‘कस्टमर बिना प्रोटेक्शन संबंध बनाते-न मानो तो एजेंट डांटती’:ज्यादा पैसे के लालच में पति से 5 साल झूठ बोलती रही, HIV पीड़िता की कहानी

‘कस्टमर बिना प्रोटेक्शन संबंध बनाते-न मानो तो एजेंट डांटती’:ज्यादा पैसे के लालच में पति से 5 साल झूठ बोलती रही, HIV पीड़िता की कहानी

‘छोटी उम्र में एक लड़के से मुझे प्यार हो गया। भाई ने बात करते देखा तो पापा ने जल्दबाजी में शादी करा दी। कोविड के दौरान पति का जॉब छीन लिया गया। हॉस्पिटल में सफाईकर्मी की नौकरी करने लगी, वो काम पसंद नहीं आता था। पैसे के लालच ने गंदे धंधे में फंस गई। ज्यादा पैसे की चाह में बिना प्रोटेक्शन कस्टमर्स से संबंध बना लेती थी। कस्टमर ही इसका दबाव बनाते थे, बात न मानो तो एजेंट डांटती थी। अब रोती रहती हूं। HIV ने जिंदगी तबाह कर दी।’ यह कहानी है पटना में रहने वाली रूपा (बदला हुआ नाम) की। पति से 5 साल छूट बोलती रही। वह भी HIV संक्रमित हैं। 7 साल के बेटे को खुद से दूर रखती हैं, इस डर से कि बीमारी न लगे। कहीं काम नहीं मिलता। जैसे ही लोगों को पता चलता है कि HIV पेशेंट है, तो भगा देते हैं। रूपा अकेली नहीं। बिहार में 97,046 रजिस्टर्ड HIV संक्रमित हैं। इनमें हजारों ऐसे हैं, जिन्हें बिना प्रोटेक्शन संबंध बनाने से यह रोग लगा है। पहले पार्ट में आपने पढ़ा- बिहार में बढ़ रहा मैन टू मैन सेक्स, 11 हजार लड़के HIV पॉजिटिव दूसरे पार्ट में आपने पढ़ा- मैंने गैर मर्दों से संबंध नहीं बनाए, लोग मानते नहीं तीसरे पार्ट में आपने पढ़ा- नशे की सुई से किस तरह युवा HIV जैसी बीमारी के शिकार हो रहे आखिरी पार्ट में आज पढ़िए, सेक्स वर्कर रही एक महिला की कहानी। गरीबी-बेरोजगारी के चलते कैसे गलत धंधे मे गई, फिर HIV की शिकार हो गई। अब कहानी रूपा (बदला हुआ नाम) की, पति की जॉब गई तो घर से बाहर निकली, गंदे धंधे में फंसी सीतामढ़ी जिले के एक गांव की रहने वाली रूपा सेक्स वर्कर थी। यह HIV पॉजिटिव हैं। पटना में रहकर इलाज करवाती हैं। संक्रमित होने के बाद गलत काम छोड़ दिया। अब आगे पढ़ें जैसा रूपा ने बताया… सीन 1- भाई ने लड़के से बात करते देखा, पिता ने जल्दबाजी में कराई शादी मैं अच्छे परिवार से हूं। माता-पिता पैसे वाले और इज्जतदार हैं। 12वीं क्लास में पढ़ रही थी। बाली उमर में एक लड़के से प्यार हो गया था। एक दिन मेरे बड़े भाई ने उससे बात करते देख लिया। वह मुझ पर काफी गुस्सा हुए। यह बात पापा को बता दी। पापा ने बहुत पीटा। मेरा मोबाइल फोन छिन लिया और जल्दबाजी में शादी करा दी। शादी की बात चल रही थी तब लड़के वालों ने कहा था कि लड़का कोलकाता में रहता है। एक अच्छी कंपनी में जॉब करता है। अच्छी सैलरी है। पापा ने ज्यादा छानबीन नहीं की और मेरी शादी करा दी। शादी हो गई तो पता चला कि पति सिर्फ 15 हजार रुपए कमाते हैं। वह मुझे अपने साथ कोलकाता ले गए। वहां किराये के मकान में रहते थे। पैसे घर भेजना, खुद का खर्च, कमरे का किराया देना। पैसे नहीं बचते थे। 