मरीजों की सेवा के लिए तैनात डॉक्टर अगर कार्यस्थल से सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठकर हाजिरी लगाने लगें, तो सवाल सिस्टम पर भी उठते हैं। राजधानी में सार्थक एप की समीक्षा के दौरान ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया, जिसके बाद सीएमएचओ भोपाल ने सख्त रुख अपनाते हुए दो संजीवनी क्लीनिक के डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जवाब संतोषजनक नहीं होने पर कड़ी अनुशासनात्मक व वैधानिक कार्रवाई तय मानी जा रही है। सीएमएचओ कार्यालय की नियमित मॉनिटरिंग में खुलासा हुआ कि मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक, गौतम नगर में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव सिंह ने विगत दिनों कार्यस्थल से 500 से 600 किलोमीटर दूर से उपस्थिति दर्ज कराई। इतना ही नहीं, रोजाना की हाजिरी भी करीब 11 किलोमीटर दूर से लगाई जा रही थी। यह स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है। इसी तरह मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक, बाग मुगलिया के चिकित्सक डॉ. मिनहाज की उपस्थिति में अलग-अलग लोगों के चेहरे दिखाई दिए। यह मामला केवल लापरवाही नहीं, बल्कि सार्थक ऐप से छेड़छाड़ की आशंका को भी मजबूत करता है। प्राथमिक जांच में दोनों मामलों में यह सामने आया कि नियम विरुद्ध उपस्थिति दर्ज की जा रही थी, जिससे संबंधित संस्थानों में डॉक्टरों की वास्तविक अनुपस्थिति और मरीजों के इलाज पर प्रतिकूल असर पड़ना तय है। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में जहां डॉक्टर की मौजूदगी सर्वोच्च प्राथमिकता है, वहां इस तरह की गड़बड़ी को गंभीर माना जा रहा है। यह कृत्य विभागीय दायित्वों के विपरीत और अवैधानिक है। दोनों चिकित्सकों से जवाब मांगा गया है। -डॉ. मनीष शर्मा, सीएमएचओ


