AI Voice Scam: इमैजिन करिए, शाम का वक्त है। आप घर पर चाय पी रहे हैं। अचानक फोन की घंटी बजती है। स्क्रीन पर नंबर अनजान है। आप फोन उठाते हैं और उधर से रोने-गिड़गिड़ाने की आवाज आती है, “पापा… मुझे बचा लो! मेरा एक्सीडेंट हो गया है… पुलिस वाले मुझे ले जा रहे हैं…” या “पापा, मुझे कुछ लोगों ने पकड़ लिया है…”
उस वक्त आपके पैरों तले जमीन खिसक जाती है। आवाज बिल्कुल आपके बेटे या बेटी जैसी है। वही बोलने का ढंग, वही डर… आप घबराहट में कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं।

लेकिन रुकिए, एक गहरी सांस लीजिए। हो सकता है आपका बेटा या बेटी बिल्कुल सुरक्षित हो और आप किसी ‘AI वॉयस क्लोनिंग’ (Voice Cloning) ठगी का शिकार होने वाले हों। जी हां, साइबर ठगों ने अब भावनाओं से खेलने का सबसे खतरनाक हथियार खोज लिया है। इस आर्टिकल में हम आपको इसी वॉइस क्लोनिंग के बारे में बताने वाले हैं, यह सब बताने का मकसद आपको डराना नहीं है बल्कि इस बात से अवगत करवाना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में ये संभव है। भारत सहित दुनिया में तमाम ऐसी घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें ऐसे ही साइबर क्राइम की घटनाओं को अंजाम दिया गया है।

AI Voice Scam: आखिर क्या है ये खतरनाक वर्चुअल किडनैपिंग?
तकनीक जितनी तेजी से बढ़ रही है, ठग उतनी ही तेजी से शातिर हो रहे हैं। इस नए स्कैम को ‘वर्चुअल किडनैपिंग’ (Virtual Kidnapping) या ‘AI वॉयस स्कैम’ कहा जा रहा है।
AI Voice Cloning: ठगों को आपकी आवाज चुराने के लिए चाहिए सिर्फ 3 सेकंड
हैरानी की बात यह है कि ठगों को आपकी या आपके बच्चे की आवाज चुराने के लिए घंटों की रिकॉर्डिंग नहीं चाहिए। मैकएफी (McAfee) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ 3 सेकंड का ऑडियो सैंपल काफी है किसी की भी आवाज को हूबहू कॉपी (Clone) करने के लिए।
ठगों के पास आवाज आती कहां से है? – इसका जवाब सोशल मीडिया है। हम और आप इंस्टाग्राम रील्स, फेसबुक वीडियो या स्टोरी पर अपनी आवाज के साथ वीडियो डालते हैं। ठग वहीं से ऑडियो उठाते हैं, उसे AI टूल्स में डालते हैं, और फिर कंप्यूटर से वही बुलवाते हैं जो वो चाहते हैं। चाहे वो रोना हो, चिल्लाना हो या मदद मांगना।

Real vs Fake Call: 10 सेकंड में ऐसे पहचानें असली और नकली का फर्क
अगर कभी ऐसा डरावना कॉल आए, तो पैनिक होने के बजाय ये 3 जादुई स्टेप्स फॉलो करें, सच सामने आ जाएगा।
आज ही अपने परिवार के साथ मिलकर एक कोडवर्ड’ या सेफ वर्ड तय कर लें। जैसे – बजरंगबली, पिंक पैंथर या घर के पालतू कुत्ते का पुराना नाम… जब भी ऐसा कोई कॉल आए, तो रोते हुए बच्चे से तुरंत पूछें, “बेटा, हमारा सेफ वर्ड क्या है?” यकीन मानिए, दुनिया का कोई भी AI इसका जवाब नहीं दे पाएगा। ठग वहीं फोन काट देगा।
फोन काटें और खुद कॉल मिलाएं: जिस नंबर से कॉल आया है, उस पर भरोसा न करें। फोन काट दें और अपने बेटे/बेटी को उनके पुराने/असली नंबर पर कॉल करें। 99% मामलों में वो फोन उठाएंगे और कहेंगे, “क्या हुआ पापा? मैं तो ठीक हूं”।
सवाल वो पूछें, जिसका जवाब सिर्फ उसे ही पता हो: अगर सेफ वर्ड याद न आए, तो कोई टेढ़ा सवाल पूछें। जैसे “तेरी बुआ कल क्या लाई थीं?” या “हमने पिछले संडे डिनर में क्या खाया था?”। AI के पास आपकी पर्सनल लाइफ का डेटा नहीं होता है।
Cyber Fraud Alert: पैनिक में आकर ये 3 गलतियां कभी न करें
पैसे तुरंत न भेजें: ठग हमेशा जल्दबाजी मचाएंगे, “अभी 50 हजार डालो वरना पुलिस केस कर देगा” या “किडनैपर मार देगा”। उनका मकसद आपको सोचने का वक्त न देना है।

आवाज ध्यान से सुनें: AI आवाज अक्सर सपाट होती है या उसमें सांस लेने की नेचुरल आवाज नहीं होती है। कभी-कभी बीच में अजीब सा सन्नाटा (Pause) होता है।
ऑडियो शेयरिंग कम करें: अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल को प्राइवेट रखें या कम से कम अपनी असली आवाज वाले वीडियो पब्लिक करने से बचें।
पत्रिका की सलाह: यह खबर सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं है, इसे आज रात खाने की टेबल पर अपने परिवार को सुनाएं। एक छोटा सा ‘Safe Word’ आपके लाखों रुपये और मानसिक तनाव बचा सकता है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।


