महाराष्ट्र की राजनीति में जिस ‘ठाकरे ब्रांड’ के एक होने का इंतजार दशकों से शिवसैनिक और मनसे कार्यकर्ता कर रहे थे, वह आज हकीकत बन गया। बुधवार को मुंबई के वर्ली स्थित ब्लू सी होटल में संयुक्त पत्रकार परिषद के दौरान उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने हाथ मिलाकर आगामी महानगरपालिका चुनावों के लिए गठबंधन की घोषणा की।
बालासाहेब के स्मारक पर माथा टेका
गठबंधन की औपचारिक घोषणा से पहले उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे अपने पूरे परिवार- रश्मि ठाकरे, शर्मिला ठाकरे, आदित्य ठाकरे और अमित ठाकरे के साथ दादर के शिवाजी पार्क गए। वहां उन्होंने शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के स्मारक पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। फिर एक ही कार में प्रेस कॉन्फ्रेंस की जगह पर पहुंचे।
राज ठाकरे की हुंकार- मुंबई का मेयर मराठी होगा
पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि वे औपचारिक रूप से शिवसेना (UBT) और मनसे के गठबंधन की घोषणा कर रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि किसी भी विवाद या लड़ाई से बड़ा महाराष्ट्र है और वहीं से इस एकजुटता की शुरुआत हुई। सीट बंटवारे को लेकर उन्होंने फिलहाल कोई संख्या बताने से इनकार किया।
नहीं बताया सीट बंटवारें का फॉर्मूला
राज ठाकरे ने सीटों की संख्या बताने से इनकार करते हुए कटाक्ष भरे अंदाज में कहा कि राज्य में उम्मीदवार चुराने वाली टोली सक्रिय है, इसलिए उम्मीदवारों के नाम और नामांकन की जानकारी सही समय पर दी जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर तंज कसा और कहा कि मुंबई का महापौर (मेयर) मराठी ही बनेगा और वह हमारा ही होगा।
हालांकि, शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा, “राजनीति में नंबर शेयरिंग व्यापार होता है। यहां भाईयों में व्यापार नहीं है। यह परिवार है… कांग्रेस से हमने बहुत बार साथ आने का आग्रह किया कि अगर हमें भाजपा को हराना है तो साथ चुनाव लड़ना चाहिए।”
उद्धव ठाकरे ने बोला हमला
शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि वे मुंबई के टुकड़े-टुकड़े करना चाहते हैं। भाजपा के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले नारे पर पलटवार करते हुए उद्धव ने मराठी जनता को सचेत रहने के लिए कहा। मराठी समाज से भावुक अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अगर अब भी गलती की गई तो सब कुछ खत्म हो सकता है, इसलिए मराठी अस्मिता और विरासत को कभी कमजोर न पड़ने देने का समय आ गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, “अगर मराठी दल अभी भी आपस में लड़ते रहे तो संयुक्त महाराष्ट्र के शहीदों का अपमान होगा, इसलिए हम अपने कर्तव्यों के लिए साथ आए हैं। अब जो कोई भी मुंबई और महाराष्ट्र की ओर टेढ़ी नजर से देखेगा, उसका राजनीतिक खात्मा तय है।”
बताया जा रहा है कि मनसे और शिवसेना (UBT) मिलकर मुंबई, पुणे, नासिक समेत 7 प्रमुख महानगरपालिकाओं में चुनाव लड़ सकती है। इस गठबंधन ने महानगरपालिकाओं की चुनावी तस्वीर को पूरी तरह बदल दिया है। जहां भाजपा विकास और हिंदुत्व के सहारे आगे बढ़ रही है, वहीं ठाकरे भाई ‘मराठी अस्मिता’ और ‘भूमिपुत्र’ का मुद्दा लेकर मतदाताओं के बीच जाने की तैयारी में हैं। अब 15 जनवरी को होने वाले चुनावों में जनता यह तय करेगी कि मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य बड़े शहरों की कमान किसके पास रहेगी।


