इंटीग्रल यूनिवर्सिटी पहुंची राज्यपाल आनंदी बेन पटेल:प्रगतिशील किसानों को किया सम्मानित, खेती में इनोवेशन पर दिया जोर

इंटीग्रल यूनिवर्सिटी पहुंची राज्यपाल आनंदी बेन पटेल:प्रगतिशील किसानों को किया सम्मानित, खेती में इनोवेशन पर दिया जोर

लखनऊ के इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईआईएएसटी) और उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (यूपीसीएआर) की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस अनलॉकिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स ड्रिवन स्मार्ट एग्रीकल्चर फॉर विकसित भारत और इंटीग्रल किसान पुरस्कार समारोह का समापन हुआ। यहां मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कृषि के क्षेत्र में नवाचार कर आगे बढ़ रहे प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे किसान, जो नवीन तकनीकों और नवाचारों को अपनाकर न केवल अपने जीवन स्तर में सुधार कर रहे हैं, बल्कि अन्य किसानों को भी प्रेरित कर उन्हें आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं, कृषि क्षेत्र के लिए आदर्श उदाहरण हैं। राज्यपाल ने प्रदेश भर के विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) को भी उनके योगदान के लिए सम्मानित करते हुए कहा कि केवीके किसानों को आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षण और वैज्ञानिक जानकारी से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। किसानों के सशक्तिकरण व आत्मनिर्भरता की दिशा में केवीके की ओर से किया जा रहा कार्य सराहनीय है और यह विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में सहायक सिद्ध हो रहा है। राज्यपाल ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश भर में कृषि के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिला है। राज्यपाल ने कहा कि किसानों द्वारा उत्पादित ऑर्गेनिक उत्पादों की बिक्री में सहयोग करना हम सभी की जिम्मेदारी है। जल संरक्षण पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि पहले भूजल स्तर बेहतर था, लेकिन अब यह निरंतर घट रहा है, इसलिए हमें ड्रिप इरिगेशन जैसी आधुनिक सिंचाई प्रणालियों को अपनाना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने नर्मदा नदी के जल का प्रभावी उपयोग करते हुए किसानों को लाभ पहुंचाया। आज गुजरात के किसान इन योजनाओं का लाभ उठाकर विविध प्रकार की खेती कर रहे हैं। राज्यपाल ने ड्रोन दीदी पहल का जिक्र करते हुए बताया कि वर्तमान में महिलाओं को ई-रिक्शा जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने राजभवन में प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली तीन दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें प्रदेश भर के किसान अपने उत्पाद लेकर आते हैं और उनकी बिक्री भी करते हैं। इस दौरान मेडिकल कॉलेजों के माध्यम से किसानों की स्वास्थ्य जांच कराई जाती है और आवश्यक उपचार की व्यवस्था भी की जाती है। पुष्प प्रदर्शनी के दौरान राजभवन की ओर से किसानों का पूरा ध्यान रखा जाता है। राज्यपाल ने बताया कि राजभवन में स्थापित विद्यालय में गरीब परिवारों के 200 बच्चों का नामांकन कराया गया है, जहां उनके कौशल विकास पर कार्य किया जा रहा है। बच्चों को बांसुरी वादन और बैंड का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे उनमें आत्मविश्वास और प्रतिभा का विकास हो सके। इस दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की पत्रिकाओं आईआईएएसटी सफरनामा और इंटीग्रल कृषि दर्पण का लोकार्पण किया। इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक, कृषि उत्पादन आयुक्त दीप ऐप पर पढ़ें कुलाधिपति इंटीग्रल विश्वविद्यालय प्रो. सईद वसीम अख्तर, केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी कुलाधिपति प्रो. पंजाब सिंह, अफ्रीकन- एशियन रूरल डेवलेपमेंट आर्गेनाइजेशन महासचिव डॉ. मनोज नारदेव सिंह, इंटीग्रल विश्वविद्यालय कुलपति के प्रो. जावेद मुसर्रत, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी, निदेशक कृषि डॉ. पंकज त्रिपाठी, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला के निदेशक डॉ. ब्रजेश सिंह मौजूद रहे। सभी विवि में मोती की खेती परियोजना लागू होगी राज्यपाल ने राजभवन में शुरू की गई मोती की खेती परियोजना नवाचार की जानकारी देते हुए कहा कि इससे किसानों को लाभ होगा। उन्होंने बताया कि कृषि आधारित कंपनी मणि एग्रो हब प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी किसानों को इस संबंध में प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में इस नवाचार को लागू किया जाएगा, जिसके लिए कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

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