भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) प्रबंधन के फैसलों और कथित निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों-अधिकारियों के अधिकारों की लड़ाई को लेकर विधायक देवेंद्र यादव का उपवास लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। धरना स्थल पर सोमवार को जिला प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन के अधिकारियों के साथ वार्ता हुई, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। इसके बाद विधायक ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक डीआईसी से सीधी मुलाकात नहीं होगी, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। प्रबंधन के साथ नहीं बन सकी सहमति
सोमवार शाम करीब साढ़े चार बजे बीएसपी के जीएम आईआर जेएन ठाकुर, जीएम अतुल नौटियाल और जीएम श्रीनिवास उपवास स्थल पर पहुंचे। पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक के बाद विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि बीएसपी के प्रतिनिधियों ने बताया है कि डीआईसी उनसे मिलना चाहते हैं, लेकिन हाल ही में उनका ऑपरेशन हुआ है। दो दिन के भीतर मुलाकात का आश्वासन दिया गया है। तब तक के लिए उन्होंने अनशन जारी रखने का निर्णय लिया है। विधायक ने कहा कि बीएसपी के प्रतिनिधियों के पास निर्णय लेने का अधिकार नहीं है, इसलिए ठोस जवाब नहीं मिला। भिलाई की बसाहट को जिंदा रखने के लिए मरना भी मंजूर: देवेंद्र
विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि मैं मर भी जाऊं, तो भी भिलाई का निजीकरण रुकना चाहिए। हमें भिलाई की बसाहट को जिंदा रखना है। यह लड़ाई बीएसपी से नहीं, बल्कि गलत नीतियों से है। मैं इस शहर की पहचान मिटने नहीं दूंगा और न ही भिलाई को बिकने दूंगा। इसी शहर ने मुझे पहचान दी है। उन्होंने कहा कि जब तक भिलाई के प्रभावित लोग अपनी लड़ाई नहीं समझेंगे, तब तक बदलाव संभव नहीं है और यह आंदोलन लंबा चलेगा। 20 दिसंबर से धरने पर बैठे हैं भिलाई नगर विधायक
भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव 20 दिसंबर से धरने पर बैठे हैं। विधायक ने सवाल उठाए कि सेक्टर-9, सेक्टर-4 और सेक्टर-3 की बसाहट को खत्म, सेक्टर-9 अस्पताल के निजीकरण, स्कूलों, मैत्रीबाग, टाउनशिप के व्यापारियों, रिटेंशन स्कीम और आवासीय यूनिट्स को लेकर प्लान और अन्य मुद्दों को लेकर स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं है। शाम को सेक्टर-5 से बड़ी संख्या में महिलाएं और युवक तख्तियां लेकर पहुंचे, बढ़ती भीड़ को देखते हुए बीएसपी प्रबंधन ने सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी। मेन गेट से पहले बैरियर लगाकर चेकिंग शुरू की गई और सीआईएसएफ जवानों को तैनात किया गया। मेडिकल टीम ने किया हेल्थ चेकअप
इस बीच मेडिकल टीम ने उपवास पर बैठे विधायक और दो अन्य लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। रिपोर्ट संतोषजनक न होने से समर्थकों में चिंता और आक्रोश बढ़ गया। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भी विधायक देवेंद्र यादव के आंदोलन का समर्थन करते हुए प्रबंधन से अपील की कि भिलाई शहर को बर्बाद होने से बचाया जाए। प्रदेश के कई कांग्रेस विधायक, पूर्व विधायक, ट्रेड यूनियन नेता और सामाजिक-धार्मिक संगठनों ने भी आंदोलन को समर्थन दिया है।


