सिल्क सिटी भागलपुर में शिमला जैसी स्थिति:पांच दिनों से कोहरे की चपेट में शहर, घरों से बाहर निकलने से परहेज कर रहे लोग

सिल्क सिटी भागलपुर में शिमला जैसी स्थिति:पांच दिनों से कोहरे की चपेट में शहर, घरों से बाहर निकलने से परहेज कर रहे लोग

सिल्क सिटी भागलपुर पिछले पांच दिनों से घने कोहरे की चादर में लिपटी हुई है। हालात ऐसे बन गए हैं मानो जम्मू-कश्मीर या शिमला जैसी ठंड यहां दस्तक दे चुकी हो। सुबह से लेकर देर रात तक कोहरा छाया रहने के कारण जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार भागलपुर में न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो इस सीजन में अब तक का कम तापमान माना जा रहा है। चार दिन बाद भले ही बुधवार को कोहरे की तीव्रता में कुछ कमी देखी गई, लेकिन पछुआ हवा चलने के कारण ठंड का असर और तेज हो गया है। कनकनी इतनी अधिक है कि लोग घरों से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं। सुबह के समय सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा, बाजारों और चौक-चौराहों पर भी सामान्य दिनों की तुलना में काफी कम चहल-पहल देखने को मिली। घने कोहरे का असर यातायात पर भी दिखा घने कोहरे का असर यातायात पर भी साफ दिखा। विजिबिलिटी कम रहने से सुबह के समय गाड़ी की रफ्तार धीमी रही। कई जगहों पर वाहन चालकों को लाइट जलाकर चलना पड़ा। खासकर हाईवे और ग्रामीण इलाकों में कोहरे के कारण लोग अतिरिक्त सतर्कता बरतते नजर आए। बढ़ती ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियातन बड़ा फैसला लिया है। प्रशासन की ओर से 31 दिसंबर तक सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई स्थगित कर दी गई है। इससे छोटे बच्चों को ठंड और कोहरे से राहत मिलने की उम्मीद है। प्रशासन ने शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था भी कराई है, ताकि जरूरतमंद और राहगीरों को राहत मिल सके। ठंड का सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी मजदूरों, बुजुर्गों और बच्चों पर पड़ रहा है। लोग गर्म कपड़ों, अलाव और घरों में दुबके रहने को मजबूर हैं। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले कुछ दिनों तक पछुआ हवा के चलते ठंड से राहत की संभावना कम है। ऐसे में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने, गर्म कपड़े पहनने और बेवजह बाहर न निकलने की अपील की है। सिल्क सिटी भागलपुर पिछले पांच दिनों से घने कोहरे की चादर में लिपटी हुई है। हालात ऐसे बन गए हैं मानो जम्मू-कश्मीर या शिमला जैसी ठंड यहां दस्तक दे चुकी हो। सुबह से लेकर देर रात तक कोहरा छाया रहने के कारण जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार भागलपुर में न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो इस सीजन में अब तक का कम तापमान माना जा रहा है। चार दिन बाद भले ही बुधवार को कोहरे की तीव्रता में कुछ कमी देखी गई, लेकिन पछुआ हवा चलने के कारण ठंड का असर और तेज हो गया है। कनकनी इतनी अधिक है कि लोग घरों से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं। सुबह के समय सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा, बाजारों और चौक-चौराहों पर भी सामान्य दिनों की तुलना में काफी कम चहल-पहल देखने को मिली। घने कोहरे का असर यातायात पर भी दिखा घने कोहरे का असर यातायात पर भी साफ दिखा। विजिबिलिटी कम रहने से सुबह के समय गाड़ी की रफ्तार धीमी रही। कई जगहों पर वाहन चालकों को लाइट जलाकर चलना पड़ा। खासकर हाईवे और ग्रामीण इलाकों में कोहरे के कारण लोग अतिरिक्त सतर्कता बरतते नजर आए। बढ़ती ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियातन बड़ा फैसला लिया है। प्रशासन की ओर से 31 दिसंबर तक सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई स्थगित कर दी गई है। इससे छोटे बच्चों को ठंड और कोहरे से राहत मिलने की उम्मीद है। प्रशासन ने शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था भी कराई है, ताकि जरूरतमंद और राहगीरों को राहत मिल सके। ठंड का सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी मजदूरों, बुजुर्गों और बच्चों पर पड़ रहा है। लोग गर्म कपड़ों, अलाव और घरों में दुबके रहने को मजबूर हैं। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले कुछ दिनों तक पछुआ हवा के चलते ठंड से राहत की संभावना कम है। ऐसे में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने, गर्म कपड़े पहनने और बेवजह बाहर न निकलने की अपील की है।  

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