देश की जानी-मानी टाइल्स कंपनी कजारिया सेरामिक्स के समूह में उस वक्त हलचल मच गई, जब कंपनी ने 22 दिसंबर को शेयर बाज़ारों को एक गंभीर अनियमितता की जानकारी दी। बता दें कि कजारिया सेरामिक्स ने अपनी स्टेप-डाउन कंपनी कजारिया बाथवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य वित्त अधिकारी दिलीप कुमार मालिवाल के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और उन पर करीब 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और गबन का आरोप लगाते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी।
मौजूद जानकारी के अनुसार, कंपनी की आंतरिक जांच में सामने आया है कि दिलीप कुमार मालिवाल पिछले करीब दो वर्षों से कजारिया बाथवेयर की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी केरोविट ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड से धन का गबन और हेराफेरी कर रहे थे। जांच में यह भी पाया गया कि कथित रूप से कंपनी के फंड को अलग-अलग माध्यमों से बाहर निकाला गया, जिससे वित्तीय नुकसान हुआ।
गौरतलब है कि इस मामले के सामने आते ही कजारिया बाथवेयर ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 18 दिसंबर 2025 को दिल्ली पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा के डिप्टी कमिश्नर और बदरपुर थाना प्रभारी के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। कंपनी का कहना है कि जैसे ही यह धोखाधड़ी उजागर हुई, उसी समय कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई और मामला फिलहाल जांच के अधीन है।
कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल पुलिस शिकायत तक सीमित न रहते हुए, दिलीप कुमार मालिवाल को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटा दिया गया। इसके साथ ही, भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए इस पूरे मामले को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की संबंधित समिति के समक्ष रखा जाएगा, ताकि आंतरिक नियंत्रण और सुरक्षा प्रक्रियाओं को और मजबूत किया जा सके।
बता दें कि कॉरपोरेट जगत में इस तरह के मामलों को गंभीरता से लिया जाता है और कजारिया समूह का यह कदम संकेत देता है कि कंपनी पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है और जांच पूरी होने तक आगे की कार्रवाई की जाएगी, यही कंपनी का आधिकारिक रुख बताया गया।


