नीमच में रेलवे पटरियों पर ट्रेनों की चपेट में आकर लगातार हो रही गोवंश की मौतों को लेकर सोमवार को गौ सेवकों ने विरोध प्रदर्शन किया। गौ सेवा समिति और गौ सेवा दल से जुड़े कार्यकर्ता बड़ी संख्या में रेलवे स्टेशन पहुंचे और स्टेशन मास्टर को पश्चिम रेलवे रतलाम के मुख्य मंडल रेल प्रबंधक के नाम ज्ञापन सौंपा। ट्रैक दोहरीकरण के बाद बढ़ी परेशानी गौ सेवकों ने बताया कि नीमच–चित्तौड़गढ़–रतलाम रेल मार्ग के दोहरीकरण के बाद ट्रेनों की संख्या और उनकी रफ्तार काफी बढ़ गई है। रेलवे ट्रैक के आसपास उगने वाली हरी घास के कारण गोवंश और अन्य पशु पटरियों की ओर चले आते हैं और ट्रेन की चपेट में आकर जान गंवा रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा पर भी खतरा गौ सेवकों का कहना है कि यह समस्या केवल पशुओं तक सीमित नहीं है। भारी भरकम पशुओं के ट्रेनों से टकराने पर यात्रियों की सुरक्षा को भी बड़ा खतरा बना रहता है। बारिश के मौसम में हालात और ज्यादा गंभीर हो जाते हैं, जब पशु अधिक संख्या में ट्रैक के पास पहुंच जाते हैं। 10 किलोमीटर तक रेलिंग लगाने की मांग प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि चित्तौड़गढ़ से निंबाहेड़ा के बीच की तरह नीमच स्टेशन से दोनों दिशाओं में कम से कम 10 किलोमीटर तक सुरक्षा रेलिंग लगाई जाए। इससे गौवंश की जान बचेगी और रेल हादसों की आशंका भी कम होगी। यह रहे मौजूद इस प्रदर्शन के दौरान मितेश अहीर, पार्थ जोशी, कपिल बैरागी, कृष्णपाल सिंह, सुरेंद्र सिंह, चिन्मय प्रजापति, अर्जुन अहीर सहित बड़ी संख्या में गौ सेवक और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।


