गयाजी में मंगलवार की देर शाम हादसा हुआ। एक घर में आग लग गई। आग की चपेट में आकर पति-पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। घर राख हो गया। तीन बच्चे अनाथ हो गए। घटना चाकंद थाना क्षेत्र के बिथो गांव की है। मृतकों की पहचान सरयू साव के बेटे प्रमोद साव और उनकी पत्नी के रूप में हुई है। प्रमोद साव घर पर ही पत्तल बनाने का काम करता था। यही उनके परिवार की रोजी-रोटी का एकमात्र सहारा था। मंगलवार की शाम रोज की तरह घर में काम चल रहा था। इसी दौरान अचानक बिजली की चिंगारी निकली। चिंगारी ने देखते ही देखते आग का रूप ले लिया। घर में रखे सूखे पत्तल और अन्य सामान ने आग को और भड़का दिया। दूसरे कमरे में शोर मचा रहे थे बच्चे ग्रामीणों के मुताबिक आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को संभलने का मौका तक नहीं दिया। प्रमोद साव और उनकी पत्नी आग में फंस गए। चीख-पुकार मच गई। बच्चे तीनों दूसरे कमरे थे। वे शोर मचा रहे थे। शोर सुनकर आसपास के लोग दौड़े। पानी और बाल्टी लेकर आग बुझाने की कोशिश हुई। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पति पत्नी दोनों बुरी तरह से झुलस चुके थे। ग्रामीणों कहना है कि मौके पर ही उनकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही चाकंद थानाध्यक्ष शिवम कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जले हुए घर का मुआयना किया। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कराई गई। पुलिस ने आग की घटना को प्रथम दृष्टया में शॉर्ट सर्किट से जुड़ा बताया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। इधर, हादसे की खबर फैलते ही गांव में लोगों की भीड़ जुट गई। इस घटना की जानकारी मिलने पर जदयू नेता डॉ. जितेंद्र कुमार दास भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। हालात का जायजा लिया। डीएम शशांक शुभंकर से बात कर पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह बेहद गरीब परिवार है। अब तीनों बच्चों के भविष्य की चिंता सरकार को करनी चाहिए। गयाजी में मंगलवार की देर शाम हादसा हुआ। एक घर में आग लग गई। आग की चपेट में आकर पति-पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। घर राख हो गया। तीन बच्चे अनाथ हो गए। घटना चाकंद थाना क्षेत्र के बिथो गांव की है। मृतकों की पहचान सरयू साव के बेटे प्रमोद साव और उनकी पत्नी के रूप में हुई है। प्रमोद साव घर पर ही पत्तल बनाने का काम करता था। यही उनके परिवार की रोजी-रोटी का एकमात्र सहारा था। मंगलवार की शाम रोज की तरह घर में काम चल रहा था। इसी दौरान अचानक बिजली की चिंगारी निकली। चिंगारी ने देखते ही देखते आग का रूप ले लिया। घर में रखे सूखे पत्तल और अन्य सामान ने आग को और भड़का दिया। दूसरे कमरे में शोर मचा रहे थे बच्चे ग्रामीणों के मुताबिक आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को संभलने का मौका तक नहीं दिया। प्रमोद साव और उनकी पत्नी आग में फंस गए। चीख-पुकार मच गई। बच्चे तीनों दूसरे कमरे थे। वे शोर मचा रहे थे। शोर सुनकर आसपास के लोग दौड़े। पानी और बाल्टी लेकर आग बुझाने की कोशिश हुई। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पति पत्नी दोनों बुरी तरह से झुलस चुके थे। ग्रामीणों कहना है कि मौके पर ही उनकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही चाकंद थानाध्यक्ष शिवम कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जले हुए घर का मुआयना किया। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कराई गई। पुलिस ने आग की घटना को प्रथम दृष्टया में शॉर्ट सर्किट से जुड़ा बताया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। इधर, हादसे की खबर फैलते ही गांव में लोगों की भीड़ जुट गई। इस घटना की जानकारी मिलने पर जदयू नेता डॉ. जितेंद्र कुमार दास भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। हालात का जायजा लिया। डीएम शशांक शुभंकर से बात कर पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह बेहद गरीब परिवार है। अब तीनों बच्चों के भविष्य की चिंता सरकार को करनी चाहिए।


