केरल में छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के एक मजदूर की मौत का मामला सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस ने इसे बेहद दुखद घटना बताते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई और मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की है। वहीं, राज्य सरकार के एक मंत्री के बयान को लेकर भी सवाल उठाए हैं। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केरल में छत्तीसगढ़ के मजदूर राम नारायण बघेल को बांग्लादेशी समझकर भीड़ ने पीट दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि राम नारायण अपने परिवार की आजीविका के लिए केरल गया था, लेकिन उसी देश में उसकी जान चली गई। कांग्रेस का आरोप है कि देश में फैलाई जा रही नफरत का नतीजा ऐसी घटनाओं के रूप में सामने आ रहा है। शुक्ला ने कहा कि इससे भी दुर्भाग्यजनक यह है कि छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री को इस घटना की जानकारी तक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अब तक न तो इस मामले को गंभीरता से लिया है और न ही केरल सरकार से कोई औपचारिक आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस ने मांग की कि पीड़ित परिवार को न्याय मिले, दोषियों को सजा दी जाए और परिवार के भरण-पोषण के लिए एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए। क्या कहा था कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने मीडिया से कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है और न ही उन्होंने इस बारे में अखबारों में पढ़ा है। उन्होंने कहा कि वे मामले को समझने की कोशिश करेंगे। 17 दिसंबर की घटना, जानिए क्या हुआ पुलिस के मुताबिक, 17 दिसंबर को केरल के अट्टापल्लम इलाके में कुछ लोगों ने राम नारायण को चोरी के शक में पकड़ा और उसकी पिटाई कर दी। बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शरीर पर कई चोटों के निशान पाए गए। मामले में वालैयार थाने में अपराध क्रमांक 975/2025 के तहत केस दर्ज किया गया है। परिवार को देर से मिली मौत की जानकारी मृतक के चचेरे भाई शशिकांत बघेल ने बताया कि परिवार को शुरुआत में मौत की जानकारी नहीं दी गई थी। पुलिस ने सिर्फ यह कहा था कि राम नारायण थाने में है और तुरंत पहुंचने को कहा। बाद में उसकी मौत की खबर मिली। राम नारायण दो बच्चों के पिता थे, जिनकी उम्र 8 और 10 साल बताई जा रही है। परिजनों ने केरल सरकार और पुलिस प्रशासन की ओर से मुआवजे की घोषणा न होने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने तत्काल मुआवजा, दोषियों को कड़ी सजा और शव को पैतृक गांव तक पहुंचाने की मांग की है। मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान इस मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने पलक्कड़ जिला पुलिस प्रमुख से तीन सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 5 आरोपी गिरफ्तार घटना के बाद पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें मुरली, प्रसाद, अनु, बिपिन और आनंदन शामिल हैं। सभी आरोपी अट्टापल्लम गांव के रहने वाले बताए जा रहे हैं। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि राम नारायण का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।


