नेपाल के पोखरा शहर में 16 से 19 दिसंबर तक आयोजित प्रथम दक्षिण एशियाई गोल शॉट बॉल चैंपियनशिप में भारतीय टीम ने दो स्वर्ण पदक जीते। इस ऐतिहासिक उपलब्धि में छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की कुसुम साहू का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कोरबा की पुरानी बस्ती, भंडारी चौक निवासी कुसुम साहू के पिता संपत लाला साहू ट्रक चालक हैं और माता का नाम धनलक्ष्मी साहू है। उनकी अंतरराष्ट्रीय सफलता पर परिवार और क्षेत्र में खुशी का माहौल है। माता-पिता ने बेटी की उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया। भारत ने पुरुष और महिला टीमों के साथ जीते स्वर्ण पदक चार दिवसीय इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में दक्षिण एशियाई देशों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ। भारतीय पुरुष और महिला दोनों टीमों ने बेहतरीन तालमेल और आक्रामक खेल का प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जीत दर्ज कर स्वर्ण पदक हासिल किए। भारतीय टीमों के मार्गदर्शन और नेतृत्व की जिम्मेदारी हरियाणा के भिवानी के प्रशिक्षकों ने संभाली। परमवीर सिवाच (गांव मित्ताथल) ने पुरुष टीम को कोचिंग दी, जबकि विवेक कुमार (गांव खरक) महिला टीम के मुख्य कोच रहे। टीम का नेतृत्व अमित कौशिक (गांव उमरावत) ने किया। कुसुम साहू ने बेहतर प्रदर्शन कर भारत का नाम किया रोशन कुसुम साहू ने बताया कि इस प्रतियोगिता में कई देशों की टीमों और खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। वह छत्तीसगढ़ की टीम में शामिल थीं और उनका प्रदर्शन बेहतर रहा। उन्होंने कहा कि वह पिछले कई सालों से इस खेल के लिए मेहनत कर रही हैं और आगे भी खेलना चाहती हैं, ताकि भारत, छत्तीसगढ़ और कोरबा का नाम रोशन कर सकें। इस उपलब्धि पर प्रतीक कटौते, कैलाश यादव, गजेंद्र चौहान, नंद कुमार, आशीष भगत, अतुल यादव, निखिल युगल, हिमांशु सहित अनेक खेल प्रेमियों और सामाजिक संगठनों ने कुसुम साहू को बधाई दी है।


