नरसिंहपुर में मध्याह्न भोजन पर संकट, कल से चूल्हे बंद:स्व सहायता समूहों का लंबित भुगतान न होने से प्रदर्शन; सौंपा ज्ञापन

नरसिंहपुर में मध्याह्न भोजन पर संकट, कल से चूल्हे बंद:स्व सहायता समूहों का लंबित भुगतान न होने से प्रदर्शन; सौंपा ज्ञापन

नरसिंहपुर जिले की आंगनवाड़ियों और सरकारी स्कूलों में मंगलवार से मध्याह्न भोजन बंद हो सकता है। स्व सहायता समूहों को भोजन सामग्री, बर्तन और अन्य मदों की लंबित राशि का लंबे समय से भुगतान न होने के कारण यह स्थिति बनी है। सोमवार को जिलेभर के स्व सहायता समूहों की महिलाओं ने नरसिंहपुर कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए अंतिम चेतावनी पत्र भी दिया गया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने बताया कि वे लंबित भुगतानों को लेकर कई बार ज्ञापन और आवेदन दे चुकी हैं। अधिकारियों द्वारा हर बार भुगतान का आश्वासन दिया जाता है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। महिलाओं का कहना है कि वे मध्य प्रदेश शासन की मध्याह्न भोजन योजना के तहत वर्षों से बच्चों के लिए निष्ठापूर्वक भोजन बना रही हैं। इसके बावजूद उनकी आर्थिक परेशानियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। 20 दिसंबर तक दिया था आश्वासन समूहों ने यह भी बताया कि अधिकारियों ने पहले आश्वासन दिया था कि मध्याह्न भोजन और आंगनवाड़ियों की साझा चूल्हा योजना की लंबित राशि 20 दिसंबर तक जारी कर दी जाएगी। हालांकि, निर्धारित समय सीमा बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ है। इस कारण समूहों से जुड़ी महिलाओं और उनके परिवारों के सामने गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। समूह की महिलाओं का कहना है कि बच्चों का भोजन बाधित न हो, इस भावना से वे अपनी निजी जमा पूंजी तक खर्च कर चुकी हैं। अब स्थिति यह है कि न तो उनके पास कर्ज लेने की क्षमता बची है और न ही आगे भोजन बनाना संभव है। कई केंद्रों पर बर्तन मद की राशि भी पूरी तरह आवंटित नहीं की गई है, जिससे न तो भोजन पकाने की सामग्री उपलब्ध है और न ही परोसने के लिए बर्तन। रसोइयों को राशि बढ़ाने की मांग
अंतिम चेतावनी देते हुए स्व सहायता समूहों ने मांग की कि लंबित लागत देय राशि और बर्तन मद का तत्काल भुगतान प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किया जाए। आंगनवाड़ी रसोइयों को मिलने वाली 500 रुपए की राशि समय पर बढ़ाकर देने की भी मांग की गई। समूहों ने साफ किया कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो 23 दिसंबर के बाद जिले सहित प्रदेशभर में चूल्हा बंद हड़ताल करना उनकी मजबूरी होगी।

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