सीतामढ़ी के पुनौराधाम में माता जानकी के भव्य मंदिर निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने मंदिर निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर कार्यादेश जारी कर दिया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की जिम्मेदारी प्रतिष्ठित निर्माण कंपनी अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स को सौंपी गई है। यह वही कंपनी है जिसने दरभंगा हवाई अड्डे जैसी बड़ी परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा किया है। पुराने शेड हटाकर नया कंस्ट्रक्शन शेड बनाना शुरू कंपनी ने निर्माण स्थल पर पुराने शेड हटाकर नया कंस्ट्रक्शन शेड बनाना शुरू कर दिया है, जिससे निर्माण कार्य जल्द शुरू होने के संकेत मिले हैं। अयोध्या में बने श्रीराम मंदिर की तर्ज पर बनने वाले इस जानकी मंदिर परियोजना पर कुल 942.383 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसे 42 माह में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मंदिर परिसर का मुख्य आकर्षण 151 फुट ऊंचा मुख्य मंदिर होगा। परिक्रमा पथ, परकोटा और भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण होगा मुख्य मंदिर के चारों ओर परिक्रमा पथ, परकोटा, अनुष्ठान मंडप और भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण किया जाएगा। माता जानकी की प्रतिमा और पूरे परिसर का सौंदर्यीकरण भी विशेष शिल्प और वास्तुशैली के अनुरूप किया जाएगा, जिससे यह स्थल आध्यात्मिक और स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण बन सके। श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए ठहरने की व्यवस्था यह परियोजना केवल मंदिर निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे एक संपूर्ण धार्मिक-पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए ठहरने की व्यवस्था, संग्रहालय और ऑडिटोरियम का निर्माण भी प्रस्तावित है। मंदिर निर्माण के बाद अगले 10 वर्षों तक इसके संचालन और प्रबंधन की जिम्मेदारी भी इसी परियोजना के तहत तय की गई है। सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए भूमि अधिग्रहण पर भी बड़ा फैसला लिया है। कुल 50 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए 165.57 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, जबकि पुनौराधाम में पहले से ही 17 एकड़ भूमि उपलब्ध है। सीतामढ़ी के पुनौराधाम में माता जानकी के भव्य मंदिर निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने मंदिर निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर कार्यादेश जारी कर दिया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की जिम्मेदारी प्रतिष्ठित निर्माण कंपनी अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स को सौंपी गई है। यह वही कंपनी है जिसने दरभंगा हवाई अड्डे जैसी बड़ी परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा किया है। पुराने शेड हटाकर नया कंस्ट्रक्शन शेड बनाना शुरू कंपनी ने निर्माण स्थल पर पुराने शेड हटाकर नया कंस्ट्रक्शन शेड बनाना शुरू कर दिया है, जिससे निर्माण कार्य जल्द शुरू होने के संकेत मिले हैं। अयोध्या में बने श्रीराम मंदिर की तर्ज पर बनने वाले इस जानकी मंदिर परियोजना पर कुल 942.383 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसे 42 माह में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मंदिर परिसर का मुख्य आकर्षण 151 फुट ऊंचा मुख्य मंदिर होगा। परिक्रमा पथ, परकोटा और भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण होगा मुख्य मंदिर के चारों ओर परिक्रमा पथ, परकोटा, अनुष्ठान मंडप और भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण किया जाएगा। माता जानकी की प्रतिमा और पूरे परिसर का सौंदर्यीकरण भी विशेष शिल्प और वास्तुशैली के अनुरूप किया जाएगा, जिससे यह स्थल आध्यात्मिक और स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण बन सके। श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए ठहरने की व्यवस्था यह परियोजना केवल मंदिर निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे एक संपूर्ण धार्मिक-पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए ठहरने की व्यवस्था, संग्रहालय और ऑडिटोरियम का निर्माण भी प्रस्तावित है। मंदिर निर्माण के बाद अगले 10 वर्षों तक इसके संचालन और प्रबंधन की जिम्मेदारी भी इसी परियोजना के तहत तय की गई है। सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए भूमि अधिग्रहण पर भी बड़ा फैसला लिया है। कुल 50 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए 165.57 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, जबकि पुनौराधाम में पहले से ही 17 एकड़ भूमि उपलब्ध है।


