सीआईडी कांस्टेबल की अनूठी पहल: साइकिल पर हेलमेट पहन कर दे रहा सड़क सुरक्षा का संदेश

सीआईडी कांस्टेबल की अनूठी पहल: साइकिल पर हेलमेट पहन कर दे रहा सड़क सुरक्षा का संदेश

सड़क सुरक्षा को अक्सर केवल दोपहिया और चारपहिया वाहनों तक सीमित समझ लिया जाता है, लेकिन बीकानेर में सीआईडी (क्राइम ब्रांच) में पदस्थ एक कांस्टेबल ने इस सोच को बदलने की पहल की है। वे साइकिल चलाते समय भी हेलमेट पहनकर न सिर्फ नियमों का पालन कर रहे हैं, बल्कि आमजन को यह संदेश दे रहे हैं कि सुरक्षा हर सड़क उपयोगकर्ता के लिए जरूरी है, चाहे वह वाहन कोई भी हो।

प्रशिक्षण और अनुभव से उपजा अभियान

सीआईडी (क्राइम ब्रांच) में कार्यरत कांस्टेबल ने बताया कि उनकी प्रथम नियुक्ति 29 नवंबर 1999 को सीआईडी (क्राइम ब्रांच), जयपुर में हुई थी। वर्ष 2000 में जोधपुर से बेसिक ट्रेनिंग पूर्ण करने के बाद उन्होंने वर्ष 2002 में पुलिस मोटर ड्राइविंग स्कूल से तीन माह का मोटर ड्राइविंग एवं सड़क सुरक्षा का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया। वर्तमान में वे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दीपक शर्मा के साथ चालक के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।

एक हादसे ने बदली सोच

कांस्टेबल ने बताया कि वर्ष 2018 में पीबीएम अस्पताल के सामने हुई एक सड़क दुर्घटना ने उन्हें भीतर तक झकझोर दिया। दूध डेयरी से सामान लेकर जा रहे एक व्यक्ति का संतुलन बिगड़ा, वह गिरकर गंभीर रूप से घायल हुआ और इलाज के बावजूद चार-पांच दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद उन्होंने सड़क सुरक्षा को जीवन का मिशन बनाने का संकल्प लिया।

मोटरसाइकिल छोड़ी, साइकिल अपनाई

इसके बाद से वे कार्यालय आने-जाने के लिए मोटरसाइकिल के बजाय साइकिल का उपयोग कर रहे हैं और साइकिल चलाते समय भी हेलमेट पहनना नहीं भूलते। उनका कहना है कि दुर्घटनाएं केवल तेज रफ्तार या भारी वाहनों से ही नहीं होतीं, बल्कि साइकिल सवार भी उतने ही असुरक्षित होते हैं।

27 दिसंबर तक चलेगा सड़क सुरक्षा अभियान

कांस्टेबल ने बताया कि 27 दिसंबर 2025 तक सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत वे स्वयं साइकिल चलाते हुए हेलमेट पहनकर लोगों को यह संदेश दे रहे हैं कि सुरक्षा नियम सभी के लिए समान हैं। उनका मानना है कि यदि हर व्यक्ति नियमों का पालन करे, तो सड़क दुर्घटनाओं में काफी हद तक कमी लाई जा सकती है। कांस्टेबल की इस अनूठी पहल की शहरभर में सराहना हो रही है। लोग इसे सड़क सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण दोनों के लिए प्रेरक कदम मान रहे हैं।

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