नए साल से पहले दिल्लीवालों के लिए एक खुशखबरी सामने आ रही है। रेखा गुप्ता सरकार एक ऐसा कदम उठाने की तैयारी कर रही है, जिससे वाहन चलाने वालों को बहुत राहत मिलने वाली है। सरकार पुराने चालानों को माफ करने के लिए एक योजना बना रही है। इस योजना के तहत दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग की तरफ से कटे चालान माफ हो सकते हैं। हालांकि इस योजना की कुछ शर्तें भी होने वाली हैं। इस योजना के प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो नए साल पर दिल्ली वालों को चालान माफ होने का गिफ्ट मिल सकता है।
ट्रैफिक चालानों से क्यों बढ़ी परेशानी?
दिल्ली में ओवरस्पीडिंग, रेड लाइट पार करना, हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं पहनना और नो पार्किंग वाले एरिया में गाड़ी पार्क कर देना जैसे मामलों में हर साल लाखों चालान कटते हैं। कई बार लोगों पर बार-बार चालान लगने से जुर्माने की राशि बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और लोग उस जुर्माने को भरने में समर्थ नहीं रहते हैं। सरकार का मानना है कि पुराने चालानों को खत्म करने से आम लोगों को राहत मिलेगी और वह आगे से नियमों को ज्यादा गंभीरता से पालन करेंगे।
किस योजना के तहत माफ होंगे चालान?
रेखा सरकार जिस योजना पर काम कर रही है, उसका नाम एमनेस्टी स्कीम है। इस स्कीम के तहत ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले लोगों को राहत दी जाएगी। इस योजना के तहत पहली बार ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को खास राहत दी जाएगी। माना जा रहा है कि स्कीम का फायदा उन्हीं लोगों को मिलेगा, जिनका रिकॉर्ड नॉर्मल है और बार-बार नियमों का उल्लंघन नहीं किया है। इस योजना के पीछे सरकार का उद्देश्य है कि लोगों को सजा देने के बजाय उन्हें सुधरने का मौका दिया जाए। सरकार का मानना है कि ऐसा करने से लोगों का ट्रैफिर सिस्टम पर भरोसा बढ़ेगा।
किन लोगों को नहीं मिलेगी राहत?
इस स्कीम से सभी लोगों का राहत नहीं मिलने वाली है। जिन ड्राइवरों ने बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़े हैं और जिनका ड्राइविंग लाइसेंस जब्त हो चुका है, उन्हें इस स्कीम से बाहर रखा गया है। लगातार नियमों को तोड़ने वाले लोगों पर सरकार चाहती है कि सख्ती बनी रहे, ताकि सड़कों पर डिसिप्लिन और सेफ्टी दोनों बने रहे।
लोक अदालत की तारीख बदली
ट्रैफिक चालानों से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए 13 दिसंबर को लोक अदालत होने वाली थी, लेकिन अब उसकी तारीख में बदलाव किया गया है। अब 10 जनवरी को लोक अदालत आयोजित की जाएगी। दिल्ली की सभी जिला अदालतों में एक ही दिन लोक अदालत लगाने का फैसला किया है। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग एक ही दिन में अपने चालान से जुड़े मामलों का निपटारा कर सकेंगे।


