महाराष्ट्र के नागपुर जिले की सबसे चर्चित सीट कामठी नगर परिषद (Kamptee Municipal Council Election) में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। अपने 40 साल के चुनावी इतिहास में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने यहां नगराध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया है। बीजेपी उम्मीदवार अजय अग्रवाल (Ajay Agrawal Won) ने कांटे की टक्कर में कांग्रेस के शकुर नगानी (Shakur Nagani) को मात्र 103 वोटों के मामूली अंतर से हराकर जीत का परचम लहराया।
कैसे पलटा पासा? कांग्रेस ने उठाए सवाल
कामठी का यह मुकाबला बेहद रोमांचक था। मतगणना के दौरान कांग्रेस के शकुर नगानी दिन भर बढ़त बनाए हुए थे, लेकिन अंतिम दौर की गिनती में पासा पलट गया और अजय अग्रवाल विजयी घोषित किए गए। इस वजह से नतीजों पर कांग्रेस नेता ने संदेह जताया है।
नगानी का आरोप है कि मतगणना के अधिकांश समय तक वे बढ़त बनाए हुए थे, लेकिन अंत के दौर में अचानक नतीजों का पलटना संदेह पैदा करता है। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अनियमितताओं की आशंका जताई है। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी की ओर इशारा करते हुए नाराजगी जाहिर की है।
कामठी की यह सीट पूरे नागपुर जिले में सबसे ज्यादा चर्चा में रही। चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवारों के बीच तीखी जुबानी जंग देखी गई, जो बाद में कथित भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों के आरोपों तक पहुंच गई। इसी वजह से यह सीट राजनीतिक हलकों में बेहद संवेदनशील मानी जा रही थी।
बीजेपी का दांव रहा सफल
नागपुर के संरक्षक मंत्री व भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के निर्वाचन क्षेत्र कामठी में बीजेपी ने पहली बार जीत का स्वाद चखा है। इस चुनाव में बीजेपी की रणनीति काम कर गई। पूर्व एमएलसी सुलैखा कुंभारे (Sulekha Kumbhare), जिनकी पार्टी ‘बहुजन रिपब्लिकन एकता मंच’ (BREM) बीजेपी की सहयोगी रही है, ने अजय कदम को मैदान में उतारा था। सुलैखा कुंभारे और नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के बीच अच्छे संबंध हैं, लेकिन बीजेपी ने इस बार गठबंधन के बजाय अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया।
बीजेपी पूरे जिले में अपना दबदबा चाहती थी, इसलिए उसने कुंभारे के साथ गठबंधन करने के बजाय अजय अग्रवाल को टिकट दिया। दूसरी ओर, कांग्रेस भी टिकट बंटवारे के विवादों से जूझती रही, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिला।
फडणवीस ने बताया महाराष्ट्र निकाय चुनाव में कैसे मिली प्रचंड जीत
महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। भाजपा ने नगर परिषद और नगर पंचायत अध्यक्ष के 117 पदों पर जीत हासिल की है। वहीं शिवसेना (एकनाथ शिंदे) को 53 और एनसीपी (अजित पवार) को 37 अध्यक्ष पद मिले हैं। विपक्षी खेमे की बात करें तो महाविकास आघाड़ी (MVA) के घटक दलों को तगड़ा झटका लगा है। कांग्रेस ने 28 अध्यक्ष पदों पर जीत दर्ज की, जबकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) को 9 और शरद पवार की एनसीपी को 7 अध्यक्ष पद हासिल हुए हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य की जनता का विशेष रूप से आभार जताते हुए कहा कि लोगों ने एक साल पहले विधानसभा चुनाव में दिए गए जनादेश को दोहराया है। नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि यह चुनाव पूरी तरह से सकारात्मक विकास एजेंडे पर लड़ा गया था। मैंने अपने पूरे अभियान के दौरान किसी भी राजनीतिक नेता या पार्टी की आलोचना नहीं की। हमने केवल अपने काम और भविष्य की योजनाओं के आधार पर वोट मांगे और जनता ने भरपूर आशीर्वाद दिया।
सीएम फडणवीस ने इस सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि अमित शाह, जेपी नड्डा, नितिन गडकरी जैसे वरिष्ठ नेताओं के भरोसे और प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले की टीम व कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत ने इस प्रचंड जीत को संभव बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक विपक्षी पार्टियां जनता से जुड़े मुद्दे नहीं उठाएंगी, वोट चोरी जैसे बेबुनियाद आरोप लगाएंगी, तब तक बीजेपी को चुनावों में फायदा मिलता रहेगा।