2020 में कोविड महामारी के समय पति की जॉब चली गई। एक महीना तो जैसे-तैसे घर चला, लेकिन उसके बाद दिक्कत होने लगी। मैंने अपने मायके वालों से मदद मांगी, लेकिन उन्होंने मदद नहीं की। मेरे पिता सरकारी नौकरी से रिटायर्ड हैं। बड़े भैया की बिल्डिंग मटेरियल की दुकान अच्छी चलती थी। मैंने गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने भी मदद से इनकार कर दिया। बोले कि कोविड में सब कुछ बंद है। मेरी हालत खराब है। मेरे बगल के घर में रहने वाली एक महिला पास के हॉस्पिटल में काम करने जाती थी। उसने कहा कि हॉस्पिटल में काम दिला सकती हूं। एक सफाई कर्मी की जरूरत है। मैंने अपने पति से बात की तो उन्होंने पहले मना किया। कहा कि कोरोना फैला है। बाहर जाना सुरक्षित नहीं है, वह भी हॉस्पिटल में काम करना तो और खतरनाक है। एक दिन मकान मालिक ने किराये के पैसे मांगे और भला बुरा कहा। उस दिन पति ने कहा कि जाओ हॉस्पिटल में, लेकिन बचकर काम करना। उस दिन से मैं जाने लगी। वहां काम करने पर रोज के 300 रुपए मिलते थे। सीन 2- साथ काम करने वाली लड़की ने दिया ज्यादा पैसे कमाने का लालच हॉस्पिटल में काम करते हुए एक महीना हो गया था। एक दिन मैं हॉस्पिटल में काम करने वाली दूसरी महिलाओं से बात कर रही थी। सभी अपने-अपने घर की कहानी बता रहीं थीं। मैंने भी अपनी कहानी बताई। पति के जॉब चले जाने और पैसे की तंगी की बात कही। वहां करीब 20 साल की एक सुंदर लड़की काम करती थी। वह भी हमारे साथ बैठी थी। हमारी बातें सुन रही थी। अगले दिन वह मुझसे मिली, मेरी सुंदरता की तारीफ करने लगी। ऐसे ही करीब एक सप्ताह तक मुझसे अकेले में मिलती, बात करती। एक दिन उसने मुझसे कहा कि बाहर के बड़े-बड़े लोग काम से सिलसिले में कोलकाता आते हैं। उन्हें सर्विस चाहिए होता है। उन्हें खुश कर दो, 1 दिन के 3 हजार मिलेंगे। ऊपर से बख्शीश मिलेगी। एक महीना जितना पैसा एक दिन में कमा सकती हो। उसने कहा किसी से कहना मत, मैं भी जाती हूं। पति को नहीं बताना चाहती तो उसे नहीं पता चलेगा, मजा भी और पैसा भी। उसकी बातें अजीब लगी, पहले तो मुझे लगा कि मजाक कर रही है, लेकिन उसने अपने बैंक खाते के पैसे दिखाए, जिसमें 3 लाख रुपए थे। वह हर रोज मुझे टोकती थी। कहती थी, सोच लो करना है तो बोलो, मैं सब सेटिंग करा दूंगी। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। सभी बाहर के लोग होते हैं। विदेशी भी होते हैं। सभी बड़े लोग हैं। