पूर्णिया में ठंड और शीतलहर का असर बरकरार है। शहरी और ग्रामीण इलाके सुबह के समय घना कोहरा छाया रहा। बर्फीली पछुआ हवा ने शहर की भाग दौड़ वाली लाइफ में काफी हद तक ब्रेक लगा दी है। सोमवार की तरह आज भी सुबह और शाम ठिठुरन से लोगों को कोई खास राहत नहीं मिलने वाली। हालांकि दिन में हल्की धूप का दीदार हो सकता है। ठंडी पछुआ हवा के कारण जिले में कनकनी की स्थिति बनी हुई है। ठंड का सबसे अधिक असर तराई क्षेत्र से लगे होने के कारण जिले के उत्तरी हिस्से वाले प्रखंड जलालगढ़, बैसा, अमौर, बायसी में दिखाई दे रहा है। इन हिस्सों में टेंप्रेचर 14 डिग्री सेल्सियस है। न्यूनतम तापमान 12.3 डिग्री सेल्सियस सोमवार को जिले का अधिकतम तापमान 17.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई, जबकि न्यूनतम तापमान 12.3 डिग्री सेल्सियस रहा। रविवार को जिले का अधिकतम तापमान 19.6 डिग्री सेल्सियस, जबकि मंगलवार को 17.6 दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 13.3 डिग्री सेल्सियस रहा। अधिकतम तापमान में करीब 2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई थी। भास्कर से बात करते हुए मौसम वैज्ञानिक राकेश कुमार ने बताया कि जिले में पश्चिमी विक्षोभ का आंशिक प्रभाव बना हुआ है। इसी वजह से मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। सोमवार को जहां तापमान में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, वहीं मंगलवार इसमें बढ़ोतरी आई। हालांकि पछुआ ठंडी हवा के कारण न ठंड से राहत नहीं मिलने वाली है और न ही टेंप्रेचर में हुए मामूली इजाफे का असर दिखेगा। आज भी सुबह और शाम ठंड और शीतलहर का असर बना रहेगा। स्कूल की टाइमिंग बदली बढ़ती ठंड को लेकर लोग घर से बाहर निकलने से बच रहे हैं। सड़कों पर वाहनों और राहगीरों की आवाजाही कम हो गई है। लोग इससे बचने अलाव का सहारा ले रहे हैं। बुजुर्गों और बच्चों पर ठंड का असर ज्यादा देखा जा रहा है। जिले में बढ़ती ठंड और शीतलहर को देखते हुए जिला प्रशासन ने पहले ही एहतियाती कदम उठाए हैं। डीएम अंशुल कुमार ने आदेश जारी करते हुए सभी सरकारी और निजी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, प्री-स्कूलों और कोचिंग क्लासेज के सुबह के संचालन पर रोक लगा दी है। आदेश के अनुसार अब सभी शैक्षणिक संस्थान सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक संचालित किए जाएंगे। यह आदेश 24 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा। प्रशासन का कहना है कि छोटे बच्चों और छात्रों को ठंड और शीतलहर से बचाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे ठंड को देखते हुए सतर्क रहें, सुबह और देर रात बाहर निकलने से बचें और गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करें। खासकर बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गई है। पूर्णिया में ठंड और शीतलहर का असर बरकरार है। शहरी और ग्रामीण इलाके सुबह के समय घना कोहरा छाया रहा। बर्फीली पछुआ हवा ने शहर की भाग दौड़ वाली लाइफ में काफी हद तक ब्रेक लगा दी है। सोमवार की तरह आज भी सुबह और शाम ठिठुरन से लोगों को कोई खास राहत नहीं मिलने वाली। हालांकि दिन में हल्की धूप का दीदार हो सकता है। ठंडी पछुआ हवा के कारण जिले में कनकनी की स्थिति बनी हुई है। ठंड का सबसे अधिक असर तराई क्षेत्र से लगे होने के कारण जिले के उत्तरी हिस्से वाले प्रखंड जलालगढ़, बैसा, अमौर, बायसी में दिखाई दे रहा है। इन हिस्सों में टेंप्रेचर 14 डिग्री सेल्सियस है। न्यूनतम तापमान 12.3 डिग्री सेल्सियस सोमवार को जिले का अधिकतम तापमान 17.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई, जबकि न्यूनतम तापमान 12.3 डिग्री सेल्सियस रहा। रविवार को जिले का अधिकतम तापमान 19.6 डिग्री सेल्सियस, जबकि मंगलवार को 17.6 दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 13.3 डिग्री सेल्सियस रहा। अधिकतम तापमान में करीब 2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई थी। भास्कर से बात करते हुए मौसम वैज्ञानिक राकेश कुमार ने बताया कि जिले में पश्चिमी विक्षोभ का आंशिक प्रभाव बना हुआ है। इसी वजह से मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। सोमवार को जहां तापमान में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, वहीं मंगलवार इसमें बढ़ोतरी आई। हालांकि पछुआ ठंडी हवा के कारण न ठंड से राहत नहीं मिलने वाली है और न ही टेंप्रेचर में हुए मामूली इजाफे का असर दिखेगा। आज भी सुबह और शाम ठंड और शीतलहर का असर बना रहेगा। स्कूल की टाइमिंग बदली बढ़ती ठंड को लेकर लोग घर से बाहर निकलने से बच रहे हैं। सड़कों पर वाहनों और राहगीरों की आवाजाही कम हो गई है। लोग इससे बचने अलाव का सहारा ले रहे हैं। बुजुर्गों और बच्चों पर ठंड का असर ज्यादा देखा जा रहा है। जिले में बढ़ती ठंड और शीतलहर को देखते हुए जिला प्रशासन ने पहले ही एहतियाती कदम उठाए हैं। डीएम अंशुल कुमार ने आदेश जारी करते हुए सभी सरकारी और निजी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, प्री-स्कूलों और कोचिंग क्लासेज के सुबह के संचालन पर रोक लगा दी है। आदेश के अनुसार अब सभी शैक्षणिक संस्थान सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक संचालित किए जाएंगे। यह आदेश 24 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा। प्रशासन का कहना है कि छोटे बच्चों और छात्रों को ठंड और शीतलहर से बचाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे ठंड को देखते हुए सतर्क रहें, सुबह और देर रात बाहर निकलने से बचें और गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करें। खासकर बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गई है।


