Oral Cancer in India: 20 की उम्र में बढ़ रहा है ओरल कैंसर! मुंह के इन निशान को हल्के में ना लें, तुरंत जांच कराएं

Oral Cancer in India: 20 की उम्र में बढ़ रहा है ओरल कैंसर! मुंह के इन निशान को हल्के में ना लें, तुरंत जांच कराएं

Oral cancer in India: हेड और नेक कैंसर सुनते ही डर लगना स्वाभाविक है। लेकिन इसे समझ लिया जाए, तो समय रहते बचाव और इलाज दोनों संभव हैं। यह कैंसर मुंह, गला, नाक, आवाज की नली (वॉयस बॉक्स) और कभी-कभी लार ग्रंथियों को प्रभावित करता है। भारत में यह कैंसर खासतौर पर पुरुषों में ज्यादा देखा जाता है और इसकी सबसे बड़ी वजह हमारी लाइफस्टाइल आदतें हैं।

डॉक्टरों का कहना है कि ओरल कैंसर भारत में तेजी से बढ़ रहा है। पहले यह बीमारी उम्रदराज लोगों में देखी जाती थी, लेकिन अब 20-30 साल के युवाओं में भी आम होती जा रही है। सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत पवार के अनुसार, भारत आज दुनिया में ओरल कैंसर का एपिसेंटर बन चुका है। GLOBOCAN के आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया के कुल ओरल कैंसर मामलों में से करीब एक-तिहाई केस भारत में पाए जाते हैं।

युवाओं में क्यों बढ़ रहा है ये कैंसर?

सबसे बड़ा कारण है तंबाकू चाहे सिगरेट हो, बीड़ी, गुटखा, पान, खैनी या फ्लेवर्ड सुपारी। शराब के साथ तंबाकू लेने से खतरा और बढ़ जाता है। खासकर गुटखा और सुपारी जैसे सस्ते प्रोडक्ट लंबे समय तक गाल में रखे जाते हैं, जिससे मुंह की अंदरूनी त्वचा सीधे कैंसर पैदा करने वाले तत्वों के संपर्क में रहती है। इसके अलावा HPV संक्रमण (खासतौर पर HPV-16) अब युवाओं में गले के कैंसर का एक बड़ा कारण बन रहा है। खराब ओरल हाइजीन, लंबे समय तक ठीक न होने वाले मुंह के छाले और सफेद, लाल धब्बों को नजरअंदाज करना भी जोखिम बढ़ाता है।

लाइफस्टाइल भी निभा रही है रोल

आजकल लंबे काम के घंटे, नींद की कमी, लगातार स्क्रीन टाइम, कम शारीरिक गतिविधि और क्रॉनिक स्ट्रेस शरीर की इम्युनिटी को कमजोर करते हैं। कुछ स्टडीज़ यह भी बताती हैं कि जेनेटिक कारण भी कुछ युवाओं को कम समय के एक्सपोज़र में ज्यादा संवेदनशील बना सकते हैं।

देर से पहचान सबसे बड़ी समस्या

भारत में ओरल कैंसर के ज्यादातर केस स्टेज 3 या 4 में सामने आते हैं। शुरुआती दौर में यह बीमारी अक्सर बिना दर्द के छाले के रूप में दिखती है, जिसे लोग मामूली समझकर टाल देते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि अगर कैंसर शुरुआत में पकड़ लिया जाए, तो 80-90% तक सर्वाइवल संभव है। देर होने पर यह आंकड़ा 50-65% तक गिर जाता है।

बचाव कैसे करें?

  • किसी भी रूप में तंबाकू और सुपारी से दूरी
  • शराब का सीमित सेवन
  • मुंह की सफाई पर ध्यान
  • लंबे समय से ठीक न होने वाले छाले, लाल,सफेद पैच या लगातार दर्द को कभी नजरअंदाज न करें
  • जोखिम वाले इलाकों में स्क्रीनिंग
  • युवाओं में HPV वैक्सीन को लेकर जागरूकता

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