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। यहां हर रोज का पैसा मिलता है। जिस दिन उधर जाना हो यहां नहीं आना। कोरोना में यह काम मंदा पड़ा है तो पैसे भी बढ़िया मिल रहे हैं। अगर महीने में 5-7 काम मिल गए तो यहां से तिगुना पैसे कमा लोगी। सीन 3- काम दिलाने वाली महिला ने कहा था बिना प्रोटेक्शन नहीं मिलना पैसे की इतनी मजबूरी थी कि मैं मान गई। उसने हमारी मुलाकात एक महिला से कराई। वही सब सेट करती थी। महिला ने मुझे बताया कि किसी से मिलने जाओ तो उस समय सिंदूर नहीं लगाना। ऐसा लगे कि लड़की हो। बिना प्रोटेक्शन के किसी से नहीं मिलना। नहीं तो बीमारी हो जाती है। मैं उनकी बातें मान गई। उस समय उसने मेरी 3-4 फोटो ली। तीन दिन बाद मुझे मैसेज आया कि एक होटल में जाना है। वहां एक दिन की सर्विस देनी है। मैं चली गई। बड़ी कंपनी में काम करने वाला साउथ इंडिया का कोई आदमी था। काम के बदले मुझे 3 हजार रुपए और बख्शीश में 1 हजार रुपए मिले। धीरे-धीरे मैं यह काम ज्यादा करने लगी। मेरे पति को भनक तक नहीं लगी। कोविड और लगातार लॉकडाउन की वजह से मेरे पति बाहर नहीं निकल रहे थे। मुझे महीने के 8-10 काम मिलने लगे। हॉस्पिटल में भी काम करती रही ताकि किसी को भनक नहीं लगे। मेरे साथ हॉस्पिटल में काम करने वाली लड़की भी जाती थी। मैंने रात में भी सर्विस देना शुरू कर दिया। पति से झूठ बोलती थी कि आज हॉस्पिटल में नाइट शिफ्ट लगी है। मैं महीने के 40-50 हजार रुपए तक कमाने लगी। कोई विदेशी व्यक्ति मिलता तो 8-10 हजार रुपए तक बख्शीश देता था। सारे पैसे लाकर पति को देती थी। झूठ बोलती थी कि आज हॉस्पिटल में किसी बड़े साहब को बेटा हुआ है, उन्होंने सारे स्टाफ को 4-4 हजार रुपए बांटे हैं। कभी बोलती थी कि किसी बड़े आदमी की मां का इलाज हुआ। उन्होंने हमारी सेवा से खुश होकर जाते समय 5 हजार रुपए दिए हैं। शुरू में पति नहीं पूछते थे कि अचानक इतने पैसे कहां से ला रही हूं। उनको शक हो इससे पहले मैं झूठी कहानियां बता देती थी। सीन 4- ज्यादा पैसे के लालच में बिना प्रोटेक्शन बनाए संबंध ऐसे ही करीब 1 साल तक चलता रहा। इस बीच कई विदेशी और बड़े-बड़े लोगों को सर्विस दी। हर ग्राहक की अपनी डिमांड होती थी। कई लोग बिना प्रोटेक्शन के संबंध बनाने का दबाव देते थे। कई ज्यादा पैसे देने का लालच देते। मना करती तो एजेंट डांटती। कोई ग्राहक ज्यादा बख्शीश देता तो बिना प्रोटेक्शन के संबंध बना लेती थी। कभी इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि इससे बीमारी लग जाएगी। कई विदेशी ग्राहकों के साथ बिना प्रोटेक्शन के संबंध बनाए। कुछ NGO वाले या सरकारी लोग रेड लाइट इलाके में बीमारियों को लेकर सेक्स वर्कर्स को जागरूक करते थे, लेकिन मैं कोठे वाली सेक्स वर्कर्स नहीं थी। मुझ जैसे महिलाओं के बारे में कोई जानता भी नहीं कि सेक्स वर्कर्स हैं। मैंने बीमारियों को लेकर कभी ध्यान नहीं दिया। काम करते-करते मैं धीरे-धीरे कमजोर होने लगी। तेज बुखार आने लगा। दस्त भी होती थी। मैं ऐसे ही दवा लेकर खा लेती थी। जब बुखार से काफी परेशान हो गई तो डॉक्टर को दिखाया। इसके बाद भी ठीक नहीं हुई। बाद में जिस हॉस्पिटल में काम करती थी उसी में टेस्ट कराया। रिपोर्ट HIV पॉजिटिव आया। यह देखते ही मेरी आंखों के सामने अंधेरा छा गया। जो