फरीदाबाद में फर्जी पैथोलॉजी लैब का भंडाफोड़:सीएम फ्लाइंग-स्वास्थ्य विभाग ने की रेड, पांच साल से चल रही, संचालक नहीं दिखा सका कोई दस्तावेज

फरीदाबाद में फर्जी पैथोलॉजी लैब का भंडाफोड़:सीएम फ्लाइंग-स्वास्थ्य विभाग ने की रेड, पांच साल से चल रही, संचालक नहीं दिखा सका कोई दस्तावेज

फरीदाबाद में सीएम फ्लाइंग टीम और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने सोमवार देर रात कार्रवाई करते हुए एक फर्जी पैथोलॉजी लैब का पर्दाफाश किया है। सराय ख्वाजा थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया है। जांच में सामने आया है कि आरोपी पिछले करीब पांच वर्षों से बिना किसी रजिस्ट्रेशन और योग्यता के पैथोलॉजी लैब चला रहा था। सीएम फ्लाइंग को सूचना मिली थी कि अशोक एन्क्लेव, मेन सेक्टर-34 में एलियांज मेडिकल सर्विस के नाम से एक पैथोलॉजी लैब अवैध रूप से संचालित की जा रही है। बताया गया कि लैब संचालक के पास न तो स्वास्थ्य विभाग से कोई रजिस्ट्रेशन या अनुमति है और न ही सैंपल लेने से संबंधित कोई वैध डिग्री अथवा डिप्लोमा। इसके बावजूद यहां लोगों के खून और पेशाब जैसे सैंपल लेकर जांच की जा रही थी, जिससे आम लोगों की सेहत के साथ गंभीर खिलवाड़ हो रहा था देर रात की गई छापेमारी सूचना मिलने के बाद सीएम फ्लाइंग टीम के अधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया। सीएमओ के निर्देश पर जांच के लिए डॉक्टर रिचा बत्रा, एमडी पैथोलॉजी डॉक्टर लोकेश और डिप्टी सीएमओ डॉक्टर अजेंद्र कुमार यादव की टीम गठित की गई। इसके बाद सोमवार देर रात सीएम फ्लाइंग और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने मौके पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान लैब में भूपेंद्र सिंह नामक व्यक्ति मिला, जो लैब का संचालन कर रहा था। टीम द्वारा जब उससे लैब के रजिस्ट्रेशन से संबंधित दस्तावेज मांगे गए तो वह कोई भी वैध प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर सका। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह करीब पांच साल से इस लैब को चला रहा है। छापेमारी के समय वह एक व्यक्ति का शुगर टेस्ट के लिए सैंपल लेते हुए भी पाया गया। नहीं दिखा सका रजिस्ट्रेशन अधिकारियों ने जब सैंपल लेने से संबंधित उसकी शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेज मांगे तो आरोपी कोई भी वैध डिग्री या डिप्लोमा नहीं दिखा सका। डिप्टी सीएमओ डॉक्टर अजेंद्र कुमार यादव ने बताया कि आरोपी अवैध रूप से पैथ लैब चलाते हुए पकड़ा गया है। मौके पर लैब में हेमेटोलॉजी एनालाइजर, पार्ट एनालाइजर, माइक्रोसोर्ब, वेंटेनर ट्यूब सहित अन्य उपकरण पाए गए। जांच के दौरान टीम को लैब में प्रतिदिन किए जाने वाले टेस्ट से संबंधित कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। मशीनों के उपयोग, टेस्ट रिपोर्ट या मरीजों के डाटा से जुड़ा भी कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं था। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी मरीजों को जांच रिपोर्ट वॉट्सऐप के माध्यम से भेजता था। इसके अलावा बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण से संबंधित भी कोई वैध दस्तावेज मौके पर नहीं मिले और न ही मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निपटारा किया जा रहा था।। डिप्टी सीएमओ ने दर्ज कराया केस डिप्टी सीएमओ की शिकायत पर सराय ख्वाजा थाना पुलिस ने आम नागरिकों को धोखे में रखकर उनकी जान को खतरे में डालने और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 समेत अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और यह जांच की जा रही है कि उसने अब तक कितने लोगों की जांच की और रिपोर्ट कहां से बनवाई जाती थी

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