MLDPK यादव डिग्री कॉलेज में प्रिंसिपल पद का विवाद गहराया:पूर्व प्रभारी प्रिंसिपल के खिलाफ FIR; कॉलेज लेटर पैड के दुरुपयोग, हाईकोर्ट आदेश की गलत व्याख्या का आरोप

MLDPK यादव डिग्री कॉलेज में प्रिंसिपल पद का विवाद गहराया:पूर्व प्रभारी प्रिंसिपल के खिलाफ FIR; कॉलेज लेटर पैड के दुरुपयोग, हाईकोर्ट आदेश की गलत व्याख्या का आरोप

पूर्णिया यूनिवर्सिटी से जुड़े MLDPK यादव डिग्री कॉलेज में लंबे समय से चल रहा प्रिंसिपल पद का विवाद गहराता जा रहा है। कॉलेज के पूर्व प्रभारी प्रिंसिपल प्रोफेसर इंदु कुमार सिन्हा के खिलाफ नगर थाना अररिया में एफआईआर दर्ज की गई है। ये FIR इस वक्त के प्रभारी प्रिंसिपल वकील सिंह के आवेदन पर दर्ज हुई है। इससे पहले 15 दिसंबर 2025 को प्रभारी प्रधानाचार्य प्रोफेसर वकील सिंह ने अररिया के नगर थाना में आवेदन देकर पूर्व प्रभारी प्रधानाचार्य पर गंभीर आरोप लगाए थे। प्रभारी प्रिंसिपल की ओर से आवेदन में क्या कहा गया है? आवेदन में प्रभारी प्रधानाचार्य प्रोफेसर वकील सिंह ने उल्लेख किया है कि महाविद्यालय की तदर्थ समिति की बैठक 18 जुलाई 2025 को हुई थी। इस समिति के सचिव अनुमंडल पदाधिकारी अररिया, अध्यक्ष अररिया के सांसद प्रदीप कुमार सिंह और विश्वविद्यालय प्रतिनिधि डॉ. संजय कुमार सिंह हैं। बैठक में सर्वसम्मति से पूर्व प्रभारी प्रधानाचार्य प्रो. इंदु कुमार सिन्हा को वित्तीय अनियमितता के आरोप में पद से हटाने का निर्णय लिया गया था और प्रो. वकील सिंह को प्रभारी प्रधानाचार्य बनाया गया था। इसके बाद तदर्थ समिति के सचिव और अररिया SDO के जरिए प्रो. इंदु कुमार सिन्हा को निर्देश दिया गया था कि वे महाविद्यालय से संबंधित प्रभार नए प्रभारी प्रधानाचार्य को सौंप दें, ताकि कार्यालय और शैक्षणिक कार्य सुचारू रूप से चल सके। हालांकि आरोप है कि पूर्व प्रभारी प्रधानाचार्य ने इस आदेश का पालन नहीं किया और इसके खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। 18 सितंबर को आदेश जारी कर हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक हाईकोर्ट ने 18 सितंबर 2025 को अंतरिम आदेश जारी करते हुए संबंधित पत्र के अनुपालन पर अस्थायी रोक लगा दी थी। आरोप है कि हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश की आड़ में प्रो. इंदु कुमार सिन्हा ने स्वयं को अनधिकृत रूप से महाविद्यालय का प्रधानाचार्य बताते हुए कॉलेज के लेटर पैड का इस्तेमाल शुरू कर दिया। विश्वविद्यालय और प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भेजकर ये दर्शाने की कोशिश की कि हाईकोर्ट ने उन्हें प्रधानाचार्य के रूप में कार्य करने की अनुमति दी है। पत्र से ये स्पष्ट हुआ कि हाईकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या कर निजी लाभ के लिए पत्राचार किया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए बीते 6 दिसंबर को महाविद्यालय की तदर्थ समिति की बैठक सांसद प्रदीप कुमार सिंह की अध्यक्षता में बुलाई गई। बैठक में विश्वविद्यालय को भेजे गए पत्रों और कुलसचिव के निर्देशों पर विचार किया गया। बैठक के बाद सचिव सह अररिया SDO इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि पूर्व प्रभारी प्रधानाचार्य प्रो. इंदु कुमार सिन्हा ने बदनीयती से स्वयं को प्रधानाचार्य बताकर विश्वविद्यालय और सामान्य प्रशासन को गुमराह किया। अररिया में दर्ज की गई है एफआईआर कॉलेज के लेटर पैड का गलत इस्तेमाल कर अभिलेखों में हेरफेर की गई और अधिकारियों के सामने गलत दस्तावेज प्रस्तुत किए गए, जो गंभीर आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है। इसके बाद तदर्थ समिति के प्रस्ताव के जरिए प्रभारी प्रधानाचार्य प्रोफेसर वकील सिंह