गढ़वा | गढ़वा जिले में वर्ष 2025 में भी बालू घाटों की नीलामी नहीं हो सकी। जिससे आम-आवाम परेशान है। जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कोई रास्ता नहीं निकाला जा सका है। पड़ोसी राज्य बिहार से बालू मंगा कर संवेदक या बड़े निर्माण का कार्य पूरा किए जा रहे हैं। क्योंकि बिहार से ट्रैक्टर से नहीं बल्कि ट्रेलर से बालू की आपूर्ति की जा रही है। ऐसे में घर-मकान व छोटे निर्माण के लिए बालू की किल्लत हो गई है। जिला प्रशासन की ओर से तीन बार टेंडर निकाली गई। मगर टेंडर में संवेदक भाग ही नहीं लिए। ।जिला खनन पदाधिकारी राजेंद्र उरांव ने कहा कि विभाग की ओर से बालू घाटों के लिए समीक्षा की जा रही है। विभागीय मार्गदर्शन प्राप्त होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। गढ़वा | गढ़वा जिले में वर्ष 2025 में भी बालू घाटों की नीलामी नहीं हो सकी। जिससे आम-आवाम परेशान है। जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कोई रास्ता नहीं निकाला जा सका है। पड़ोसी राज्य बिहार से बालू मंगा कर संवेदक या बड़े निर्माण का कार्य पूरा किए जा रहे हैं। क्योंकि बिहार से ट्रैक्टर से नहीं बल्कि ट्रेलर से बालू की आपूर्ति की जा रही है। ऐसे में घर-मकान व छोटे निर्माण के लिए बालू की किल्लत हो गई है। जिला प्रशासन की ओर से तीन बार टेंडर निकाली गई। मगर टेंडर में संवेदक भाग ही नहीं लिए। ।जिला खनन पदाधिकारी राजेंद्र उरांव ने कहा कि विभाग की ओर से बालू घाटों के लिए समीक्षा की जा रही है। विभागीय मार्गदर्शन प्राप्त होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।


