Skin Disease: आपने काफी लोगों को देखा होगा या लोगों को छोड़ें आप खुद को देखें कि काफी बार आपके शरीर के कई हिस्सों में त्वचा काली होकर मोटी हो जाती है। हम इसको इसलिए नजरअंदाज कर देते हैं कि ये तो साधारण टैनिंग ही तो है। इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हम अपनी स्किन की केयर ही नहीं कर पाते हैं। लेकिन असल में इस समस्या को हमें ऐसे ही नहीं टालना चाहिए। विज्ञान इसे एकैन्थोसिस निगरिकन्स (एएन) कहता है। ये अपने आप में त्वचा की कोई बीमारी नहीं है, बल्कि त्वचा की एक समस्या होती है।
एकैन्थोसिस निगरिकन्स क्या है?(Acanthosis Nigricans)
एकैन्थोसिस निगरिकन्स का मुख्य कारण इंसुलिन की मात्रा में बदलाव होता है। अब बात करते हैं कि जब ये अपने आप में कोई बीमारी नहीं है तो फिर है क्या? ये त्वचा की वह स्थिति है जिसमें त्वचा के कुछ हिस्से काले, मोटे और मखमली हो जाते हैं। ये हमारे शरीर के अंदर स्थित किसी आंतरिक बीमारी की शुरुआत होती है। एएन त्वचा की समस्या से काफी ज्यादा होती है। ये होने का सीधा मतलब होता है कि आपको अपनी पाचन क्रिया पर ध्यान देने की जरूरत है। इसकी गंभीर स्थिति में तो यह पेट के कैंसर का कारण बन जाता है।
एकैन्थोसिस निगरिकन्स के संकेत(Acanthosis Nigricans Symptoms)
- त्वचा पर मोटे मखमली पैच।
- शरीर के अंदरूनी या ढके रहने वाले हिस्सों में होती है।
- गर्दन के पीछे, एक्सिला और कमर पर ये ज्यादा होता है।
- गंभीर स्थिति में खुजली भी होती है।
- प्रभावित जगह पर कई बार घाव भी हो जाता है।

एकैन्थोसिस निगरिकन्स से बचने के लिए डाइट(Acanthosis Nigricans Diet)
डॉक्टर मनोज जांगिड़ ने बताया है कि जब स्किन पर ऐसे काले धब्बे दिखाई दें तो इन्हें बिल्कुल भी इग्नोर नहीं करना चाहिए। लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है कि इनको होने से पहले ही रोका जाए और ये तभी संभव है जब आप अपनी डाइट में संतुलित आहार को शामिल करें।
1. कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला खाना- डॉ. मनोज का कहना है कि त्वचा की इस समस्या से बचने के लिए हमेशा आपको ऐसा खाना लेना है जिससे ब्लड शुगर एक साथ बढ़ने की बजाय धीरे-धीरे बढ़े। उनका कहना ये भी है कि इससे बचना है तो टाइप-2 डायबिटीज से बचाने वाले खाने को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
2. अधिक फाइबर का सेवन- फाइबर शुगर के पाचन को धीमा कर देता है। इसलिए अपने भोजन में साबुत अनाज और फलियां ज्यादा मात्रा में शामिल करें क्योंकि इसमें फाइबर ज्यादा होता है। इससे शुगर धीरे-धीरे करके पचती है जिससे इसका खतरा कम होता है।
3. लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट- पौधों आधारित प्रोटीन और बिना स्किन वाली मछली को अपनी डाइट में शामिल करें। ये दिल की सेहत के लिए भी अच्छा माना गया है। इससे कोलेस्ट्रॉल और शुगर दोनों कंट्रोल में रहते हैं। जब शुगर का अवशोषण अच्छे से होगा तो त्वचा की ये समस्या होगी ही नहीं।
4. पर्याप्त पानी का सेवन- हमारे शरीर की सभी बीमारियों का संबंध हमारे मेटाबॉलिज्म से होता है। स्किन की बीमारियों का तो विशेष संबंध होता है। अब अगर ऐसी घातक समस्याओं से बचना है तो पूरे दिन भर खूब पानी पिएं।


