Silver market outlook: चांदी की कीमतों में तेजी जारी है। इस साल अब तक चांदी का निखार सोने से भी ज्यादा रहा है। चांदी 2 लाख रुपए प्रति किलो के पार ट्रेड कर रही है। तमाम एक्स्पर्ट्स चांदी को लेकर बुलिश हैं। उनका मानना है कि सिल्वर को बूस्ट देने वाले फैक्टर्स मौजूद हैं। ऐसे में उसके तेज रफ्तार से आगे बढ़ने की संभावना बनी रहेगी।
अब तक शानदार रिटर्न
चांदी ने इस साल अब तक 138% से ज्यादा रिटर्न दिया है। सिल्वर के प्रति निवेशकों के बढ़ते आकर्षण और इसकी औद्योगिक डिमांड में उछाल से इसकी कीमतें आसमान छू रही हैं। कमोडिटी एक्स्पर्ट्स का कहना है कि चांदी की मांग और आपूर्ति में पहले से ही काफी अंतर है और आने वाले समय में इस अंतर के बढ़ने की संभावना है। यदि ऐसा होता है तो चांदी के दामों में तेजी देखने को मिल सकती है। डिमांड और सप्लाई का अंतर ही कीमतों को प्रभावित करता है। जब मांग बढ़ेगी और उसके अनुरूप आपूर्ति नहीं होगी, तो दाम चढ़ना लाजमी हैं।
मार्केट पर बढ़ेगा दबाव
मिंट की रिपोर्ट में कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी कमोडिटी रिसर्च, कायनात चैनवाला के हवाले से बताया गया है कि फिजिकल सप्लाई की तंगी, सेफ-हेवन की बढ़ती मांग, चांदी-आधारित ETF में मजबूत इनफ्लो और US फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती आदि से चांदी की तेजी बरकरार है। उनका कहना है कि इस मजबूती से उन रिपोर्ट्स को बल मिलता है, जिनमें कहा गया है कि अगले साल चीन द्वारा चांदी निर्यात को सीमित करने की योजना से चांदी की आपूर्ति बाधित होगी। चीन के इस कदम से ग्लोबल मार्केट पर दबाव बढ़ सकता है।
चीन की चाल से बढ़ेंगे दाम
चेनवाला के मुताबिक, दुनिया के बाजार में चीन से आने वाली चांदी का स्टॉक पहले ही एक दशक में सबसे कम लेवल पर है, ऐसे में एक्सपोर्ट सीमित होने से फिजिकल दबाव और बढ़ सकता है और चांदी के दाम चढ़ सकते हैं। मालूम ही कि चीन जनवरी, 2026 से इस कीमती धातु के निर्यात को सीमित कर देगा। नई पॉलिसी के तहत चीनी कंपनियों को सिल्वर एक्सपर्ट करने के लिए लाइसेंस लेना होगा। चीन केवल उन्हें ही लाइसेंस देगा, जो चांदी के बड़े खिलाड़ी हैं। सालाना कम से कम 80 टन चांदी उत्पादन करने वाली कंपनियों को ही लाइसेंस दिया जाएगा। छोटे निर्यातक अब ऐसा नहीं कर पाएंगे।
गिरावट की भी चेतावनी
वहीं, वेंचुरा के कमोडिटी और CRM हेड, एनएस रामास्वामी का अनुमान है कि चांदी के दाम अगले साल $100 प्रति औंस (करीब 3 लाख रुपए प्रति किलो) तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि चांदी ग्रीन एनर्जी ट्रांज़िशन और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए ज़रूरी इंडस्ट्रीज में एक अहम नेक्स्ट जेनरेशन मेटल की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास गवाह है कि शानदार तेजी के बाद बड़ी गिरावट भी आ सकती है। लिहाजा, उसके लिए भी तैयार रहना चाहिए।
अभी क्या चल रहे भाव?
सोने-चांदी की मौजूदा कीमतों की बात करें, तो इनमें मजबूती है। गुडरिटर्न्स के अनुसार, 1 किलो चांदी 2,19,100 रुपए के भाव पर मिल रही है। वहीं, 24 कैरेट वाला 10 ग्राम सोना 1,36,160 रुपए के भाव पर उपलब्ध है। सोने और चांदी दोनों ने ही इस साल शानदार प्रदर्शन किया है। लेकिन चांदी का उछाल सोने से तेज रहा है। इस वजह से चांदी के प्रति निवेशकों का रुझान भी मजबूत हुआ है।


