शेखपुरा जिले के चेवाड़ा स्थित अंबेडकर भवन में मंगलवार को आंगनबाड़ी सेविकाओं के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हो गया। शाम 5 बजे हुए इस समापन समारोह में शिशु एवं बाल आहार, पोषण तथा देखभाल पर गहन चर्चा की गई। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिशु एवं बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना तथा सेविकाओं को पोषण, स्वास्थ्य एवं देखभाल से संबंधित नवीनतम जानकारी और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना था। इस प्रशिक्षण में प्रखंड क्षेत्र की सभी आंगनबाड़ी सेविकाएं और संबंधित पर्यवेक्षिकाएं उपस्थित रहीं। विशेषज्ञों ने शिशु आहार, संतुलित एवं पौष्टिक भोजन, कुपोषण की पहचान, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, साफ-सफाई, टीकाकरण, नियमित स्वास्थ्य जांच और बच्चों की समग्र देखभाल जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण के दौरान, सेविकाओं को व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से समझाया गया कि गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और छह वर्ष तक के बच्चों को पोषण संबंधी लाभ कैसे सुनिश्चित किए जाएं। अधिकारियों ने सेविकाओं को निर्देश दिया कि वे प्रशिक्षण में प्राप्त जानकारी को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ लागू करें, ताकि कुपोषण की समस्या पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके। समापन सत्र में उपस्थित पदाधिकारियों ने आंगनबाड़ी सेविकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि शिशु एवं बाल विकास की नींव आंगनबाड़ी केंद्रों से ही मजबूत होती है। कार्यक्रम का समापन सामूहिक सहभागिता और सकारात्मक संदेश के साथ हुआ। शेखपुरा जिले के चेवाड़ा स्थित अंबेडकर भवन में मंगलवार को आंगनबाड़ी सेविकाओं के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हो गया। शाम 5 बजे हुए इस समापन समारोह में शिशु एवं बाल आहार, पोषण तथा देखभाल पर गहन चर्चा की गई। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिशु एवं बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना तथा सेविकाओं को पोषण, स्वास्थ्य एवं देखभाल से संबंधित नवीनतम जानकारी और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना था। इस प्रशिक्षण में प्रखंड क्षेत्र की सभी आंगनबाड़ी सेविकाएं और संबंधित पर्यवेक्षिकाएं उपस्थित रहीं। विशेषज्ञों ने शिशु आहार, संतुलित एवं पौष्टिक भोजन, कुपोषण की पहचान, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, साफ-सफाई, टीकाकरण, नियमित स्वास्थ्य जांच और बच्चों की समग्र देखभाल जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण के दौरान, सेविकाओं को व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से समझाया गया कि गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और छह वर्ष तक के बच्चों को पोषण संबंधी लाभ कैसे सुनिश्चित किए जाएं। अधिकारियों ने सेविकाओं को निर्देश दिया कि वे प्रशिक्षण में प्राप्त जानकारी को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ लागू करें, ताकि कुपोषण की समस्या पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके। समापन सत्र में उपस्थित पदाधिकारियों ने आंगनबाड़ी सेविकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि शिशु एवं बाल विकास की नींव आंगनबाड़ी केंद्रों से ही मजबूत होती है। कार्यक्रम का समापन सामूहिक सहभागिता और सकारात्मक संदेश के साथ हुआ।


