नर्मदापुरम में साइबर ठगी का एक बेहद चौंकाने वाला और डरावना तरीका सामने आया है। अब ठगों को आपके बैंक खाते से पैसे उड़ाने के लिए OTP (वन टाइम पासवर्ड) की भी जरूरत नहीं रही। जिले में दो अलग-अलग लोगों के व्हाट्सएप पर सिर्फ एक ‘कस्टमर सर्विस’ नाम की लिंक आई, जिसे इंस्टॉल करते ही उनके खातों से 1-1 लाख रुपए साफ हो गए। गनीमत यह रही कि पीड़ितों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस और साइबर सेल ने तत्परता दिखाते हुए ठगों के बैंक खाते फ्रीज करवा दिए, जिससे एक किसान के 82 हजार रुपए और दूसरे पीड़ित की भी बड़ी रकम बच गई है। मामला रामपुर गुर्रा थाना क्षेत्र के पाहनबरी गांव का है। यहां रहने वाले किसान जागेश कुशवाहा को 15 दिसंबर को व्हाट्सएप पर एक लिंक मिली थी। यह एक APK फाइल थी, जिस पर ‘कस्टमर सर्विस’ लिखा था। जागेश ने जैसे ही इसे डाउनलोड कर इंस्टॉल किया, उनका मोबाइल हैक हो गया। कुछ ही देर में उनके बैंक खाते से 50-50 हजार रुपए करके दो बार में 1 लाख रुपए निकल गए। ठगों ने न तो कोई कॉल किया और न ही कोई OTP मांगा। पैसे कटने का मैसेज आते ही जागेश घबराकर थाने पहुंचे। 2 घंटे में 5 राज्यों में घुमाया पैसा, 82 हजार बचाए रामपुर गुर्रा थाना प्रभारी विपिन पाल ने बताया कि शिकायत मिलते ही साइबर सेल की मदद से NCRP पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज की गई। जांच में पता चला कि ठगों ने महज 2 घंटे के भीतर असम, चेन्नई, सिकंदराबाद और तेलंगाना जैसे राज्यों के 5 अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए थे। ठगों ने 18 हजार रुपए खर्च कर लिए थे, लेकिन पुलिस ने जिन खातों में पैसे गए थे, उन्हें तुरंत होल्ड (फ्रीज) करवा दिया। इससे किसान के 82 हजार रुपए बच गए, जो प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें वापस मिल जाएंगे। माखननगर में युवक से 99 हजार की ठगी ठगी का दूसरा मामला माखननगर के ग्राम मजलपुर का है। यहां फरियादी शुभम यादव को 19 दिसंबर की सुबह 10 बजे व्हाट्सएप पर वैसी ही ‘कस्टमर सर्विस’ नाम की लिंक मिली। शुभम ने उसे इंस्टॉल किया तो उनके खाते से भी 50 हजार और 49,500 रुपए (कुल 99,500 रुपए) दो बार में निकल गए। यहां भी पुलिस ने शिकायत के बाद तुरंत एक्शन लेते हुए संबंधित खातों को फ्रीज करवा दिया है, जिससे पीड़ित की राशि वापस मिलने की उम्मीद है। TI बोले- लिंक इंस्टॉल करते ही हैक हो गया फोन थाना प्रभारी विपिन पाल ने बताया कि यह ठगी APK फाइल के जरिए हो रही है। जैसे ही यूजर इस अनजान लिंक या ऐप को इंस्टॉल करता है, ठगों के पास मोबाइल का पूरा डेटा और कंट्रोल चला जाता है। इसके बाद वे आसानी से बैंकिंग ऐप ऑपरेट कर पैसे ट्रांसफर कर लेते हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि व्हाट्सएप पर आने वाली किसी भी अनजान लिंक या APK फाइल को भूलकर भी इंस्टॉल न करें।


