प्रयागराज कमिश्नरेट पुलिस ने अपराध नियंत्रण को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। न्यायालय अपर पुलिस आयुक्त, कमिश्नरेट प्रयागराज द्वारा उत्तर प्रदेश गुण्डा नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत एक अभियुक्त को कमिश्नरेट प्रयागराज की सीमाओं से छह माह के लिए जिला बदर करने का आदेश पारित किया गया है। कई संगीन मामलों में रहा है संलिप्त पुलिस अफसरों के अनुसार, जिला बदर किया गया अभियुक्त जितेन्द्र उर्फ धनराज पुत्र रामपूजन है, जो मूल रूप से गौसलपुर थाना करीमुद्दीनपुर, जनपद गाजीपुर का निवासी है। वर्तमान में वह ताराचन्द्र हॉस्टल, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में रह रहा है। उस पर हथियारों के साथ बलवा, मारपीट, गालीगलौज, जान से मारने की धमकी, हत्या का प्रयास, तोड़फोड़, धारा 144 का उल्लंघन, लोक सेवक के कार्य में बाधा, लोक शांति भंग करने, लूट व छिनैती के आरोप में केस दर्ज हैं। न्यायालय में नहीं रखा पक्ष उसे को न्यायालय में अपना पक्ष रखने के लिए कुल 13 अवसर प्रदान किए गए थे। इसके बावजूद नोटिस तामील होने के बाद भी वह न तो स्वयं न्यायालय में उपस्थित हुआ और न ही किसी अधिवक्ता के माध्यम से अपना पक्ष रखा। एकपक्षीय आदेश पारित अभियोजन पक्ष को सुनने और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन के बाद न्यायालय अपर पुलिस आयुक्त, कमिश्नरेट प्रयागराज ने अभियुक्त के विरुद्ध एकपक्षीय जिला बदर की कार्रवाई का आदेश पारित किया। आदेश के तहत, अभियुक्त को छह माह की अवधि के लिए कमिश्नरेट प्रयागराज की सीमाओं से बाहर रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस वर्ष अब तक 25 अपराधी जिला बदर पुलिस अधिकारियों के अनुसार 2025 में अब तक कुल 25 अभियुक्तों को गुण्डा नियंत्रण अधिनियम के तहत जिला बदर किया जा चुका है। कमिश्नरेट पुलिस का कहना है कि अपराध और असामाजिक गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए आगे भी ऐसी कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। उधर इस मामले में आरोपी छात्र नेता का पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।


