नवादा में 22 दिसंबर को वामदलों के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर विरोध प्रदर्शन किया गया। टाउन थाना परिसर से एक जुलूस निकाला गया, जो शहर का भ्रमण करते हुए भगत सिंह चौक पर एक सभा में परिवर्तित हो गया। यह प्रदर्शन केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा को कथित तौर पर समाप्त करने और इसका नाम बदलने के विरोध में था। ‘बी बी जी राम जी’ के नाम से योजना लाने का प्रयास सभा की अध्यक्षता सीपीआई के जिला मंत्री जयन्नदन सिंह ने की। अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने बताया कि एनडीए सरकार ने जल्दबाजी में मनरेगा को हटाने और उसके स्थान पर ‘बी बी जी राम जी’ के नाम से योजना लाने का प्रयास किया है। उन्होंने इसे महात्मा गांधी का अपमान बताया और कहा कि वामदल सहित सभी देशप्रेमी इसका विरोध कर रहे हैं। रामयतन सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-1 सरकार के दौरान, जब वामदल बाहर से समर्थन दे रहे थे और उनके 63 सांसद थे, तब दबाव बनाकर मनरेगा सहित सूचना का अधिकार, वन संरक्षण कानून और खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराए गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि आज एनडीए सरकार मनरेगा को समाप्त करने पर तुली है। भोला राम ने कहा कि यह रोजगार खत्म करने की साजिश है, जिसे वामदल और देश की जनता सफल नहीं होने देगी। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में इसके खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी जाएगी। सभा को सीपीएम के सचिव दानी विधार्थी, प्रो० नरेश चंद्र शर्मा, बिपिन कुमार, सीपीआई के पारस नाथ सिंह, अर्जुन सिंह, गोबिंद प्रसाद, रामशरेख यादव, राजेन्द्र बर्मा, ललन कुमार, सीपीआई (माले) के अजीत मेहता, सुदामा देवी, सावित्री देवी और फॉरवर्ड ब्लॉक के राज्य उपाध्यक्ष नरेश चंद्र विधार्थी ने भी संबोधित किया। नवादा में 22 दिसंबर को वामदलों के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर विरोध प्रदर्शन किया गया। टाउन थाना परिसर से एक जुलूस निकाला गया, जो शहर का भ्रमण करते हुए भगत सिंह चौक पर एक सभा में परिवर्तित हो गया। यह प्रदर्शन केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा को कथित तौर पर समाप्त करने और इसका नाम बदलने के विरोध में था। ‘बी बी जी राम जी’ के नाम से योजना लाने का प्रयास सभा की अध्यक्षता सीपीआई के जिला मंत्री जयन्नदन सिंह ने की। अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने बताया कि एनडीए सरकार ने जल्दबाजी में मनरेगा को हटाने और उसके स्थान पर ‘बी बी जी राम जी’ के नाम से योजना लाने का प्रयास किया है। उन्होंने इसे महात्मा गांधी का अपमान बताया और कहा कि वामदल सहित सभी देशप्रेमी इसका विरोध कर रहे हैं। रामयतन सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-1 सरकार के दौरान, जब वामदल बाहर से समर्थन दे रहे थे और उनके 63 सांसद थे, तब दबाव बनाकर मनरेगा सहित सूचना का अधिकार, वन संरक्षण कानून और खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराए गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि आज एनडीए सरकार मनरेगा को समाप्त करने पर तुली है। भोला राम ने कहा कि यह रोजगार खत्म करने की साजिश है, जिसे वामदल और देश की जनता सफल नहीं होने देगी। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में इसके खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी जाएगी। सभा को सीपीएम के सचिव दानी विधार्थी, प्रो० नरेश चंद्र शर्मा, बिपिन कुमार, सीपीआई के पारस नाथ सिंह, अर्जुन सिंह, गोबिंद प्रसाद, रामशरेख यादव, राजेन्द्र बर्मा, ललन कुमार, सीपीआई (माले) के अजीत मेहता, सुदामा देवी, सावित्री देवी और फॉरवर्ड ब्लॉक के राज्य उपाध्यक्ष नरेश चंद्र विधार्थी ने भी संबोधित किया।


