Rajasthan Electricity Department : अजमेर डिस्कॉम के बांसवाड़ा वृत में चार माह से ज्यादा समय से अधिशासी अभियंता बांसवाड़ा की कुर्सी खाली है। निगम में जिला स्तर पर अधीक्षण अभियंता के बाद सैकंड अफसर का पद बेहद अहम है। इसके अभाव में कामकाज प्रभावित होता है। चाहे औद्योगिक हो या अन्य प्रकृति की शिकायतों पर सुनवाई नहीं होने से उपभोक्ता धक्के खाने को विवश हैं।
गौरतलब है कि इस साल निगम में अफसरों के तबादलों के दौरान अधिशासी अभियंता पीएस नायक को मीटर सेक्शन में भेजते हुए उनकी जगह प्रोजेक्ट से जेआर गुप्ता को लगाया गया। फिर गुप्ता पदोन्नत होकर अधीक्षण अभियंता विजिलेंस बनकर अजमेर चले गए। तब से यहां स्थायी अधिकारी नहीं लगाए गए।
इस बीच, बागीदौरा में भी अधिशासी अभियंता केएल मीणा को बांसवाड़ा ईएसइन का अतिरिक्त जिम्मा सौंप दिया गया। अब चूंकि एक अधिकारी दो जगह का काम देख रहा है तो अक्सर बांसवाड़ा में कुर्सी खाली ही मिल रही है।
यहां उलझ रहा काम काज
अधिशासी अभियंता की जिम्मेदारियों में उनके स्तर की फाइलों के निस्तारण के साथ एसई जिले से बाहर या अवकाश पर जाने पर उनका दायित्व भी संभालने का हैं। इसके दीगर, उपभोक्ताओं की शिकायतों पर सुनवाई और औद्योगिक शिकायतों पर बैठकें लेकर निस्तारण कराने के साथ शिविरों के फॉलोअप और सरकार की विभिन्न योजनाओं विभागीय सहभागिता से प्रगति लाने में सहयोग करना है। रबी की सफल में सिंचाई के दौर में अभी हाल यह कि सप्लाई मैनेजमेंट देखने वाला कोई नहीं है।
एसई से एईएन के दफ्तर घूम रहे उपभोक्ता
एसई के बाद का पद होने से एसई के जिले से बाहर या अवकाश पर जाने पर उनका दायित्व जिला मुख्यालय के इएक्सइन ही संभालते हैं। बांसवाड़ा में पद खाली होने से एसई के अभाव में संकट है ही, अधिशासी अभियंता स्तर पर निस्तारित होने वाली शिकायतें अब अदने एईएन या उससे ऊपर एसई स्तर तक पहुंच रही है। चूंकि एईएन अपने से उच्च स्तर के निर्णय में सक्षम नहीं हैं, इसलिए वे फिर हाथ खड़े कर रहे तो उपभोक्ता फिर आदेश लेकर सहायक अभियंता कार्यालय की दौड़ लगा रहे हैं।
इस संबंध में कार्रवाई शीघ्र
बांसवाड़ा में अधिशासी अभियंता के रिक्त पद से दिक्कतें संज्ञान में नहीं थी। अब इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी।
आरती डोगरा, सीएमडी डिस्कॉम