लड़की मुझे इस धंधे में लेकर आई थी उससे मिली। उसने बताया कि उसे भी HIV हो गया है। उसने भी बिना प्रोटेक्शन लोगों से संबंध बनाए थे। सीन 5- पति से कहा- हॉस्पिटल में निडिल चुभने से हुआ HIV मुझे इस बात का बहुत पछतावा हुआ कि क्यों गलत धंधे में गई। मैंने अपने पति को झूठी कहानी बताई कि हॉस्पिटल में किसी संक्रमित व्यक्ति को लगी सुई मुझे चुभ गई, जिसके चलते मुझे भी HIV हो गया है। पति को समझाना काफी मुश्किल था। पांच साल उनसे झूठ बोलती रही। पति ने कई बार शक किया कि हॉस्पिटल जाते समय गलत धंधा किया है। जब मैं ज्यादा पैसे लाती थी तब भी शक करते थे। मैंने किसी भी तरह उनको समझाया कि हॉस्पिटल में ही गंदा निडिल चुभने से HIV हुआ है। कुछ दिन बाद मेरे पति की भी तबीयत खराब हुई। टेस्ट कराया तो वह भी HIV पॉजिटिव थे। मेरी पूरी जिंदगी तबाह हो गई। मैं आज भी अपने पति के सामने झूठ बोलती हूं। मेरा 7 साल का बेटा है। भगवान का शुक्र है कि वह ठीक है। ध्यान रखती हूं कि उसे भी यह रोग न लग जाए। मेरे ससुर और देवर गांव में रहते हैं। बेटे को उनके पास भेज दिया है। अकेले में रोती रहती हूं। पैसे के लालच में गलत रास्ता चुन लिया। अब जीवन नरक हो गया है। हॉस्पिटल की नौकरी चली गई। इस जीवन से बढ़िया तो गरीबी थी। अभी पटना में रहती हूं। ART सेंटर से दवा लेती हूं। ना मेरे पास काम है और ना मेरे पति के पास। मैं और मेरे पति काम खोजते रहते हैं। कहीं काम मिलता है तो करते हैं। जैसे ही वहां के लोगों को पता चलता है कि हम HIV पॉजिटिव हैं तो निकाल दिए जाते हैं। ‘छोटी उम्र में एक लड़के से मुझे प्यार हो गया। भाई ने बात करते देखा तो पापा ने जल्दबाजी में शादी करा दी। कोविड के दौरान पति का जॉब छीन लिया गया। हॉस्पिटल में सफाईकर्मी की नौकरी करने लगी, वो काम पसंद नहीं आता था। पैसे के लालच ने गंदे धंधे में फंस गई। ज्यादा पैसे की चाह में बिना प्रोटेक्शन कस्टमर्स से संबंध बना लेती थी। कस्टमर ही इसका दबाव बनाते थे, बात न मानो तो एजेंट डांटती थी। अब रोती रहती हूं। HIV ने जिंदगी तबाह कर दी।’ यह कहानी है पटना में रहने वाली रूपा (बदला हुआ नाम) की। पति से 5 साल छूट बोलती रही। वह भी HIV संक्रमित हैं। 7 साल के बेटे को खुद से दूर रखती हैं, इस डर से कि बीमारी न लगे। कहीं काम नहीं मिलता। जैसे ही लोगों को पता चलता है कि HIV पेशेंट है, तो भगा देते हैं। रूपा अकेली नहीं। बिहार में 97,046 रजिस्टर्ड HIV संक्रमित हैं। इनमें हजारों ऐसे हैं, जिन्हें बिना प्रोटेक्शन संबंध बनाने से यह रोग लगा है। पहले पार्ट में आपने पढ़ा- बिहार में बढ़ रहा मैन टू मैन सेक्स, 11 हजार लड़के HIV पॉजिटिव दूसरे पार्ट में आपने पढ़ा- मैंने गैर मर्दों से संबंध नहीं बनाए, लोग मानते नहीं तीसरे पार्ट में आपने पढ़ा- नशे की सुई से किस तरह युवा HIV जैसी बीमारी के शिकार हो रहे आखिरी पार्ट में आज पढ़िए, सेक्स वर्कर