शहर में कड़ाके की सर्दी और घने कोहरे के बीच मंदिरों में भगवान को ठंड से बचाने के लिए विशेष शृंगार किया गया है। भक्तों ने देवी-देवताओं को ऊनी और मखमली वस्त्र पहनाए हैं।कई प्रमुख मंदिरों में भगवान के लिए गर्म चादरें और विशेष आवरण भी लगाए गए हैं। गर्भगृह में ठंड से बचाव के लिए कपड़ों के साथ फूलों की सजावट में भी बदलाव किया गया है, जिसमें गर्म रंगों के वस्त्रों का उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान में दिन का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस और रात का तापमान गिरकर 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। शाम होते ही धुंध छा जाती है।पुजारियों के अनुसार, हर साल कड़ाके की सर्दी में भगवान को गर्म वस्त्र पहनाने की यह परंपरा निभाई जाती है। यह भक्तों की आस्था और भावनात्मक जुड़ाव को भी दर्शाता है। सुबह और शाम की आरती के समय भी विशेष सावधानी बरती जा रही है।


