केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को राजद की ओर से नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगे जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी। राजद की ओर से इस्तीफा मांगे जाने को केंद्रीय मंत्री ने बकवास करार दिया और कहा कि राजद की मांग को इतनी सीरियसली भी लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि राजद इस तरह की बेवजह की बयानबाजी करती रही है। जब जनता ने नीतीश कुमार को अपना जनादेश दे दिया है, तब त्यागपत्र देने की बात कहां से आ गई। जीतन राम मांझी ने कहा कि एनडीए ने नीतीश कुमार के नाम पर ही जनता से वोट अपील की थी। जनता ने उम्मीद से ज्यादा समर्थन और प्यार दिया। जनता का ये विश्वास है और राजद के बयानों पर जनता के भरोसे को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री गयाजी के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित बुक फेयर के उद्घाटन समारोह में पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया की ओर पूछे गए सवाल पर उन्होंने ये जवाब दिया। मांझी बोले- नीतीश कुमार को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं मांझी ने साफ कहा कि नीतीश कुमार को बिहार छोड़कर कहीं जाने की जरूरत नहीं। उन्हें यहीं रहकर जनता की सेवा करनी है। बाहर जाकर बयान देने की राजनीति व परंपरा गलत है। उन्होंने राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताओं पर विदेश जाकर देश और बिहार के खिलाफ बोलने का आरोप लगाया। कहा कि अगर कुछ कहना है तो देश में रहकर कहिए। बाहर जाकर अपने देश को बदनाम करना ठीक नहीं। तेजस्वी यादव के विदेश दौरे को लेकर भी जीतन राम मांझी ने साधा निशाना तेजस्वी यादव के विदेश दौरे पर भी मांझी ने तंज कसा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कहीं ऐसा न हो कि वे भी बाहर जाकर अनर्गल बयान दे दें। विपक्ष का धर्म है कि हार स्वीकार करना। जनता ने जिन वजहों से सत्ता से बाहर किया। पहले उन कमियों को सुधारें। फिर मैदान में उतरें। छोटे दलों को तोड़ने के आरोपों पर भी मांझी ने पलटवार किया छोटे दलों को तोड़ने के आरोपों पर मांझी ने पलटवार किया। कहा कि मैं खुद छोटे दल का नेता हूं। मुझे केंद्रीय मंत्री बनाया गया। तो फिर दल तोड़ने का आरोप कहां से सही है। उन्होंने कहा कि एनडीए पूरी तरह संवैधानिक है। डबल इंजन की सरकार देश और बिहार को आगे बढ़ाने में जुटी है।कुल मिलाकर, पुस्तक मेला के उद्घाटन के दौरान जीतन राम मांझी ने विपक्ष को साफ संदेश दे दिया कि वह नीतीश कुमार के साथ खड़े हैं और सरकार के समर्थन में खुलकर बोले। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को राजद की ओर से नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगे जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी। राजद की ओर से इस्तीफा मांगे जाने को केंद्रीय मंत्री ने बकवास करार दिया और कहा कि राजद की मांग को इतनी सीरियसली भी लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि राजद इस तरह की बेवजह की बयानबाजी करती रही है। जब जनता ने नीतीश कुमार को अपना जनादेश दे दिया है, तब त्यागपत्र देने की बात कहां से आ गई। जीतन राम मांझी ने कहा कि एनडीए ने नीतीश कुमार के नाम पर ही जनता से वोट अपील की थी। जनता ने उम्मीद से ज्यादा समर्थन और प्यार दिया। जनता का ये विश्वास है और राजद के बयानों पर जनता के भरोसे को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री गयाजी के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित बुक फेयर के उद्घाटन समारोह में पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया की ओर पूछे गए सवाल पर उन्होंने ये जवाब दिया। मांझी बोले- नीतीश कुमार को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं मांझी ने साफ कहा कि नीतीश कुमार को बिहार छोड़कर कहीं जाने की जरूरत नहीं। उन्हें यहीं रहकर जनता की सेवा करनी है। बाहर जाकर बयान देने की राजनीति व परंपरा गलत है। उन्होंने राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताओं पर विदेश जाकर देश और बिहार के खिलाफ बोलने का आरोप लगाया। कहा कि अगर कुछ कहना है तो देश में रहकर कहिए। बाहर जाकर अपने देश को बदनाम करना ठीक नहीं। तेजस्वी यादव के विदेश दौरे को लेकर भी जीतन राम मांझी ने साधा निशाना तेजस्वी यादव के विदेश दौरे पर भी मांझी ने तंज कसा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कहीं ऐसा न हो कि वे भी बाहर जाकर अनर्गल बयान दे दें। विपक्ष का धर्म है कि हार स्वीकार करना। जनता ने जिन वजहों से सत्ता से बाहर किया। पहले उन कमियों को सुधारें। फिर मैदान में उतरें। छोटे दलों को तोड़ने के आरोपों पर भी मांझी ने पलटवार किया छोटे दलों को तोड़ने के आरोपों पर मांझी ने पलटवार किया। कहा कि मैं खुद छोटे दल का नेता हूं। मुझे केंद्रीय मंत्री बनाया गया। तो फिर दल तोड़ने का आरोप कहां से सही है। उन्होंने कहा कि एनडीए पूरी तरह संवैधानिक है। डबल इंजन की सरकार देश और बिहार को आगे बढ़ाने में जुटी है।कुल मिलाकर, पुस्तक मेला के उद्घाटन के दौरान जीतन राम मांझी ने विपक्ष को साफ संदेश दे दिया कि वह नीतीश कुमार के साथ खड़े हैं और सरकार के समर्थन में खुलकर बोले।