रही एक महिला की कहानी। गरीबी-बेरोजगारी के चलते कैसे गलत धंधे मे गई, फिर HIV की शिकार हो गई। अब कहानी रूपा (बदला हुआ नाम) की, पति की जॉब गई तो घर से बाहर निकली, गंदे धंधे में फंसी सीतामढ़ी जिले के एक गांव की रहने वाली रूपा सेक्स वर्कर थी। यह HIV पॉजिटिव हैं। पटना में रहकर इलाज करवाती हैं। संक्रमित होने के बाद गलत काम छोड़ दिया। अब आगे पढ़ें जैसा रूपा ने बताया… सीन 1- भाई ने लड़के से बात करते देखा, पिता ने जल्दबाजी में कराई शादी मैं अच्छे परिवार से हूं। माता-पिता पैसे वाले और इज्जतदार हैं। 12वीं क्लास में पढ़ रही थी। बाली उमर में एक लड़के से प्यार हो गया था। एक दिन मेरे बड़े भाई ने उससे बात करते देख लिया। वह मुझ पर काफी गुस्सा हुए। यह बात पापा को बता दी। पापा ने बहुत पीटा। मेरा मोबाइल फोन छिन लिया और जल्दबाजी में शादी करा दी। शादी की बात चल रही थी तब लड़के वालों ने कहा था कि लड़का कोलकाता में रहता है। एक अच्छी कंपनी में जॉब करता है। अच्छी सैलरी है। पापा ने ज्यादा छानबीन नहीं की और मेरी शादी करा दी। शादी हो गई तो पता चला कि पति सिर्फ 15 हजार रुपए कमाते हैं। वह मुझे अपने साथ कोलकाता ले गए। वहां किराये के मकान में रहते थे। पैसे घर भेजना, खुद का खर्च, कमरे का किराया देना। पैसे नहीं बचते थे। 2020 में कोविड महामारी के समय पति की जॉब चली गई। एक महीना तो जैसे-तैसे घर चला, लेकिन उसके बाद दिक्कत होने लगी। मैंने अपने मायके वालों से मदद मांगी, लेकिन उन्होंने मदद नहीं की। मेरे पिता सरकारी नौकरी से रिटायर्ड हैं। बड़े भैया की बिल्डिंग मटेरियल की दुकान अच्छी चलती थी। मैंने गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने भी मदद से इनकार कर दिया। बोले कि कोविड में सब कुछ बंद है। मेरी हालत खराब है। मेरे बगल के घर में रहने वाली एक महिला पास के हॉस्पिटल में काम करने जाती थी। उसने कहा कि हॉस्पिटल में काम दिला सकती हूं। एक सफाई कर्मी की जरूरत है। मैंने अपने पति से बात की तो उन्होंने पहले मना किया। कहा कि कोरोना फैला है। बाहर जाना सुरक्षित नहीं है, वह भी हॉस्पिटल में काम करना तो और खतरनाक है। एक दिन मकान मालिक ने किराये के पैसे मांगे और भला बुरा कहा। उस दिन पति ने कहा कि जाओ हॉस्पिटल में, लेकिन बचकर काम करना। उस दिन से मैं जाने लगी। वहां काम करने पर रोज के 300 रुपए मिलते थे। सीन 2- साथ काम करने वाली लड़की ने दिया ज्यादा पैसे कमाने का लालच हॉस्पिटल में काम करते हुए एक महीना हो गया था। एक दिन मैं हॉस्पिटल में काम करने वाली दूसरी महिलाओं से बात कर रही थी। सभी अपने-अपने घर की कहानी बता रहीं थीं। मैंने भी अपनी कहानी बताई। पति के जॉब चले जाने और पैसे की तंगी की बात कही। वहां करीब 20 साल की एक सुंदर लड़की काम करती थी। वह भी हमारे साथ बैठी थी। हमारी बातें सुन रही थी। अगले दिन वह मुझसे मिली, मेरी सुंदरता की