Virat Kohli Captaincy: पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली अच्छे बल्लेबाज के साथ – साथ बेहतरीन कप्तान भी थे। टेस्ट और वनडे क्रिकेट में कोहली की कप्तानी की तूती बोलती थी। बावजूद इसके वे कभी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाये, जिस वजह से उनकी कप्तानी पर अक्सर सवाल उठाए जाते हैं। जियोहॉटस्टार के शो ‘राइज ऑफ चैंपियंस’ में चर्चा के दौरान पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कोच टॉम मूडी ने कोहली के व्हाइट-बॉल युग को निराशाजनक बताया है।
हरभजन सिंह ने भी निराशा जताई
विराट कोहली के कैप्टेंसी इरा के बारे में बताते हुए टॉम मूडी ने कहा, “विराट कोहली का दौर बहुत उम्मीदों वाला था, लेकिन आखिर में निराशा ही हाथ लगी।” वहीं, हरभजन सिंह ने भी निराशा जताई कि कोहली के पास इतनी मजबूत टीम होने के बावजूद वे तीन-चार आईसीसी ट्रॉफी जीत सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हरभजन ने कहा, “विराट के पास जिस तरह की टीम थी, वे तीन या चार ट्रॉफी जीत सकते थे। नहीं जीते कुछ तो कारण होंगे, लेकिन मुझे अब भी लगता है कि उनके पास अच्छी टीम थी।”
संजय मांजरेकर ने टीम सलेक्शन पर उठाए सवाल
संजय मांजरेकर ने भी हरभजन सिंह की हां में हां मिलाया और कहा कि कोहली-शास्त्री के समय में टीम सिलेक्शन अच्छा नहीं था। उन्होंने इसी शो में कहा, “रवि और विराट के अंडर टीम सिलेक्शन हमेशा मेरी सबसे बड़ी चिंता रही।” लेकीन कोहली के करीबी दोस्त एबी डिविलियर्स ने उनकी कप्तानी का मजबूत बचाव किया है। उन्होंने कहा, “इस बात से चिढ़ होती है जब खिलाड़ियों को वर्ल्ड कप जीतने के आधार पर जज किया जाता है। सच कहूं तो, मुझे इस बात से चिढ़ होती है कि लोग हमेशा एक कप्तान को सिर्फ इस आधार पर जज करते हैं कि उसने वर्ल्ड कप जीता है या नहीं। यह कहना कि ‘वह आदमी बेकार है, क्योंकि उसने वर्ल्ड कप नहीं जीता’ गलत है।”
विराट की कप्तानी में ऐसा था टीम इंडिया का हाल
बात करें अगर विराट की कप्तानी की तो भारत ने अंतरराष्ट्रीय 50 खेले, जिनमें से 30 जीते, 16 हारे, दो टाई रहे और दो बेनतीजा रहे। जीत का प्रतिशत 60 प्रतिशत रहा। विराट ने 95 वनडे मैचों में भारत की कप्तानी की, जिनमें से 65 जीते, 27 हारे, एक टाई रहा और दो का कोई नतीजा नहीं निकला। इस तरह देखा जाए तो विराट अच्छे कप्तान थे।