को पूर्व प्रधानाचार्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया, जिसके आधार पर नगर थाना अररिया में एफआईआर दर्ज कराई गई। पूर्णिया यूनिवर्सिटी से जुड़े MLDPK यादव डिग्री कॉलेज में लंबे समय से चल रहा प्रिंसिपल पद का विवाद गहराता जा रहा है। कॉलेज के पूर्व प्रभारी प्रिंसिपल प्रोफेसर इंदु कुमार सिन्हा के खिलाफ नगर थाना अररिया में एफआईआर दर्ज की गई है। ये FIR इस वक्त के प्रभारी प्रिंसिपल वकील सिंह के आवेदन पर दर्ज हुई है। इससे पहले 15 दिसंबर 2025 को प्रभारी प्रधानाचार्य प्रोफेसर वकील सिंह ने अररिया के नगर थाना में आवेदन देकर पूर्व प्रभारी प्रधानाचार्य पर गंभीर आरोप लगाए थे। प्रभारी प्रिंसिपल की ओर से आवेदन में क्या कहा गया है? आवेदन में प्रभारी प्रधानाचार्य प्रोफेसर वकील सिंह ने उल्लेख किया है कि महाविद्यालय की तदर्थ समिति की बैठक 18 जुलाई 2025 को हुई थी। इस समिति के सचिव अनुमंडल पदाधिकारी अररिया, अध्यक्ष अररिया के सांसद प्रदीप कुमार सिंह और विश्वविद्यालय प्रतिनिधि डॉ. संजय कुमार सिंह हैं। बैठक में सर्वसम्मति से पूर्व प्रभारी प्रधानाचार्य प्रो. इंदु कुमार सिन्हा को वित्तीय अनियमितता के आरोप में पद से हटाने का निर्णय लिया गया था और प्रो. वकील सिंह को प्रभारी प्रधानाचार्य बनाया गया था। इसके बाद तदर्थ समिति के सचिव और अररिया SDO के जरिए प्रो. इंदु कुमार सिन्हा को निर्देश दिया गया था कि वे महाविद्यालय से संबंधित प्रभार नए प्रभारी प्रधानाचार्य को सौंप दें, ताकि कार्यालय और शैक्षणिक कार्य सुचारू रूप से चल सके। हालांकि आरोप है कि पूर्व प्रभारी प्रधानाचार्य ने इस आदेश का पालन नहीं किया और इसके खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। 18 सितंबर को आदेश जारी कर हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक हाईकोर्ट ने 18 सितंबर 2025 को अंतरिम आदेश जारी करते हुए संबंधित पत्र के अनुपालन पर अस्थायी रोक लगा दी थी। आरोप है कि हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश की आड़ में प्रो. इंदु कुमार सिन्हा ने स्वयं को अनधिकृत रूप से महाविद्यालय का प्रधानाचार्य बताते हुए कॉलेज के लेटर पैड का इस्तेमाल शुरू कर दिया। विश्वविद्यालय और प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भेजकर ये दर्शाने की कोशिश की कि हाईकोर्ट ने उन्हें प्रधानाचार्य के रूप में कार्य करने की अनुमति दी है। पत्र से ये स्पष्ट हुआ कि हाईकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या कर निजी लाभ के लिए पत्राचार किया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए बीते 6 दिसंबर को महाविद्यालय की तदर्थ समिति की बैठक सांसद प्रदीप कुमार सिंह की अध्यक्षता में बुलाई गई। बैठक में विश्वविद्यालय को भेजे गए पत्रों और कुलसचिव के निर्देशों पर विचार किया गया। बैठक के बाद सचिव सह अररिया SDO इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि पूर्व प्रभारी प्रधानाचार्य प्रो. इंदु कुमार सिन्हा ने बदनीयती से स्वयं को प्रधानाचार्य बताकर विश्वविद्यालय और सामान्य प्रशासन को गुमराह किया। अररिया में दर्ज की गई है एफआईआर कॉलेज के लेटर पैड का गलत इस्तेमाल कर अभिलेखों में हेरफेर की गई और अधिकारियों के सामने गलत दस्तावेज प्रस्तुत किए गए, जो गंभीर आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है। इसके बाद तदर्थ समिति के प्रस्ताव के जरिए प्रभारी प्रधानाचार्य प्रोफेसर वकील सिंह को पूर्व प्रधानाचार्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया, जिसके आधार पर नगर थाना अररिया में एफआईआर दर्ज कराई गई।  

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