CBI ने बिहार के 2 बैंकर्स को किया गिरफ्तार:रुपए लेकर साइबर फ्रॉडस्टर की कर रहे थे मदद, अदालत ने ट्रांजिट रिमांड पर भेजा

CBI ने बिहार के 2 बैंकर्स को किया गिरफ्तार:रुपए लेकर साइबर फ्रॉडस्टर की कर रहे थे मदद, अदालत ने ट्रांजिट रिमांड पर भेजा

सीबीआई ने पटना से केनरा बैंक की महिला असिस्टेंट मैनेजर शालिनी सिन्हा और एक्सिस बैंक के बिजनेस डेवलपमेंट एसोसिएट अभिषेक कुमार को अरेस्ट किया है। इनके ऊपर रुपए लेकर साइबर फ्रॉडस्टर की मदद करने का आरोप लगा है। दोनों बैंकर्स साइबर अपराधियों से मिलकर कम कर रहे थे। मनी म्यूल ट्रांजैक्शन में साइबर फ्रॉड कर रहे थे सीबीआई के मुताबिक इन दोनों बैंकरों ने म्यूल अकाउंट खोलने और उन्हें चालू करने और मनी म्यूल ट्रांजैक्शन में साइबर फ्रॉड करने वालों को गाइड करने में एक्टिव भूमिका निभाई है। यह साबित करने के लिए भी सबूत इकट्ठा किए गए हैं कि इन बैंकरों ने साजिश के तहत साइबर फ्रॉड करने वालों की मदद करने के बदले में रिश्वत ली थी। इन गिरफ्तार आरोपियों ने साइबर क्राइम फ्रॉड करने वालों को यह भी सलाह दी थी कि सिस्टम द्वारा जेनरेट किए गए रेड फ्लैग से कैसे बचा जाए।CBI ने पहले देश भर में 61 जगहों पर तलाशी ली थी, और म्यूल अकाउंट खोलने और चलाने के सिलसिले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। भ्रष्टाचार को लेकर चार्जशीट दायर हुई थी हाल ही में उनके खिलाफ IPC/BNS और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत विभिन्न अपराधों के लिए चार्जशीट दायर की गई है। इन दोनों बैंकर्स को आज क्रमशः वाराणसी, यूपी और बेतिया, बिहार से गिरफ्तार किया गया है। ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद संबंधित कोर्ट में पेश किया गया है। गौरतलब है कि म्यूल अकाउंट खोलने और उन्हें चालू करने से जुड़े अन्य बैंक अधिकारियों की भूमिका की जांच सीबीआई की ओर से की जा रही है। इस मामले में जांच बंद नहीं हुई है। कार्रवाई जारी है। सीबीआई ने पटना से केनरा बैंक की महिला असिस्टेंट मैनेजर शालिनी सिन्हा और एक्सिस बैंक के बिजनेस डेवलपमेंट एसोसिएट अभिषेक कुमार को अरेस्ट किया है। इनके ऊपर रुपए लेकर साइबर फ्रॉडस्टर की मदद करने का आरोप लगा है। दोनों बैंकर्स साइबर अपराधियों से मिलकर कम कर रहे थे। मनी म्यूल ट्रांजैक्शन में साइबर फ्रॉड कर रहे थे सीबीआई के मुताबिक इन दोनों बैंकरों ने म्यूल अकाउंट खोलने और उन्हें चालू करने और मनी म्यूल ट्रांजैक्शन में साइबर फ्रॉड करने वालों को गाइड करने में एक्टिव भूमिका निभाई है। यह साबित करने के लिए भी सबूत इकट्ठा किए गए हैं कि इन बैंकरों ने साजिश के तहत साइबर फ्रॉड करने वालों की मदद करने के बदले में रिश्वत ली थी। इन गिरफ्तार आरोपियों ने साइबर क्राइम फ्रॉड करने वालों को यह भी सलाह दी थी कि सिस्टम द्वारा जेनरेट किए गए रेड फ्लैग से कैसे बचा जाए।CBI ने पहले देश भर में 61 जगहों पर तलाशी ली थी, और म्यूल अकाउंट खोलने और चलाने के सिलसिले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। भ्रष्टाचार को लेकर चार्जशीट दायर हुई थी हाल ही में उनके खिलाफ IPC/BNS और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत विभिन्न अपराधों के लिए चार्जशीट दायर की गई है। इन दोनों बैंकर्स को आज क्रमशः वाराणसी, यूपी और बेतिया, बिहार से गिरफ्तार किया गया है। ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद संबंधित कोर्ट में पेश किया गया है। गौरतलब है कि म्यूल अकाउंट खोलने और उन्हें चालू करने से जुड़े अन्य बैंक अधिकारियों की भूमिका की जांच सीबीआई की ओर से की जा रही है। इस मामले में जांच बंद नहीं हुई है। कार्रवाई जारी है।  

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