West Bengal Politics: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने बताया कि JUP की राज्य समिति में कुल 75 सदस्य होंगे, जिनमें 20 फीसदी हिंदू समुदाय से होंगे।
West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल की राजनीति में 2026 विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने सोमवार को अपनी नई पार्टी ‘जनता उन्नयन पार्टी’ (JUP) का औपचारिक ऐलान कर दिया। मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में आयोजित जनसभा में कबीर ने पार्टी की राज्य समिति में करीब 20 प्रतिशत हिंदू समुदाय को प्रतिनिधित्व देने की घोषणा की। मुस्लिम बहुल क्षेत्र में इसे एक सेक्युलर संदेश देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
पार्टी गठन और हिंदू प्रतिनिधित्व का दांव
हुमायूं कबीर ने बताया कि JUP की राज्य समिति में कुल 75 सदस्य होंगे, जिनमें 20 फीसदी हिंदू समुदाय से होंगे। पार्टी का फोकस आम जनता के विकास और हाशिए पर पड़े वर्गों की आवाज उठाने पर रहेगा। उन्होंने कहा कि ‘उन्नयन’ शब्द का अर्थ प्रगति और सुधार है, जिसे पार्टी का मुख्य एजेंडा बनाया गया है।
पार्टी का झंडा तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रीय ध्वज से मिलता-जुलता होगा। चुनाव चिह्न के तौर पर पहली पसंद ‘टेबल’, दूसरी ‘गुलाब’ और तीसरी ‘नारियल का पेड़’ बताई गई है। कबीर ने दावा किया कि उनकी पार्टी राज्य में अगली सरकार के गठन में निर्णायक भूमिका निभाएगी और मुर्शिदाबाद में इतिहास रचेगी।
बाबरी विवाद से उपजा नया दल
हुमायूं कबीर का टीएमसी से निलंबन हाल ही में बेलडांगा में बाबरी मस्जिद शैली की मस्जिद की नींव रखने के बाद हुआ था। इस विवाद ने उन्हें मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग में लोकप्रिय बनाया, हालांकि पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता करार दिया।
जनसभा के दौरान AIMIM के झंडे भी लहराते देखे गए, जिससे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के साथ संभावित गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं। कबीर ने मुर्शिदाबाद में सीपीआई(एम), इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) और कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना भी जताई। उन्होंने कहा कि वे खुद रेजीनगर और बेलडांगा, दोनों सीटों से चुनाव लड़ेंगे और जल्द ही कम से कम पांच उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जाएंगे।
टीएमसी और बीजेपी की बढ़ती चिंता
यह ऐलान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टीएमसी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि मुर्शिदाबाद एक मुस्लिम बहुल जिला है और यहां 30 विधानसभा सीटें हैं। कबीर ने दावा किया, ‘2026 में तृणमूल कांग्रेस समाप्त हो जाएगी।’ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि JUP मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगा सकती है, जो अब तक टीएमसी का मजबूत आधार रहा है। वहीं, बीजेपी को भी चिंता है कि मुस्लिम वोटों के बंटवारे से हिंदू वोटों का एकीकरण हो सकता है। हालांकि, कबीर का एंटी-बीजेपी रुख और खुद को सेक्युलर नेता के रूप में पेश करने की कोशिश ने दोनों प्रमुख दलों की टेंशन बढ़ा दी है। बीजेपी पहले ही ममता सरकार पर मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लगाती रही है।


