Bangladesh Violence: कौन है छात्र नेता मोतालेब शिकदर ? उस्मान हादी के बाद जिसे अज्ञात बदमाशों ने मारी गोली

Bangladesh Violence: कौन है छात्र नेता मोतालेब शिकदर ? उस्मान हादी के बाद जिसे अज्ञात बदमाशों ने मारी गोली

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी (Sharif Usman Hadi) की मौत का हंगामा अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक और छात्र नेता को अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी। खुलना शहर के सोनाडांगा इलाके में सोमवार दोपहर करीब 12 बजे नेशनल सिटिजन्स पार्टी (NCP) के नेता मोहम्मद मोतालेब शिकदर को गोली मार दी गई। अज्ञात बदमाशों का समूह शिकदर के घर में घुसा और उन्हें गोली मार दी। हमलावरों ने शिकदर के सीधे सिर पर गोली मारी। इसके बाद शिकदर को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।

कौन है छात्र नेता शिकदर

42 वर्षीय शिकदर सोनाडांगा इलाके के शेखपाड़ा पल्ली का रहने वाला है। शिकदर NCP के खुलाना डिवीजन का प्रमुख है और शेख हसीना का विद्रोही माना जाता है। पिछले साल बांग्लादेश में हुए छात्र आंदोलन में शिकदर ने मुख्य भूमिका निभाई थी जिसके बाद देश में सत्तापलट हुआ था। शिकदर पार्टी से जुड़े मजदूर संगठन एनसीपी श्रमिक शक्ति का आयोजक भी है। कुछ ही दिनों में शिकदर खुलाना में एक मजदूर रैली का आयोजन करने वाले थे। शिकदर इसी रैली पर काम कर रहे थे उसी दौरान उन पर यह जानलेवा हमला हो गया।

शिकदर अब खतरे से बाहर

सोनाडांगा थाना के इंस्पेक्टर (जांच) अनिमेष मंडल ने शिकदर को गोली लगने की पुष्टि की है। पुलिस के मुताबिक, शुरुआत में शिकदर की हालत बहुत गंभीर थी। गंभीर हालत में उसे खुलना मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। हालांकि अब उसकी स्थिति में पहले से सुधार है और वह खतरे से बाहर है। डॉक्टरों के मुताबिक, शिकदर को जब हमलावरों ने गोली मारी तो वह उसके कान के आर-पार निकल गई। गोली उसके सिर में नहीं लगी और इसी कारण उसकी जान बच पाई। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

हादी की मौत के बाद भड़के दंगे

बता दें कि हादी की मौत के बाद से बांग्लादेश में हालात बिगड़ गए है। 32 वर्षीय हादी को 12 दिसंबर को ढाका में अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी थी। इसके बाद सिंगापुर में हादी का 6 दिन इलाज चला और फिर गुरुवार 18 दिसंबर की रात उनकी मौत हो गई। हादी की मौत की खबर सामने आने के बाद बांग्लादेश में दंगे भड़क गए। प्रदर्शनकारियों ने देश के बड़े अखबारों के दफ्तर फूंक दिए और सड़कों पर जमकर तोड़-फोड़ की। दंगाइयों ने इस दौरान एक हिंदू शख्स के साथ भी मारपीट की और उसे जिंदा जला दिया।

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