तारीफ करने लगी। ऐसे ही करीब एक सप्ताह तक मुझसे अकेले में मिलती, बात करती। एक दिन उसने मुझसे कहा कि बाहर के बड़े-बड़े लोग काम से सिलसिले में कोलकाता आते हैं। उन्हें सर्विस चाहिए होता है। उन्हें खुश कर दो, 1 दिन के 3 हजार मिलेंगे। ऊपर से बख्शीश मिलेगी। एक महीना जितना पैसा एक दिन में कमा सकती हो। उसने कहा किसी से कहना मत, मैं भी जाती हूं। पति को नहीं बताना चाहती तो उसे नहीं पता चलेगा, मजा भी और पैसा भी। उसकी बातें अजीब लगी, पहले तो मुझे लगा कि मजाक कर रही है, लेकिन उसने अपने बैंक खाते के पैसे दिखाए, जिसमें 3 लाख रुपए थे। वह हर रोज मुझे टोकती थी। कहती थी, सोच लो करना है तो बोलो, मैं सब सेटिंग करा दूंगी। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। सभी बाहर के लोग होते हैं। विदेशी भी होते हैं। सभी बड़े लोग हैं। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। यहां हर रोज का पैसा मिलता है। जिस दिन उधर जाना हो यहां नहीं आना। कोरोना में यह काम मंदा पड़ा है तो पैसे भी बढ़िया मिल रहे हैं। अगर महीने में 5-7 काम मिल गए तो यहां से तिगुना पैसे कमा लोगी। सीन 3- काम दिलाने वाली महिला ने कहा था बिना प्रोटेक्शन नहीं मिलना पैसे की इतनी मजबूरी थी कि मैं मान गई। उसने हमारी मुलाकात एक महिला से कराई। वही सब सेट करती थी। महिला ने मुझे बताया कि किसी से मिलने जाओ तो उस समय सिंदूर नहीं लगाना। ऐसा लगे कि लड़की हो। बिना प्रोटेक्शन के किसी से नहीं मिलना। नहीं तो बीमारी हो जाती है। मैं उनकी बातें मान गई। उस समय उसने मेरी 3-4 फोटो ली। तीन दिन बाद मुझे मैसेज आया कि एक होटल में जाना है। वहां एक दिन की सर्विस देनी है। मैं चली गई। बड़ी कंपनी में काम करने वाला साउथ इंडिया का कोई आदमी था। काम के बदले मुझे 3 हजार रुपए और बख्शीश में 1 हजार रुपए मिले। धीरे-धीरे मैं यह काम ज्यादा करने लगी। मेरे पति को भनक तक नहीं लगी। कोविड और लगातार लॉकडाउन की वजह से मेरे पति बाहर नहीं निकल रहे थे। मुझे महीने के 8-10 काम मिलने लगे। हॉस्पिटल में भी काम करती रही ताकि किसी को भनक नहीं लगे। मेरे साथ हॉस्पिटल में काम करने वाली लड़की भी जाती थी। मैंने रात में भी सर्विस देना शुरू कर दिया। पति से झूठ बोलती थी कि आज हॉस्पिटल में नाइट शिफ्ट लगी है। मैं महीने के 40-50 हजार रुपए तक कमाने लगी। कोई विदेशी व्यक्ति मिलता तो 8-10 हजार रुपए तक बख्शीश देता था। सारे पैसे लाकर पति को देती थी। झूठ बोलती थी कि आज हॉस्पिटल में किसी बड़े साहब को बेटा हुआ है, उन्होंने सारे स्टाफ को 4-4 हजार रुपए बांटे हैं। कभी बोलती थी कि किसी बड़े आदमी की मां का इलाज हुआ। उन्होंने हमारी सेवा से खुश होकर जाते समय 5 हजार रुपए दिए हैं। शुरू में पति नहीं पूछते थे कि अचानक इतने पैसे कहां से ला रही हूं। उनको शक हो इससे पहले मैं झूठी कहानियां बता देती थी। सीन 4- ज्यादा पैसे के