतर मंच प्रदान कर रही है, जिससे नई प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है। डॉ. कुमुद सिंह ने युवाओं को निरंतर अभ्यास, अनुशासन और नवाचार पर जोर देते हुए कहा कि कला में उत्कृष्टता केवल समर्पण से ही संभव है। संयोजक अभिनव दीप ने जानकारी दी कि प्रदर्शनी में लखनऊ–प्रयागराज क्षेत्र के नौ जनपदों के कलाकारों की चयनित कृतियाँ प्रदर्शित की गईं, जिन्हें दर्शकों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी ने क्षेत्रीय कला परिदृश्य को एक नई दिशा दी है। कार्यक्रम के अंत में डॉ. सुनीता शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।


