देवरिया जिले के अग्निवीर अश्वनी कोलकाता में इलाज के दौरान बलिदान हो गए, जानकारी के मुताबिक दो साल पहले एनकाउंटर में अश्वनी घायल हो गए थे तब से उनका इलाज चल रहा था। लार थाना क्षेत्र के खरवनिया टोला मल्लह पुरवा गांव निवासी अग्निवीर अश्विनी का पार्थिव शरीर मंगलवार को गांव पहुंचते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया, परिजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया।
वर्ष 2022 में 15 राजपूत रेजिमेंट में बने थे अग्निवीर
जानकारी के मुताबिक लार थाना क्षेत्र के खरवनिया टोला मल्लह पुरवा गांव निवासी अश्विनी कुमार पुत्र बीरबल वर्ष 2022 में भारतीय सेना की 15 राजपूत रेजिमेंट में अग्निवीर के रूप में भर्ती हुए थे, इसी दौरान एक एनकाउंटर में वह घायल हो गए थे, जिसमें उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। बीते करीब दो वर्षों से उनका इलाज कोलकाता स्थित सेना के कमांड अस्पताल में चल रहा था। रविवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
मौत की खबर मिलते हो परिजनों में कोहराम
अग्निवीर की मौत की सूचना मिलते ही गांव और घर में कोहराम मच गया। माता प्रमिला देवी, पिता बीरबल प्रसाद, भाई अवनीश, विशाल का रो-रोकर बुरा हाल था। मंगलवार को अग्निवीर का शव गांव पहुंचा। इसके बाद गार्ड ऑफ ऑनर के साथ गांव के समीप घाघरा नदी तट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। पिता बीरबल प्रसाद ने नम आंखों से बेटे को मुखाग्नि दी।
बलिदानी के घर उमड़ा जन सैलाब
अग्निवीर का पार्थिव शरीर गांव पहुंचने पर DM दिव्या मित्तल ने परिजनों से मुलाकात कर अग्निवीर की माता प्रमिला देवी को ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का भरोसा दिया। इस दौरान पूरा क्षेत्र बलिदानी के घर उमड़ पड़ा था। अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों ने “जब तक सूरज-चांद रहेगा, तब तक अश्विनी तेरा नाम रहेगा” के नारे लगाकर वीर जवान को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।


