विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पहले चरण के दौरान मतदाताओं द्वारा प्रस्तुत गणना प्रपत्रों में विसंगतियों के मामलों की सुनवाई के लिए चुनाव आयोग (ईसी) तैयार है। इस दौरान आयोग का ध्यान पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों पर केंद्रित है, जहां तार्किक विसंगतियां बहुतायत मात्रा में पाई जा रही हैं। 16 दिसंबर को चुनाव आयोग ने मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित किया था, जिसमें 58 लाख से अधिक नाम हटाए जाने के बाद मतदाताओं की संख्या 7.66 करोड़ से घटकर 7.08 करोड़ हो गई थी।
इसे भी पढ़ें: West Bengal: पीएम मोदी का TMC पर तीखा हमला: वोट बैंक के लिए घुसपैठियों की ढाल बनी ममता सरकार
सात कैटेगरी तय
जिन मतदाताओं के पिता के छह से अधिक बच्चे हैं
पिता के नाम में विसंगति
मतदाताओं और उनके माता-पिता के बीच आयु का अंतर 15 वर्ष से कम है
मतदाताओं और उनके माता-पिता के बीच आयु का अंतर 50 वर्ष से अधिक है
मतदाताओं और उनके दादा के बीच आयु का अंतर 40 वर्ष से कम है
45 वर्ष की आयु के बाद अपना नाम दर्ज कराने वाले मतदाता
लिंग विसंगति
इसे भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में चुनावी गर्माहट तेज! PM मोदी का कोलकाता आगमन, राष्ट्रीय परियोजनाओं का उद्घाटन व जनसभा का सिलसिला
चुनाव आयोग के अनुसार, माता-पिता की आयु में 15 वर्ष से कम का अंतर दक्षिण 24 परगना (1,39,702) में सबसे अधिक है, इसके बाद उत्तर 24 परगना (92,951), नादिया (64,114), मुर्शिदाबाद (63,148) और मालदा (44,920) का स्थान आता है। इसी प्रकार, जिन मामलों में माता-पिता की आयु 50 वर्ष से अधिक है, उनमें भी सबसे अधिक दक्षिण 24 परगना (1,09,567) में है, इसके बाद मुर्शिदाबाद (88,014), उत्तर 24 परगना (77,476), मालदा (54,704) और नादिया (49,410) का स्थान आता है। चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया हमें उम्मीद है कि दक्षिण और उत्तर 24 परगना, मुर्शिदाबाद, मालदा, नादिया और उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर जैसे जिलों में सुनवाई के मामले बढ़ेंगे। इसलिए, 31 जनवरी तक इन जिलों में प्रतिदिन सुनवाई की संख्या में वृद्धि होगी। अधिकारी ने आगे कहा कि बीडीओ को पहले ही सभी आंकड़ों की गहन जांच करने का आदेश दिया गया है ताकि कोई भी गलत या भ्रामक जानकारी अपडेट न हो। यदि कोई त्रुटि पाई जाती है, तो बीडीओ को मतदाता सूची प्रकाशित होने के सात दिनों के भीतर उसे अपडेट करना चाहिए, जिसके बाद वंशानुक्रम मानचित्रण और तार्किक विसंगतियों की सुनवाई की जाएगी।
32 लाख लोग होंगे शामिल
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत सुनवाई के पहले चरण में लगभग 32 लाख ऐसे मतदाताओं को बुलाया जाएगा जिनके नाम पूर्व की मतदाता सूचियों में दर्ज नहीं है। उन्होंने बताया कि इस श्रेणी के मतदाताओं के लिए सुनवाई 27 दिसंबर से शुरू होगी, जिनमें वे मतदाता शामिल हैं जिन्होंने 2002 की मतदाता सूची में परिवार के सदस्यों के साथ अपना नाम जुड़वा नहीं पाया था। अधिकारी ने बताया हमने आज से लगभग 10 लाख ऐसे मतदाताओं को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है, जबकि अन्य 22 लाख मतदाताओं को मंगलवार से नोटिस जारी किए जाएंगे। गणना के दौरान, राज्य भर में कुल 31,68,424 ऐसे मतदाताओं की पहचान की गई जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं है।


