एक्टर सौरभ शुक्ला (62) खजुराहो के 11वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (KIFM 2025) में शामिल होने खजुराहो पहुंचे। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब उनसे भास्कर ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे वर्तमान अत्याचारों पर फिल्म बनाने या अभिनय करने को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने इसे सीधे तौर पर खारिज कर दिया। सौरभ शुक्ला ने अपनी फिल्म निर्माण की विचारधारा पर बेबाक राय रखी। उन्होंने कहा कि वह अखबारों की खबरों या ज्वलंत मुद्दों को देखकर फिल्में नहीं बनाते। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक पत्रकार का नजरिया अलग होता है और एक फिल्मकार का अलग। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें जो कहानी अंदर से महसूस होती है, वह उसी पर काम करते हैं। बांग्लादेश की स्थिति और हिंदुओं पर अत्याचारों पर फिल्म बनाने या अभिनय करने के सवाल पर शुक्ला ने कहा, “यह ‘ऑरेंज और एपल’ वाली बात है। आप इसे मुद्दों से जोड़ रहे हैं। क्या आपको लगता है कि फिल्में या कहानी मुद्दा देखकर बनाई जाती है? एक्टर बोले- मैं मुद्दों पर नहीं, कहानी पर फिल्म बनाता हूं जब ‘द कश्मीर फाइल्स’ का जिक्र आया, तो सौरभ शुक्ला ने जवाब दिया, “वह बहुत अच्छी बात है, जिन्होंने बनाई है आप उनसे सवाल पूछिए। मैंने आज तक मुद्दों पर फिल्में नहीं बनाई। मुझे जो कहानी समझ में आई, जो मुझे सूझी, मैंने उसी पर काम किया।” उन्होंने आगे कहा कि उनका सोचने का तरीका ‘इश्यू-बेस्ड’ नहीं है और वह इस नजरिए से अखबार नहीं पढ़ते कि आज इसमें से कौन सी फिल्म निकलेगी। एक्टर ने अपनी बातचीत में यह भी स्पष्ट किया कि वह खजुराहो फिल्म फेस्टिवल को अब पूरी तरह से ‘सिनेमा’ के लिए समर्पित करना चाहते हैं, जहां मनोरंजन के साथ-साथ गंभीर सिनेमाई चर्चा हो। उनका मानना है कि फिल्में केवल ट्रेंड या खबरों के पीछे भागने के लिए नहीं, बल्कि कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए होनी चाहिए।
खजुराहो फिल्म फेस्टिवल में पहुंचे एक्टर सौरभ शुक्ला:बोले- मैं मुद्दों पर नहीं, कहानी पर फिल्म बनाता; बांग्लादेश हिंसा पर फिल्म बनाने से किया इनकार


