महाराष्ट्र में 15 जनवरी को होने वाले 29 महानगरपालिका चुनावों से पहले सियासी समीकरण तेजी से बदलते नजर आ रहे हैं। खासकर मुंबई और पुणे में सत्ता की लड़ाई ने पुराने मतभेदों को पीछे छोड़ते हुए नए गठबंधनों की जमीन तैयार कर दी है। धुर विरोधी दल भी एकजुट होने की तैयारी में हैं। जहां मुंबई में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का गठबंधन फाइनल हो गया है, वहीं अब खबर है कि पुणे में शरद पवार और अजित पवार की एनसीपी भी एक साथ चुनावी मैदान में उतर सकती है।
अजित पवार 26 दिसंबर को करेंगे खुलासा
पुणे महानगरपालिका (PMC) चुनाव के मद्देनजर डिप्टी सीएम अजित पवार ने बड़ा संकेत दिया है। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर को वह दोनों राष्ट्रवादी गुटों की आधिकारिक गठबंधन पर बड़ी घोषणा करेंगे। अजित पवार ने कार्यकर्ताओं से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। वह बुधवार को मुंबई में इस संबंध में एक समीक्षा बैठक भी करेंगे।
पुणे फतह के लिए ‘पवार’ फॉर्मूला
रिपोर्ट्स के अनुसार, पुणे में बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए विपक्षी दलों का एक साझा मोर्चा बनाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसमें दोनों राष्ट्रवादी (एनसीपी) गुटों के साथ-साथ ठाकरे की शिवसेना (UBT) को भी शामिल करने की चर्चा है।
अजित पवार गुट के पुणे शहर अध्यक्ष सुभाष जगताप ने भी एनसीपी के दोनों धड़ों के साथ आने के संकेत दिए हैं। पुणे महानगरपालिका चुनाव के लिए दोनों राष्ट्रवादी मिलकर मैदान में उतरेंगी और इसकी औपचारिक घोषणा 25 या 26 दिसंबर को हो सकती है।
उधर, दोनों गुटों के स्थानीय नेताओं के बीच गोपनीय बैठकें शुरू हो गई हैं। स्थानीय स्तर पर रणनीति तय करने के बाद वरिष्ठ नेताओं को पूरी रिपोर्ट भेजी जाएगी।
पार्टी के भीतर विरोध के स्वर
जहां वरिष्ठ नेता एकजुट होने की बात कर रहे हैं, वहीं जमीनी स्तर पर विरोध भी शुरू हो गया है। शरद पवार गुट के पुणे शहर अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने चेतावनी दी है कि अगर दोनों एनसीपी एक साथ चुनाव लड़ेंगे तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। हालांकि, पार्टी नेतृत्व इस गठबंधन को समय की मांग बता रहा है।
मुंबई में ठाकरे बनाम बीजेपी
मुंबई महानगरपालिका यानी बीएमसी चुनाव (BMC Election) की बात करें तो बुधवार दोपहर 12 बजे उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे की मनसे (MNS) के बीच गठबंधन की औपचारिक घोषणा की जाएगी। दोनों के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला लगभग तय हो चुका है। बीएमसी की कुल 227 सीटों में से शिवसेना (UBT) 145 से 150, मनसे 65 से 70 और एनसीपी (शरद पवार) 10 से 12 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।
कांग्रेस ने दिया झटका
इस बीच, उद्धव ठाकरे गुट का मानना है कि बीएमसी चुनाव में अलग-अलग चुनाव मैदान में उतरकर भाजपा को हराना आसान नहीं होगा। इसी वजह से समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए। हालांकि कांग्रेस ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और दो टूक कहा है कि वह किसी भी परिस्थिति में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ चुनावी गठबंधन नहीं करेगी।
इसके उलट, कांग्रेस मुंबई में प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन आघाडी (VBA) के साथ गठबंधन पर गंभीरता से विचार कर रही है। कांग्रेस वीबीए के साथ हाथ मिलाना चाहती है क्योंकि मुंबई में 49 सीटें अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित हैं।


