ग्वालियर. मयूर नगर और ज्योति नगर में संचालित फर्जी मैरिज कॉल सेंटर का पुलिस ने खुलासा किया है। आरोपियों ने करीब एक साल पहले यह कॉल सेंटर शुरू किया था, जहां 5 से 6 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन पर युवतियों को नौकरी पर रखा गया था। कॉल सेंटर की शिफ्ट सुबह 10:30 बजे से शाम 5 बजे तक तय थी।
आरोपी देश के अलग-अलग शहरों से शादी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले युवाओं को झांसा देते थे। पहले एक महीने तक युवतियों के जरिए फोन पर बातचीत कराई जाती थी। इसके बाद जैसे ही पीडि़तों से पैसे ट्रांसफर कराए जाते थे, मोबाइल नंबर बंद कर दिए जाते थे।
दो अलग-अलग नामों से चल रहे थे कॉल सेंटर
मयूर नगर स्थित पीतांबरा त्रिपाठी के मकान में कॉल सेंटर ‘माय पार्टनर इंडिया’ के नाम से संचालित हो रहा था, जबकि ज्योति नगर में हेमंत माहौर के मकान में ‘यूनिक रिश्ते डॉट कॉम’ के नाम से कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। पुलिस ने पहले मयूर नगर में दबिश दी, इसके बाद ज्योति नगर में द्वारिकाधीश मंदिर के सामने स्थित एक फ्लैट पर कार्रवाई की। यहां दूसरी मंजिल के एक कमरे से 7 युवतियों को शादी के नाम पर ठगी करते हुए पकड़ा गया।
सीता उर्फ शीतल कर रही थी संचालन
ज्योति नगर स्थित कॉल सेंटर का संचालन सीता उर्फ शीतल चौहान कर रही थी। वहीं पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड तिलेश्वर पटेल बताया जा रहा है, जो फिलहाल फरार है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि पकड़ी गई युवतियों की भूमिका भी संदिग्ध है। जांच में अपराध में संलिप्तता पाए जाने पर उन्हें भी आरोपी बनाया जा सकता है।
टारगेट पूरा करने पर मिलता था बोनस
कॉल सेंटर में काम करने वाली युवतियों को टारगेट दिया जाता था। टारगेट से ज्यादा ठगी करने पर उन्हें अतिरिक्त भुगतान भी किया जाता था।
ठगी के बाद नंबर बंद, 1500 से अधिक पीडि़त
गिरोह की रणनीति के तहत युवतियों को केवल साधारण की-पैड मोबाइल दिए जाते थे, जिनमें सोशल मीडिया ऐप नहीं होते थे। सभी सिम कार्ड और मोबाइल मास्टरमाइंड के नाम पर रहते थे। ठगी के बाद नंबर बंद कर दिए जाते थे। पुलिस के अनुसार अब तक 1500 से ज्यादा लोग इस गिरोह का शिकार बन चुके हैं। आरोपी खुद भी अखबारों में छपे वैवाहिक विज्ञापन देखकर युवाओं को फोन करते थे और उन्हें अपनी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए प्रेरित करते थे। ठगी के लिए लगातार नए-नए तरीके अपनाए जाते थे।
ये सामान बरामद
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 45 मोबाइल फोन, 12 एटीएम कार्ड, 2 कंप्यूटर, सिम कार्ड, बैंक पासबुक और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए हैं। डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर ठगी की कुल रकम और पीडि़तों की संख्या का आकलन किया जा रहा है।


