बॉलीवुड सिंगर पारुल मिश्रा एक कार्यक्रम में गोरखपुर पहुंचे। जहाँ उनका जोरदार स्वागत हुआ। गोरखपुर शहर की ही रहने वाली पारुल को बचपन से ही सिंगर बनने का सपना था। उन्होंने अपनी शुरुआत पढ़ाई लिखाई गोरखपुर से ही की। उन्होंने 2006 में अपनी आगे की पढ़ाई पूरा करने के लिए गोरखपुर से दिल्ली सफर शुरू किया। वहां से उन्होंने सिंगिंग कंपटीशन सा रे गा मा पा में ऑडिशन दिया इसके बाद उनका सफर मुंबई के लिए शुरू हुआ। तबसे लेकर अब उन्होंने ढेर सारे गाने को गाया है जिसमें मोहभंग, इश्क अदा, मोरे साईयां जैसे गाने शामिल हैं। वह अपने करियर की शुरुआत में ही ए आर रहमान के म्यूजिक पर गा चुकी हैं और उनके साथ स्टेज शेयर भी कर चुकी है। इन्ही सभी मुद्दों पर भास्कर रिपोर्टर ने उनसे खास बातचीत की। पढिए पूरा इंटरव्यू… सवाल: नमस्कार पारुल जी, स्वागत है आपका जवाब: थैंक्यू सो मच सवाल: अभी आप जिस प्रोग्राम में आई थीं, कैसा क्या कुछ सीखा? जवाब: प्रोग्राम बहुत ही अच्छा था, मुझे बहुत कुछ सिखने को मिला, मेरे साथ मंच पर बहुत से बहुत ऐसी हस्तियाँ थी जिनके बारे में जानकर काफ़ी अच्छा लगा । सवाल: गोरखपुर से मुम्बई तक का सफर, शुरुआत कहाँ से की थी आप? जवाब: मुझे शुरू से मुम्बई जाकर अपने क्षेत्र (सिंगिंग) के क्षेत्र में कुछ करने का था, मै यहां से दिल्ली गयी, दिल्ली में पढ़ाई के दौरान ही, वहां से ‘सा रे गा मा पा रियलिटी शो’ मे भाग लेकर मुम्बई आई। वहां से मुझे लगा मुझे यहीं रहकर अपने क्षेत्र में काम करना चाहिए। सवाल: कितना कठिन होता है एक महिला के लिए एक छोटे शहर से निकलकर एक बड़े शहर में जाना , उस दौरान क्या-क्या कठिनाइयां आयी? जवाब: किसी भी शहर से मुम्बई जैसे शहर में एस्टेब्लिश होना काफी चुनौतियों से भरा था..मेरे लिए मेरा स्ट्रगल मेरा चैलेंज था । सवाल: सभी सिंगर का एक सपना होता है ए आर रहमान के साथ स्टेज शेयर करना या गाने गाना , वो एक्सपीरियंस आपके साथ कैसा रहा ? आप उनके साथ स्टेज भी शेयर कर चुकी है जवाब: जी, ए आर रहमान साहब को मैं बचपन से सुनती आ रही हूँ , मेरे लिए उनको सामने से देख पाना भी बड़ी बात थी । किस्मत की बात है मेरे करियर की शुरुआत ए आर रहमान साहब के गानों के साथ हुई, मैंने उनके साथ स्टेज शेयर भी किया मैंने अदा फिल्म के लिए ए आर रहमान साहब के साथ प्लेबैक सिंगर के रूप में काम किया। मुझे बहुत ही अच्छा लगा, वो पल मेरे जीवन की सबसे सुनहरे पलों में से एक है। सवाल: हमारे दर्शकों के लिए 2 लाइन सुन दीजिए… जवाब: जी बिल्कुल ”अदा है, सदा है, दवा है, दुआ है ओ ओ … इश्क अदा है, सदा है, दवा है, दुआ है ओ ओ…इश्क बका है, इश्क फना है, इश्क वफ़ा है, जफ़ा है, अदा है, सदा है, दवा है, दुआ है ओ ओ…” दूसरा गाना ‘एस्पिरेंट्स सीरीज से मोह भंग’ ”कारी कारी आँखें हारी, मन पे पत्थर हद भारी, तूने तोड़ा ये भरम, संग तू ने तोड़ा ये भ्रम, संग संग चले थे हम” सवाल: यहाँ से मुंबई जाने के बाद गोरखपुर को कितना मिस करती है ? जवाब: गोरखपुर को मैं बहुत मिस करती हूं क्योंकि यह मेरी जन्मस्थान है , मेरा शुरुआत का दौर गोरखपुर में है गुजरा है, खासकर मैं होम फूड मिस करती हूं । यहां की गलियों से होकर गुजरती हूं तो पुरानी यादें ताजा हो जाती है । आज तो गोरखपुर में बहुत ही विकास हो चुका है, अब तो हर 2 घंटे में फ्लाइट होता है अब गोरखपुर–मुंबई के बीच दूरी नहीं रही.. सुबह टिकट लीजिए और शाम को मां के हाथ का खाना खाईए रिपोर्टर: बहुत-बहुत धन्यवाद आपका हमारे साथ ये खास बातचीत के लिए…


