बक्सर में लगातार गिरते तापमान और संभावित शीतलहर के मद्देनजर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। सहायक आपदा प्रबंधन पदाधिकारी, बक्सर के अनुसार, राज्य में दिसंबर के अंतिम सप्ताह से जनवरी के तीसरे सप्ताह तक शीतलहर का प्रकोप रहता है, जब तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है। ऐसी स्थिति में मानव और पशुओं के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। शीतलहर की चपेट में आने पर व्यक्ति के शरीर का अत्यधिक ठंडा हो जाना, हाथ-पैर सुन्न पड़ना, तेज कंपकंपी, जी मिचलाना, उल्टी, अर्द्धबेहोशी अथवा बेहोशी जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने आमजन के लिए विस्तृत एहतियाती सलाह जारी की है। बच्चों को ठंड से बचने की सलाह प्रशासन ने लोगों से अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने की अपील की है, विशेषकर वृद्धों और बच्चों को ठंड से बचाकर रखने को कहा गया है। यदि बाहर जाना आवश्यक हो, तो ऊनी और गर्म कपड़े पहनें तथा सिर, चेहरा, हाथ और पैर पूरी तरह ढककर रखें। साथ ही, समाचार पत्र, रेडियो और टेलीविजन के माध्यम से मौसम की जानकारी लेते रहने की सलाह दी गई है। शरीर में गर्मी बनाए रखने के लिए पौष्टिक भोजन और गर्म पेय पदार्थों के सेवन पर जोर दिया गया है। बंद कमरों में अंगीठी, कोयला, लालटेन या दीया जलाते समय धुएं के निकास की समुचित व्यवस्था करने और प्रयोग के बाद उन्हें पूरी तरह बुझाने की हिदायत दी गई है। हीटर और ब्लोअर का उपयोग करने के बाद स्विच ऑफ करना अनिवार्य बताया गया है, क्योंकि लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। 15 प्रमुख स्थानों पर अलाव की व्यवस्था शीतलहर के दौरान राज्य सरकार द्वारा रात्रि में सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की जाती है। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार, नगर परिषद द्वारा नगर क्षेत्र के 15 प्रमुख स्थानों पर अलाव जलाए जा रहे हैं। इनमें बस स्टैंड, मॉडल थाना चौक, ज्योति चौक, अंबेडकर चौक, रामरेखा घाट और गोलंबर सहित अन्य भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थल शामिल हैं, ताकि राहगीरों और जरूरतमंद लोगों को ठंड से राहत मिल सके। इसके साथ ही नगर परिषद क्षेत्र में 50 बेड क्षमता वाला एक रैन बसेरा भी संचालित किया जा रहा है। इस रैन बसेरे में 20 बेड का एक पूरा फ्लोर महिलाओं के लिए आरक्षित है। यहां कंबल, बिस्तर, स्वच्छ पेयजल तथा महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है, जिससे बेसहारा और बेघर लोगों को सुरक्षित आश्रय मिल सके। हार्ट पेशेंट को डॉक्टर से मिलने की सलाह उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग से ग्रसित व्यक्तियों को विशेष सतर्कता बरतने और चिकित्सक की सलाह लेते रहने की अपील की गई है। आवश्यकता पड़ने पर नजदीकी सरकारी अस्पताल से तुरंत संपर्क करने की सलाह दी गई है। पशुओं को भी ठंड से बचाने के लिए उनके बथान को गर्म रखने और बीमार होने पर पशु चिकित्सक से परामर्श लेने को कहा गया है। आपात स्थिति में एम्बुलेंस सेवा के लिए 102 या 108 पर संपर्क करने की जानकारी भी दी गई है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि शीतलहर से प्रभावित जरूरतमंद और बेसहारा लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली गई हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। बक्सर में लगातार गिरते तापमान और संभावित शीतलहर के मद्देनजर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। सहायक आपदा प्रबंधन पदाधिकारी, बक्सर के अनुसार, राज्य में दिसंबर के अंतिम सप्ताह से जनवरी के तीसरे सप्ताह तक शीतलहर का प्रकोप रहता है, जब तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है। ऐसी स्थिति में मानव और पशुओं के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। शीतलहर की चपेट में आने पर व्यक्ति के शरीर का अत्यधिक ठंडा हो जाना, हाथ-पैर सुन्न पड़ना, तेज कंपकंपी, जी मिचलाना, उल्टी, अर्द्धबेहोशी अथवा बेहोशी जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने आमजन के लिए विस्तृत एहतियाती सलाह जारी की है। बच्चों को ठंड से बचने की सलाह प्रशासन ने लोगों से अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने की अपील की है, विशेषकर वृद्धों और बच्चों को ठंड से बचाकर रखने को कहा गया है। यदि बाहर जाना आवश्यक हो, तो ऊनी और गर्म कपड़े पहनें तथा सिर, चेहरा, हाथ और पैर पूरी तरह ढककर रखें। साथ ही, समाचार पत्र, रेडियो और टेलीविजन के माध्यम से मौसम की जानकारी लेते रहने की सलाह दी गई है। शरीर में गर्मी बनाए रखने के लिए पौष्टिक भोजन और गर्म पेय पदार्थों के सेवन पर जोर दिया गया है। बंद कमरों में अंगीठी, कोयला, लालटेन या दीया जलाते समय धुएं के निकास की समुचित व्यवस्था करने और प्रयोग के बाद उन्हें पूरी तरह बुझाने की हिदायत दी गई है। हीटर और ब्लोअर का उपयोग करने के बाद स्विच ऑफ करना अनिवार्य बताया गया है, क्योंकि लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। 15 प्रमुख स्थानों पर अलाव की व्यवस्था शीतलहर के दौरान राज्य सरकार द्वारा रात्रि में सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की जाती है। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार, नगर परिषद द्वारा नगर क्षेत्र के 15 प्रमुख स्थानों पर अलाव जलाए जा रहे हैं। इनमें बस स्टैंड, मॉडल थाना चौक, ज्योति चौक, अंबेडकर चौक, रामरेखा घाट और गोलंबर सहित अन्य भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थल शामिल हैं, ताकि राहगीरों और जरूरतमंद लोगों को ठंड से राहत मिल सके। इसके साथ ही नगर परिषद क्षेत्र में 50 बेड क्षमता वाला एक रैन बसेरा भी संचालित किया जा रहा है। इस रैन बसेरे में 20 बेड का एक पूरा फ्लोर महिलाओं के लिए आरक्षित है। यहां कंबल, बिस्तर, स्वच्छ पेयजल तथा महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है, जिससे बेसहारा और बेघर लोगों को सुरक्षित आश्रय मिल सके। हार्ट पेशेंट को डॉक्टर से मिलने की सलाह उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग से ग्रसित व्यक्तियों को विशेष सतर्कता बरतने और चिकित्सक की सलाह लेते रहने की अपील की गई है। आवश्यकता पड़ने पर नजदीकी सरकारी अस्पताल से तुरंत संपर्क करने की सलाह दी गई है। पशुओं को भी ठंड से बचाने के लिए उनके बथान को गर्म रखने और बीमार होने पर पशु चिकित्सक से परामर्श लेने को कहा गया है। आपात स्थिति में एम्बुलेंस सेवा के लिए 102 या 108 पर संपर्क करने की जानकारी भी दी गई है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि शीतलहर से प्रभावित जरूरतमंद और बेसहारा लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली गई हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।


