हरियाणा की कुरुक्षेत्र जेल में 20 साल की सजा काट रहे कैदी की अचानक मौत हो गई। कैदी जिला जेल की बैरक नंबर-2 के कमरा नंबर-1 मृत पाया गया। पुलिस ने आज वीडियोग्राफी के बीच 3 डॉक्टरों के पैनल से उसके शव का पोस्टमॉर्टम करवाया। मृतक की पहचान गुरसेवक (35) निवासी मगर शाह जिला पटियाला हाल निवासी खानपुर रोड़ान के रूप में हुई। पिछले साल 27 नवंबर को नाबालिग बच्चे के साथ कुकर्म करने के मामले में गुरसेवक को पॉक्सो एक्ट के तहत 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। पुलिस के मुताबिक, गुरसेवक हर रोज अपने घरवाले के साथ जेल के फोन से बातचीत करता था। रविवार को भी गुरसेवक घरवाले से बातचीत करके सोया था। उस समय गुरसेवक ठीक-ठाक था। सुबह करीब साढ़े 5 बजे गुरसेवक नहीं उठा। उसके कैदी साथियों ने उसे उठाने की कोशिश भी की। जेल प्रशासन को सूचना दी बैरक के प्रधान ने तुरंत जेल प्रशासन को मौके पर बुलाया। जेल प्रशासन ने गुरसेवक की जांच के बाद पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने जज की निगरानी में शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। इत्तफाकिया रिपोर्ट दर्ज- हरपाल सिंह थाना सिटी थानेसर के अंतर्गत सेक्टर-7 चौकी में तैनात जांच अधिकारी हरपाल सिंह ने बताया कि आज 3 डॉक्टरों के पैनल से वीडियोग्राफी के बीच गुरसेवक के शव का पोस्टमॉर्टम करवाया गया। शुरुआती जांच में गुरसेवक की मौत हार्ट फेल्योर से होने की आशंका है। हालांकि विसरा जांच के लिए भेजा है। बच्चे के साथ किया था कुकर्म थाना केयूके एरिया के अंतर्गत रहने वाली महिला ने शिकायत में कहा था कि 21 जुलाई 2022 को उसके 4 बच्चे घर पर अकेले थे। वह ड्यूटी करके घर आई तो उसका 13 साल का बेटा घर पर नही था। उसके पड़ोस में रहने वाले गुरसेवक उसके बेटे को बाइक ठीक करवाने के बहाने से अपने साथ लेकर गया था। आरोपी उसके बेटे के साथ गलत हरकत की थी। 4 जिला कुरुक्षेत्र को अलग-अलग धाराओं में सुनाई कठोर कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है। जानकारी देते हुए उप जिला न्यायवादी प्रदीप मालिक ने बताया कि 21 जुलाई 2022 को थाना केयूके एरिया के अंतर्गत पुलिस को दी अपनी शिकायत में खानपुर रोडान वासी महिला ने बताया कि उसके 4 बच्चे घर पर अकेले रहते है । दिनांक 21 जुलाई को जब वह ड्यूटी करके घर आई तो उसका 13 साल का लड़का घर पर नही था । उसके पडोस में रहने वाले गुरसेवक ने उसके लडके को मोटरसाईकिल ठीक करवाने के बहाने अपने पास बुलाया तथा उसके साथ गलत हरकत की । जिसकी शिकायत पर थाना केयूके में मामला दर्ज करके जांच उप निरीक्षक कुलदीप द्वारा अमल में लायी गई। नाबालिग के ब्यान अदालत में कलमबद्ध करवाये गये व बाल कल्याण समिति में काऊंसलिंग करवाई गई। नाबालिग के ब्यान व काउंसलिंग के आधार पर मामले में पोक्सो एक्ट की धारा जोडी गई । तफ्तीश के दौरान दोषी गुरसेवक उर्फ़ जग्गी को गिरफ्तार कर लिया था व आरोपी को अदालत के आदेश से कारागार भेज दिया था। मामले का चालान माननीय अदालत में दिया गया था। दिनांक 27 नवम्बर 2024 को मामले की नियमित सुनवाई फास्ट ट्रैक स्पैशल कोर्ट में करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीश की अदालत ने गवाहों व सबूतों के आधार पर दोषी दोषी गुरसेवक उर्फ़ जग्गी को दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 4(2) पोक्सो एक्ट के तहत 20 साल कठोर कारावास व 40 हजार रुपये जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 11 माह कठोर के अतिरिक्त कारवास की सजा, आईपीसी की धारा 377 के तहत 10 साल कठोर कारावास व 20 हजार रुपये जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 6 माह कठोर के अतिरिक्त कारवास की सजा भुगतनी होगी।
बैरक नंबर के कमरा एक में
सुबह साढ़े 5 बजे
कैदियाें से सूचना मिली


