सुवेंदु अधिकारी ने कोलकाता में बांग्लादेश डिप्टी हाई कमीशन के बाहर प्रदर्शन के दौरान कहा कि वे दीपू के परिवार से संपर्क में हैं और कल (बुधवार) उनसे बात कर आर्थिक मदद की व्यवस्था तय करेंगे।
बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले में 18 दिसंबर को ईशनिंदा के आरोप में 25 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और उनके शव को पेड़ से लटकाकर आग लगा दी गई। इस बर्बर घटना की भारत सहित दुनिया भर में निंदा हो रही है। पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और BJP नेता सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को ऐलान किया कि वे दीपू दास के परिवार को नियमित मासिक आर्थिक सहायता प्रदान करेंगे।
पेड़ से लटकाकर लगा दी थी आग
दीपू चंद्र दास एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करते थे। पुलिस और रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) की जांच से पता चला है कि हत्या की मुख्य वजह फैक्ट्री में कार्यस्थल विवाद था, हालांकि शुरुआत में ईशनिंदा का आरोप लगाया गया। जांच में ईशनिंदा के कोई ठोस सबूत नहीं मिले। भीड़ ने दीपू को फैक्ट्री से बाहर निकालकर पीटा, फिर ढाका-मैमनसिंह हाईवे पर पेड़ से लटकाया और आग लगा दी। इस घटना के बाद बांग्लादेश में अशांति बढ़ गई, जो छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या से जुड़ी थी। अंतरिम सरकार ने इसकी निंदा की और कहा कि ऐसी हिंसा के लिए नई बांग्लादेश में कोई जगह नहीं है। अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें फैक्ट्री के कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं।
सुवेंदु अधिकारी का ऐलान और विरोध प्रदर्शन:
सुवेंदु अधिकारी ने कोलकाता में बांग्लादेश डिप्टी हाई कमीशन के बाहर प्रदर्शन के दौरान कहा कि वे दीपू के परिवार से संपर्क में हैं और कल (बुधवार) उनसे बात कर आर्थिक मदद की व्यवस्था तय करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अल्पसंख्यकों पर हमले नहीं रुके तो 24 दिसंबर को बॉर्डर पर एक घंटे का ब्लॉकेड और 26 दिसंबर को फिर प्रदर्शन होगा। भारत में दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद समेत कई शहरों में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किए। दिल्ली में प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़े और पुलिस से झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की।
राजनयिक तनाव, वीजा सेवाएं निलंबित
दीपू के परिवार को दुनिया भर से मदद मिल रही है। अमेरिका, सिंगापुर और अन्य देशों में रहने वाले हिंदू दान भेज रहे हैं। सोशल मीडिया पर मदद की अपील तेज है। इस घटना के बाद राजनयिक तनाव बढ़ा है। बांग्लादेश हाई कमीशन ने दिल्ली और अगरतला में वीजा सेवाएं अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दीं, जबकि भारत ने भी कुछ केंद्रों में सेवाएं रोकीं। संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जताई है।


