कैमूर में शीतलहर का प्रकोप जारी है। न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। ठंड से परेशान लोग घरों में रहने को मजबूर हैं और बहुत जरूरी काम होने पर ही बाहर निकल रहे हैं। ठंड से बचाव के लिए भभुआ शहर में नगर परिषद और अंचलाधिकारी द्वारा 7-8 स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है। इन अलावों से आने-जाने वाले लोगों को कुछ राहत मिल रही है। तीन दिन के बच्चे का इलाज कराने आई सदर अस्पताल भभुआ में देर रात तक मरीजों के परिजन बच्चों के इलाज के लिए पहुंचे, जहां वे अलाव तापते देखे गए। मीना देवी ने बताया कि वह अपने तीन दिन के बच्चे का इलाज कराने आई हैं और रात भर अलाव से काफी राहत मिलती है। ठंड और कोहरे के कारण अलाव ही एकमात्र सहारा इसी तरह, अपने बच्चे का इलाज कराने आए अरुण कुमार ने बताया कि उनके बच्चे की हालत गंभीर है और सदर अस्पताल में भर्ती है। उन्होंने कहा कि ठंड और कोहरे के कारण अलाव ही एकमात्र सहारा है, जिसके बिना रात काटना मुश्किल है। अस्पताल परिसर में अलाव के चारों ओर भीड़ लगी रहती है। डॉक्टरों के अनुसार, ठंड के कारण सांस और त्वचा संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। प्रशासन ने अलाव की संख्या बढ़ाने का आश्वासन दिया है। 48 घंटों में ठंड और तेज होने की चेतावनी दी हालांकि, ग्रामीण इलाकों में अभी भी अलाव की कमी बनी हुई है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में ठंड और तेज होने की चेतावनी दी है। शीतलहर के कारण स्कूल बंद कर दिए गए हैं और यातायात भी प्रभावित हुआ है। कैमूर में शीतलहर का प्रकोप जारी है। न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। ठंड से परेशान लोग घरों में रहने को मजबूर हैं और बहुत जरूरी काम होने पर ही बाहर निकल रहे हैं। ठंड से बचाव के लिए भभुआ शहर में नगर परिषद और अंचलाधिकारी द्वारा 7-8 स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है। इन अलावों से आने-जाने वाले लोगों को कुछ राहत मिल रही है। तीन दिन के बच्चे का इलाज कराने आई सदर अस्पताल भभुआ में देर रात तक मरीजों के परिजन बच्चों के इलाज के लिए पहुंचे, जहां वे अलाव तापते देखे गए। मीना देवी ने बताया कि वह अपने तीन दिन के बच्चे का इलाज कराने आई हैं और रात भर अलाव से काफी राहत मिलती है। ठंड और कोहरे के कारण अलाव ही एकमात्र सहारा इसी तरह, अपने बच्चे का इलाज कराने आए अरुण कुमार ने बताया कि उनके बच्चे की हालत गंभीर है और सदर अस्पताल में भर्ती है। उन्होंने कहा कि ठंड और कोहरे के कारण अलाव ही एकमात्र सहारा है, जिसके बिना रात काटना मुश्किल है। अस्पताल परिसर में अलाव के चारों ओर भीड़ लगी रहती है। डॉक्टरों के अनुसार, ठंड के कारण सांस और त्वचा संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। प्रशासन ने अलाव की संख्या बढ़ाने का आश्वासन दिया है। 48 घंटों में ठंड और तेज होने की चेतावनी दी हालांकि, ग्रामीण इलाकों में अभी भी अलाव की कमी बनी हुई है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में ठंड और तेज होने की चेतावनी दी है। शीतलहर के कारण स्कूल बंद कर दिए गए हैं और यातायात भी प्रभावित हुआ है।


