सीवान नगर परिषद की मनमानी और घोर लापरवाही के खिलाफ अब शहर के नागरिक खुलकर सड़क पर उतरने लगे हैं। शहर के मखदूम सराय मुहल्ले सहित कई ऐसे मुहल्ले हैं, जहां सालों से नाले का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है, लेकिन नगर परिषद कुंभकर्णी नींद में सोई हुई है। ताजा मामला मखदूम सराय मुहल्ले का है, जहां सालों भर नाले का पानी सड़क पर बहता रहता है और लोगों को इसी गंदे पानी के बीच से गुजरकर मंदिर, स्कूल और अन्य जरूरी जगहों पर जाना पड़ता है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इसी मुहल्ले की निवासी खुद नगर परिषद की अध्यक्षा सेम्पी गुप्ता हैं, जो प्रतिदिन इसी रास्ते से आवाजाही करती हैं। इसके बावजूद न तो समस्या का समाधान हुआ और न ही कोई ठोस पहल की गई। छोटे-छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग नाले के पानी को पार करने को मजबूर हैं, जिससे आए दिन हादसों की आशंका बनी रहती है। सड़क पर आगजनी कर घंटों तक यातायात जाम नगर परिषद और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से आक्रोशित मुहल्लेवासियों का सब्र आखिरकार सोमवार की सुबह टूट गया। लोगों ने स्टेशन रोड के सराय मोड़ के समीप सड़क पर आगजनी कर घंटों तक यातायात जाम कर दिया। प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद नाला निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदार की लोगों ने जमकर पिटाई कर दी। आक्रोशित लोगों का आरोप है कि बिना किसी नियम और मानक के जबरन नाले का निर्माण कराया जा रहा है। ‘टेंडर खत्म हो जाएगा, जैसे मन करेगा वैसे निर्माण करवाएंगे’ स्थानीय लोगों का कहना है कि वार्ड पार्षद सोनू सिंह द्वारा नियमों को ताक पर रखकर नाला निर्माण कराया जा रहा है। जब मुहल्लेवासियों ने इसका विरोध किया तो ठेकेदार ने कथित तौर पर कहा कि “टेंडर खत्म हो जाएगा, जैसे मन करेगा वैसे निर्माण करवाएंगे।” इसी बयान के बाद लोगों का गुस्सा और भड़क गया। लगभग चार घंटे तक सड़क जाम हैरानी की बात यह रही कि लगभग चार घंटे तक सड़क जाम रहने के बावजूद न तो एसडीओ मौके पर पहुंचे, न ही नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी विपिन कुमार और न ही कोई अन्य प्रशासनिक अधिकारी। सड़क जाम के कारण राहगीरों को घंटों परेशानी झेलनी पड़ी, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई गई। मुहल्लेवासियों का आरोप है कि वे नगर परिषद, वार्ड पार्षद, अध्यक्षा और जिले के वरीय अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने सुध लेने की जहमत नहीं उठाई। न वार्ड पार्षद मौके पर आते हैं, न अध्यक्षा और न ही नगर परिषद के ईओ। सफाई के नाम पर जनता पर नया टैक्स वहीं नगर परिषद के ईओ विपिन कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन द्वारा सफाई के नाम पर जनता पर नया टैक्स थोपा जा रहा है, लेकिन उस टैक्स का वास्तविक लाभ जनता तक पहुंचे, इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? सवाल यह है कि टैक्स तो जनता दे रही है, लेकिन बदले में गंदगी, जलजमाव और लापरवाही ही क्यों मिल रही है। सीवान नगर परिषद की मनमानी और घोर लापरवाही के खिलाफ अब शहर के नागरिक खुलकर सड़क पर उतरने लगे हैं। शहर के मखदूम सराय मुहल्ले सहित कई ऐसे मुहल्ले हैं, जहां सालों से नाले का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है, लेकिन नगर परिषद कुंभकर्णी नींद में सोई हुई है। ताजा मामला मखदूम सराय मुहल्ले का है, जहां सालों भर नाले का पानी सड़क पर बहता रहता है और लोगों को इसी गंदे पानी के बीच से गुजरकर मंदिर, स्कूल और अन्य जरूरी जगहों पर जाना पड़ता है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इसी मुहल्ले की निवासी खुद नगर परिषद की अध्यक्षा सेम्पी गुप्ता हैं, जो प्रतिदिन इसी रास्ते से आवाजाही करती हैं। इसके बावजूद न तो समस्या का समाधान हुआ और न ही कोई ठोस पहल की गई। छोटे-छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग नाले के पानी को पार करने को मजबूर हैं, जिससे आए दिन हादसों की आशंका बनी रहती है। सड़क पर आगजनी कर घंटों तक यातायात जाम नगर परिषद और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से आक्रोशित मुहल्लेवासियों का सब्र आखिरकार सोमवार की सुबह टूट गया। लोगों ने स्टेशन रोड के सराय मोड़ के समीप सड़क पर आगजनी कर घंटों तक यातायात जाम कर दिया। प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद नाला निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदार की लोगों ने जमकर पिटाई कर दी। आक्रोशित लोगों का आरोप है कि बिना किसी नियम और मानक के जबरन नाले का निर्माण कराया जा रहा है। ‘टेंडर खत्म हो जाएगा, जैसे मन करेगा वैसे निर्माण करवाएंगे’ स्थानीय लोगों का कहना है कि वार्ड पार्षद सोनू सिंह द्वारा नियमों को ताक पर रखकर नाला निर्माण कराया जा रहा है। जब मुहल्लेवासियों ने इसका विरोध किया तो ठेकेदार ने कथित तौर पर कहा कि “टेंडर खत्म हो जाएगा, जैसे मन करेगा वैसे निर्माण करवाएंगे।” इसी बयान के बाद लोगों का गुस्सा और भड़क गया। लगभग चार घंटे तक सड़क जाम हैरानी की बात यह रही कि लगभग चार घंटे तक सड़क जाम रहने के बावजूद न तो एसडीओ मौके पर पहुंचे, न ही नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी विपिन कुमार और न ही कोई अन्य प्रशासनिक अधिकारी। सड़क जाम के कारण राहगीरों को घंटों परेशानी झेलनी पड़ी, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई गई। मुहल्लेवासियों का आरोप है कि वे नगर परिषद, वार्ड पार्षद, अध्यक्षा और जिले के वरीय अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने सुध लेने की जहमत नहीं उठाई। न वार्ड पार्षद मौके पर आते हैं, न अध्यक्षा और न ही नगर परिषद के ईओ। सफाई के नाम पर जनता पर नया टैक्स वहीं नगर परिषद के ईओ विपिन कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन द्वारा सफाई के नाम पर जनता पर नया टैक्स थोपा जा रहा है, लेकिन उस टैक्स का वास्तविक लाभ जनता तक पहुंचे, इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? सवाल यह है कि टैक्स तो जनता दे रही है, लेकिन बदले में गंदगी, जलजमाव और लापरवाही ही क्यों मिल रही है।