लालच में बिना प्रोटेक्शन बनाए संबंध ऐसे ही करीब 1 साल तक चलता रहा। इस बीच कई विदेशी और बड़े-बड़े लोगों को सर्विस दी। हर ग्राहक की अपनी डिमांड होती थी। कई लोग बिना प्रोटेक्शन के संबंध बनाने का दबाव देते थे। कई ज्यादा पैसे देने का लालच देते। मना करती तो एजेंट डांटती। कोई ग्राहक ज्यादा बख्शीश देता तो बिना प्रोटेक्शन के संबंध बना लेती थी। कभी इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि इससे बीमारी लग जाएगी। कई विदेशी ग्राहकों के साथ बिना प्रोटेक्शन के संबंध बनाए। कुछ NGO वाले या सरकारी लोग रेड लाइट इलाके में बीमारियों को लेकर सेक्स वर्कर्स को जागरूक करते थे, लेकिन मैं कोठे वाली सेक्स वर्कर्स नहीं थी। मुझ जैसे महिलाओं के बारे में कोई जानता भी नहीं कि सेक्स वर्कर्स हैं। मैंने बीमारियों को लेकर कभी ध्यान नहीं दिया। काम करते-करते मैं धीरे-धीरे कमजोर होने लगी। तेज बुखार आने लगा। दस्त भी होती थी। मैं ऐसे ही दवा लेकर खा लेती थी। जब बुखार से काफी परेशान हो गई तो डॉक्टर को दिखाया। इसके बाद भी ठीक नहीं हुई। बाद में जिस हॉस्पिटल में काम करती थी उसी में टेस्ट कराया। रिपोर्ट HIV पॉजिटिव आया। यह देखते ही मेरी आंखों के सामने अंधेरा छा गया। जो लड़की मुझे इस धंधे में लेकर आई थी उससे मिली। उसने बताया कि उसे भी HIV हो गया है। उसने भी बिना प्रोटेक्शन लोगों से संबंध बनाए थे। सीन 5- पति से कहा- हॉस्पिटल में निडिल चुभने से हुआ HIV मुझे इस बात का बहुत पछतावा हुआ कि क्यों गलत धंधे में गई। मैंने अपने पति को झूठी कहानी बताई कि हॉस्पिटल में किसी संक्रमित व्यक्ति को लगी सुई मुझे चुभ गई, जिसके चलते मुझे भी HIV हो गया है। पति को समझाना काफी मुश्किल था। पांच साल उनसे झूठ बोलती रही। पति ने कई बार शक किया कि हॉस्पिटल जाते समय गलत धंधा किया है। जब मैं ज्यादा पैसे लाती थी तब भी शक करते थे। मैंने किसी भी तरह उनको समझाया कि हॉस्पिटल में ही गंदा निडिल चुभने से HIV हुआ है। कुछ दिन बाद मेरे पति की भी तबीयत खराब हुई। टेस्ट कराया तो वह भी HIV पॉजिटिव थे। मेरी पूरी जिंदगी तबाह हो गई। मैं आज भी अपने पति के सामने झूठ बोलती हूं। मेरा 7 साल का बेटा है। भगवान का शुक्र है कि वह ठीक है। ध्यान रखती हूं कि उसे भी यह रोग न लग जाए। मेरे ससुर और देवर गांव में रहते हैं। बेटे को उनके पास भेज दिया है। अकेले में रोती रहती हूं। पैसे के लालच में गलत रास्ता चुन लिया। अब जीवन नरक हो गया है। हॉस्पिटल की नौकरी चली गई। इस जीवन से बढ़िया तो गरीबी थी। अभी पटना में रहती हूं। ART सेंटर से दवा लेती हूं। ना मेरे पास काम है और ना मेरे पति के पास। मैं और मेरे पति काम खोजते रहते हैं। कहीं काम मिलता है तो करते हैं। जैसे ही वहां के लोगों को पता चलता है कि हम HIV पॉजिटिव हैं तो निकाल दिए जाते हैं।  

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